\p \v=6 \v~=\w और|x-occurrence="1" x-occurrences="1"\w* \it \w जो|x-occurrence="1" x-occurrences="1"\w* \w नगर|x-occurrence="1" x-occurrences="1"\w* \w तुम|x-occurrence="1" x-occurrences="1"\w* \w लेवियों|x-occurrence="1" x-occurrences="1"\w* \w को|x-occurrence="1" x-occurrences="1"\w* \w दोगे|x-occurrence="1" x-occurrences="1"\w* \w उनमें|x-occurrence="1" x-occurrences="1"\w* \w से|x-occurrence="1" x-occurrences="1"\w* \w छः|x-occurrence="1" x-occurrences="1"\w*\f + \fr 35.6 \fq जो नगर तुम लेवियों को दोगे उनमें से छः \ft शरण नगर हों। : इन शरण नगरों में मनुष्यों के हत्यारे परमेश्वर की दया द्वारा निर्धारित विशेष प्रावधान के अधीन शुरक्षा में रहेंगे। इन नगरों को उचित रूप से चुना गया था। नि:सन्देह पुरोहित एवं लेवी संदिग्ध स्थितियों में नियम लागू करने के लिए सबसे अधिक उचित व्यक्ति होंगे जिसका होना निश्चित हैं। \f* \it* * शरणनगर हों, जिन्हें तुम को खूनी के भागने के लिये ठहराना होगा, और उनसे अधिक बयालीस नगर और भी देना। \¬v \¬p