; TITLE: हिन्दी (Hindi) ; ABBREVIATION: HI-IRV ; HAS ITALICS ; HAS FOOTNOTES ; HAS REDLETTER $$ JOS 1:1 ¶ यहोवा के दास मूसा की मृत्यु के बाद यहोवा ने उसके सेवक यहोशू से जो नून का पुत्र था कहा $$ JOS 1:2 मेरा दास मूसा मर गया है; सो अब तू उठ कमर बाँध और इस सारी प्रजा समेत यरदन पार होकर उस देश को जा जिसे मैं उनको अर्थात् इस्राएलियों को देता हूँ। $$ JOS 1:3 उस वचन के अनुसार जो मैंने मूसा से कहा अर्थात् जिस-जिस स्थान पर तुम पाँव रखोगे वह सब मैं तुम्हें दे देता हूँ। $$ JOS 1:4 जंगल और उस लबानोन से लेकर फरात महानद तक और सूर्यास्त की ओर महासमुद्र तक हित्तियों का सारा देश तुम्हारा भाग ठहरेगा। $$ JOS 1:5 तेरे जीवन भर कोई तेरे सामने ठहर न सकेगा; जैसे मैं मूसा के संग रहा वैसे ही तेरे संग भी रहूँगा; और न तो मैं तुझे धोखा दूँगा और न तुझको छोड़ूँगा। $$ JOS 1:6 इसलिए हियाव बाँधकर दृढ़ हो जा; क्योंकि जिस देश के देने की शपथ मैंने इन लोगों के पूर्वजों से खाई थी उसका अधिकारी तू इन्हें करेगा। $$ JOS 1:7 इतना हो कि तू हियाव बाँधकर और बहुत दृढ़ होकर जो व्यवस्था मेरे दास मूसा ने तुझे दी है उन सब के अनुसार करने में चौकसी करना; और उससे न तो दाएँ मुड़ना और न बाएँ तब जहाँ-जहाँ तू जाएगा वहाँ-वहाँ तेरा काम सफल होगा। $$ JOS 1:8 व्यवस्था की यह पुस्तक तेरे चित्त से कभी न उतरने पाए इसी में दिन-रात ध्यान दिए रहना इसलिए कि जो कुछ उसमें लिखा है उसके अनुसार करने की तू चौकसी करे; क्योंकि ऐसा ही करने से तेरे सब काम सफल होंगे और तू प्रभावशाली होगा। $$ JOS 1:9 क्या मैंने तुझे आज्ञा नहीं दी? हियाव बाँधकर दृढ़ हो जा; भय न खा और तेरा मन कच्चा न हो; क्योंकि जहाँ-जहाँ तू जाएगा वहाँ-वहाँ तेरा परमेश्‍वर यहोवा तेरे संग रहेगा। $$ JOS 1:10 तब यहोशू ने प्रजा के सरदारों को यह आज्ञा दी $$ JOS 1:11 छावनी में इधर-उधर जाकर प्रजा के लोगों को यह आज्ञा दो कि अपने-अपने लिए भोजन तैयार कर रखो; क्योंकि तीन दिन के भीतर तुम को इस यरदन के पार उतरकर उस देश को अपने अधिकार में लेने के लिये जाना है जिसे तुम्हारा परमेश्‍वर यहोवा तुम्हारे अधिकार में देनेवाला है। $$ JOS 1:12 फिर यहोशू ने रूबेनियों गादियों और मनश्शे के आधे गोत्र के लोगों से कहा $$ JOS 1:13 जो बात यहोवा के दास मूसा ने तुम से कही थी कि तुम्हारा परमेश्‍वर यहोवा तुम्हें विश्राम देता है और यही देश तुम्हें देगा उसकी सुधि करो। $$ JOS 1:14 तुम्हारी स्त्रियाँ बाल-बच्चे और पशु तो इस देश में रहें जो मूसा ने तुम्हें यरदन के इस पार दिया परन्तु तुम जो शूरवीर हो पाँति बाँधे हुए अपने भाइयों के आगे-आगे पार उतर चलो और उनकी सहायता करो; $$ JOS 1:15 और जब यहोवा उनको ऐसा विश्राम देगा जैसा वह तुम्हें दे चुका है और वे भी तुम्हारे परमेश्‍वर यहोवा के दिए हुए देश के अधिकारी हो जाएँगे; तब तुम अपने अधिकार के देश में जो यहोवा के दास मूसा ने यरदन के इस पार सूर्योदय की ओर तुम्हें दिया है लौटकर इसके अधिकारी होंगे। $$ JOS 1:16 तब उन्होंने यहोशू को उत्तर दिया जो कुछ तूने हमें करने की आज्ञा दी है वह हम करेंगे और जहाँ कहीं तू हमें भेजे वहाँ हम जाएँगे। $$ JOS 1:17 जैसे हम सब बातों में मूसा की मानते थे वैसे ही तेरी भी माना करेंगे; इतना हो कि तेरा परमेश्‍वर यहोवा जैसा मूसा के संग रहता था वैसे ही तेरे संग भी रहे। $$ JOS 1:18 कोई क्यों न हो जो तेरे विरुद्ध बलवा करे और जितनी आज्ञाएँ तू दे उनको न माने तो वह मार डाला जाएगा। परन्तु तू दृढ़ और हियाव बाँधे रह। $$ JOS 2:1 ¶ तब नून के पुत्र यहोशू ने दो भेदियों को शित्तीम से चुपके से भेज दिया और उनसे कहा जाकर उस देश और यरीहो को देखो। तुरन्त वे चल दिए और राहाब नामक किसी वेश्या के घर में जाकर सो गए। $$ JOS 2:2 तब किसी ने यरीहो के राजा से कहा आज की रात कई एक इस्राएली हमारे देश का भेद लेने को यहाँ आए हुए हैं। $$ JOS 2:3 तब यरीहो के राजा ने राहाब के पास यह कहला भेजा जो पुरुष तेरे यहाँ आए हैं उन्हें बाहर ले आ; क्योंकि वे सारे देश का भेद लेने को आए हैं। $$ JOS 2:4 उस स्त्री ने दोनों पुरुषों को छिपा रखा; और इस प्रकार कहा मेरे पास कई पुरुष आए तो थे परन्तु मैं नहीं जानती कि वे कहाँ के थे; $$ JOS 2:5 और जब अंधेरा हुआ और फाटक बन्द होने लगा तब वे निकल गए; मुझे मालूम नहीं कि वे कहाँ गए; तुम फुर्ती करके उनका पीछा करो तो उन्हें जा पकड़ोगे। $$ JOS 2:6 उसने उनको घर की छत पर चढ़ाकर सनई की लकड़ियों के नीचे छिपा दिया था जो उसने छत पर सजा कर रखी थी। $$ JOS 2:7 वे पुरुष तो यरदन का मार्ग ले उनकी खोज में घाट तक चले गए; और ज्यों ही उनको खोजनेवाले फाटक से निकले त्यों ही फाटक बन्द किया गया। $$ JOS 2:8 और ये लेटने न पाए थे कि वह स्त्री छत पर इनके पास जाकर $$ JOS 2:9 इन पुरुषों से कहने लगी मुझे तो निश्चय है कि यहोवा ने तुम लोगों को यह देश दिया है और तुम्हारा भय हम लोगों के मन में समाया है और इस देश के सब निवासी तुम्हारे कारण घबरा रहे हैं। $$ JOS 2:10 क्योंकि हमने सुना है कि यहोवा ने तुम्हारे मिस्र से निकलने के समय तुम्हारे सामने लाल समुद्र का जल सूखा दिया। और तुम लोगों ने सीहोन और ओग नामक यरदन पार रहनेवाले एमोरियों के दोनों राजाओं का सत्यानाश कर डाला है। $$ JOS 2:11 और यह सुनते ही हमारा मन पिघल गया और तुम्हारे कारण किसी के जी में जी न रहा; क्योंकि तुम्हारा परमेश्‍वर यहोवा ऊपर के आकाश का और नीचे की पृथ्वी का परमेश्‍वर है। $$ JOS 2:12 अब मैंने जो तुम पर दया की है इसलिए मुझसे यहोवा की शपथ खाओ कि तुम भी मेरे पिता के घराने पर दया करोगे और इसका सच्चा चिन्ह मुझे दो $$ JOS 2:13 कि तुम मेरे माता-पिता भाइयों और बहनों को और जो कुछ उनका है उन सभी को भी जीवित रख छोड़ो और हम सभी का प्राण मरने से बचाओगे। $$ JOS 2:14 तब उन पुरुषों ने उससे कहा यदि तू हमारी यह बात किसी पर प्रगट न करे तो तुम्हारे प्राण के बदले हमारा प्राण जाए; और जब यहोवा हमको यह देश देगा तब हम तेरे साथ कृपा और सच्चाई से बर्ताव करेंगे। $$ JOS 2:15 तब राहाब जिसका घर शहरपनाह पर बना था और वह वहीं रहती थी उसने उनको खिड़की से रस्सी के बल उतार के नगर के बाहर कर दिया। $$ JOS 2:16 और उसने उनसे कहा पहाड़ को चले जाओ ऐसा न हो कि खोजनेवाले तुम को पाएँ; इसलिए जब तक तुम्हारे खोजनेवाले लौट न आएँ तब तक अर्थात् तीन दिन वहीं छिपे रहना उसके बाद अपना मार्ग लेना। $$ JOS 2:17 उन्होंने उससे कहा जो शपथ तूने हमको खिलाई है उसके विषय में हम तो निर्दोष रहेंगे। $$ JOS 2:18 सुन जब हम लोग इस देश में आएँगे तब जिस खिड़की से तूने हमको उतारा है उसमें यही लाल रंग के सूत की डोरी बाँध देना; और अपने माता पिता भाइयों वरन् अपने पिता के घराने को इसी घर में अपने पास इकट्ठा कर रखना। $$ JOS 2:19 तब जो कोई तेरे घर के द्वार से बाहर निकले उसके खून का दोष उसी के सिर पड़ेगा और हम निर्दोष ठहरेंगे: परन्तु यदि तेरे संग घर में रहते हुए किसी पर किसी का हाथ पड़े तो उसके खून का दोष हमारे सिर पर पड़ेगा। $$ JOS 2:20 फिर यदि तू हमारी यह बात किसी पर प्रगट करे तो जो शपथ तूने हमको खिलाई है उससे हम स्वतंत्र ठहरेंगे। $$ JOS 2:21 उसने कहा तुम्हारे वचनों के अनुसार हो। तब उसने उनको विदा किया और वे चले गए; और उसने लाल रंग की डोरी को खिड़की में बाँध दिया। $$ JOS 2:22 और वे जाकर पहाड़ तक पहुँचे और वहाँ खोजनेवालों के लौटने तक अर्थात् तीन दिन तक रहे; और खोजनेवाले उनको सारे मार्ग में ढूँढ़ते रहे और कहीं न पाया। $$ JOS 2:23 तब वे दोनों पुरुष पहाड़ से उतरे और पार जाकर नून के पुत्र यहोशू के पास पहुँचकर जो कुछ उन पर बीता था उसका वर्णन किया। $$ JOS 2:24 और उन्होंने यहोशू से कहा निःसन्देह यहोवा ने वह सारा देश हमारे हाथ में कर दिया है; फिर इसके सिवाय उसके सारे निवासी हमारे कारण घबरा रहे हैं। $$ JOS 3:1 ¶ यहोशू सवेरे उठा और सब इस्राएलियों को साथ ले शित्तीम से कूच कर यरदन के किनारे आया; और वे पार उतरने से पहले वहीं टिक गए। $$ JOS 3:2 और तीन दिन के बाद सरदारों ने छावनी के बीच जाकर $$ JOS 3:3 प्रजा के लोगों को यह आज्ञा दी जब तुम को अपने परमेश्‍वर यहोवा की वाचा का सन्दूक और उसे उठाए हुए लेवीय याजक भी दिखाई दें तब अपने स्थान से कूच करके उसके पीछे-पीछे चलना $$ JOS 3:4 परन्तु उसके और तुम्हारे बीच में दो हजार हाथ के लगभग अन्तर रहे; तुम सन्दूक के निकट न जाना। ताकि तुम देख सको कि किस मार्ग से तुम को चलना है क्योंकि अब तक तुम इस मार्ग पर होकर नहीं चले। $$ JOS 3:5 फिर यहोशू ने प्रजा के लोगों से कहा तुम अपने आप को पवित्र करो; क्योंकि कल के दिन यहोवा तुम्हारे मध्य में आश्चर्यकर्म करेगा। $$ JOS 3:6 तब यहोशू ने याजकों से कहा वाचा का सन्दूक उठाकर प्रजा के आगे-आगे चलो। तब वे वाचा का सन्दूक उठाकर आगे-आगे चले। $$ JOS 3:7 तब यहोवा ने यहोशू से कहा आज के दिन से मैं सब इस्राएलियों के सम्मुख तेरी प्रशंसा करना आरम्भ करूँगा जिससे वे जान लें कि जैसे मैं मूसा के संग रहता था वैसे ही मैं तेरे संग भी हूँ। $$ JOS 3:8 और तू वाचा के सन्दूक के उठानेवाले याजकों को यह आज्ञा दे ‘जब तुम यरदन के जल के किनारे पहुँचो तब यरदन में खड़े रहना’। $$ JOS 3:9 तब यहोशू ने इस्राएलियों से कहा पास आकर अपने परमेश्‍वर यहोवा के वचन सुनो। $$ JOS 3:10 और यहोशू कहने लगा इससे तुम जान लोगे कि जीवित परमेश्‍वर तुम्हारे मध्य में है और वह तुम्हारे सामने से निःसन्देह कनानियों हित्तियों हिव्वियों परिज्जियों गिर्गाशियों एमोरियों और यबूसियों को उनके देश में से निकाल देगा। $$ JOS 3:11 सुनो पृथ्वी भर के प्रभु की वाचा का सन्दूक तुम्हारे आगे-आगे यरदन में जाने को है। $$ JOS 3:12 इसलिए अब इस्राएल के गोत्रों में से बारह पुरुषों को चुन लो वे एक-एक गोत्र में से एक पुरुष हो। $$ JOS 3:13 और जिस समय पृथ्वी भर के प्रभु यहोवा की वाचा का सन्दूक उठानेवाले याजकों के पाँव यरदन के जल में पड़ेंगे उस समय यरदन का ऊपर से बहता हुआ जल थम जाएगा और ढेर होकर ठहरा रहेगा। $$ JOS 3:14 इसलिए जब प्रजा के लोगों ने अपने डेरों से यरदन पार जाने को कूच किया और याजक वाचा का सन्दूक उठाए हुए प्रजा के आगे-आगे चले $$ JOS 3:15 और सन्दूक के उठानेवाले यरदन पर पहुँचे और सन्दूक के उठानेवाले याजकों के पाँव यरदन के तट के जल में पड़े $$ JOS 3:16 तब जो जल ऊपर की ओर से बहा आता था वह बहुत दूर अर्थात् आदाम नगर के पास जो सारतान के निकट है रुककर एक ढेर हो गया और दीवार सा उठा रहा और जो जल अराबा का ताल जो खारा ताल भी कहलाता है उसकी ओर बहा जाता था वह पूरी रीति से सूख गया; और प्रजा के लोग यरीहो के सामने पार उतर गए। $$ JOS 3:17 और याजक यहोवा की वाचा का सन्दूक उठाए हुए यरदन के बीचों बीच पहुँचकर स्थल पर स्थिर खड़े रहे और सब इस्राएली स्थल ही स्थल पार उतरते रहे अन्त में उस सारी जाति के लोग यरदन पार हो गए।। $$ JOS 4:1 ¶ जब उस सारी जाति के लोग यरदन के पार उतर चुके तब यहोवा ने यहोशू से कहा $$ JOS 4:2 प्रजा में से बारह पुरुष अर्थात्-गोत्र पीछे एक-एक पुरुष को चुनकर यह आज्ञा दे $$ JOS 4:3 ‘तुम यरदन के बीच में जहाँ याजकों ने पाँव धरे थे वहाँ से बारह पत्थर उठाकर अपने साथ पार ले चलो और जहाँ आज की रात पड़ाव होगा वहीं उनको रख देना’। $$ JOS 4:4 तब यहोशू ने उन बारह पुरुषों को जिन्हें उसने इस्राएलियों के प्रत्येक गोत्र में से छांटकर ठहरा रखा था $$ JOS 4:5 बुलवाकर कहा तुम अपने परमेश्‍वर यहोवा के सन्दूक के आगे यरदन के बीच में जाकर इस्राएलियों के गोत्रों की गिनती के अनुसार एक-एक पत्थर उठाकर अपने-अपने कंधे पर रखो $$ JOS 4:6 जिससे यह तुम लोगों के बीच चिन्ह ठहरे और आगे को जब तुम्हारे बेटे यह पूछें ‘इन पत्थरों का क्या मतलब है?’ $$ JOS 4:7 तब तुम उन्हें यह उत्तर दो कि यरदन का जल यहोवा की वाचा के सन्दूक के सामने से दो भाग हो गया था; क्योंकि जब वह यरदन पार आ रहा था तब यरदन का जल दो भाग हो गया। अतः वे पत्थर इस्राएल को सदा के लिये स्मरण दिलानेवाले ठहरेंगे। $$ JOS 4:8 यहोशू की इस आज्ञा के अनुसार इस्रएलियों ने किया जैसा यहोवा ने यहोशू से कहा था वैसा ही उन्होंने इस्राएली गोत्रों की गिनती के अनुसार बारह पत्थर यरदन के बीच में से उठा लिए; और उनको अपने साथ ले जाकर पड़ाव में रख दिया। $$ JOS 4:9 और यरदन के बीच जहाँ याजक वाचा के सन्दूक को उठाए हुए अपने पाँव धरे थे वहाँ यहोशू ने बारह पत्थर खड़े कराए; वे आज तक वहीं पाए जाते हैं। $$ JOS 4:10 और याजक सन्दूक उठाए हुए उस समय तक यरदन के बीच खड़े रहे जब तक वे सब बातें पूरी न हो चुकीं जिन्हें यहोवा ने यहोशू को लोगों से कहने की आज्ञा दी थी। तब सब लोग फुर्ती से पार उतर गए; $$ JOS 4:11 और जब सब लोग पार उतर चुके तब याजक और यहोवा का सन्दूक भी उनके देखते पार हुए। $$ JOS 4:12 और रूबेनी गादी और मनश्शे के आधे गोत्र के लोग मूसा के कहने के अनुसार इस्राएलियों के आगे पाँति बाँधे हुए पार गए; $$ JOS 4:13 अर्थात् कोई चालीस हजार पुरुष युद्ध के हथियार बाँधे हुए संग्राम करने के लिये यहोवा के सामने पार उतरकर यरीहो के पास के अराबा में पहुँचे। $$ JOS 4:14 उस दिन यहोवा ने सब इस्राएलियों के सामने यहोशू की महिमा बढ़ाई; और जैसे वे मूसा का भय मानते थे वैसे ही यहोशू का भी भय उसके जीवन भर मानते रहे। $$ JOS 4:15 और यहोवा ने यहोशू से कहा $$ JOS 4:16 साक्षी का सन्दूक उठानेवाले याजकों को आज्ञा दे कि यरदन में से निकल आएँ। $$ JOS 4:17 तो यहोशू ने याजकों को आज्ञा दी यरदन में से निकल आओ। $$ JOS 4:18 और ज्यों ही यहोवा की वाचा का सन्दूक उठानेवाले याजक यरदन के बीच में से निकल आए और उनके पाँव स्थल पर पड़े त्यों ही यरदन का जल अपने स्थान पर आया और पहले के समान तटों के ऊपर फिर बहने लगा। $$ JOS 4:19 पहले महीने के दसवें दिन को प्रजा के लोगों ने यरदन में से निकलकर यरीहो की पूर्वी सीमा पर गिलगाल में अपने डेरे डालें। $$ JOS 4:20 और जो बारह पत्थर यरदन में से निकाले गए थे उनको यहोशू ने गिलगाल में खड़े किए। $$ JOS 4:21 तब उसने इस्राएलियों से कहा आगे को जब तुम्हारे बाल-बच्चे अपने-अपने पिता से यह पूछें ‘इन पत्थरों का क्या मतलब है?’ $$ JOS 4:22 तब तुम यह कहकर उनको बताना ‘इस्राएली यरदन के पार स्थल ही स्थल चले आए थे’। $$ JOS 4:23 क्योंकि जैसे तुम्हारे परमेश्‍वर यहोवा ने लाल समुद्र को हमारे पार हो जाने तक हमारे सामने से हटाकर सूखा रखा था वैसे ही उसने यरदन का भी जल तुम्हारे पार हो जाने तक तुम्हारे सामने से हटाकर सूखा रखा; $$ JOS 4:24 इसलिए कि पृथ्वी के सब देशों के लोग जान लें कि यहोवा का हाथ बलवन्त है; और तुम सर्वदा अपने परमेश्‍वर यहोवा का भय मानते रहो। $$ JOS 5:1 ¶ जब यरदन के पश्चिम की ओर रहनेवाले एमोरियों के सब राजाओं ने और समुद्र के पास रहनेवाले कनानियों के सब राजाओं ने यह सुना कि यहोवा ने इस्राएलियों के पार होने तक उनके सामने से यरदन का जल हटाकर सूखा रखा है तब इस्राएलियों के डर के मारे उनका मन घबरा गया और उनके जी में जी न रहा। $$ JOS 5:2 उस समय यहोवा ने यहोशू से कहा चकमक की छुरियाँ बनवाकर दूसरी बार इस्राएलियों का खतना करा दे। $$ JOS 5:3 तब यहोशू ने चकमक की छुरियाँ बनवाकर खलड़ियाँ नामक टीले पर इस्राएलियों का खतना कराया। $$ JOS 5:4 और यहोशू ने जो खतना कराया इसका कारण यह है कि जितने युद्ध के योग्य पुरुष मिस्र से निकले थे वे सब मिस्र से निकलने पर जंगल के मार्ग में मर गए थे। $$ JOS 5:5 जो पुरुष मिस्र से निकले थे उन सब का तो खतना हो चुका था परन्तु जितने उनके मिस्र से निकलने पर जंगल के मार्ग में उत्‍पन्‍न हुए उनमें से किसी का खतना न हुआ था। $$ JOS 5:6 क्योंकि इस्राएली तो चालीस वर्ष तक जंगल में फिरते रहे जब तक उस सारी जाति के लोग अर्थात् जितने युद्ध के योग्य लोग मिस्र से निकले थे वे नाश न हो गए क्योंकि उन्होंने यहोवा की न मानी थी; इसलिए यहोवा ने शपथ खाकर उनसे कहा था कि जो देश मैंने तुम्हारे पूर्वजों से शपथ खाकर तुम्हें देने को कहा था और उसमें दूध और मधु की धाराएँ बहती हैं वह देश मैं तुम को नहीं दिखाऊँगा। $$ JOS 5:7 तो उन लोगों के पुत्र जिनको यहोवा ने उनके स्थान पर उत्‍पन्‍न किया था उनका खतना यहोशू से कराया क्योंकि मार्ग में उनके खतना न होने के कारण वे खतनारहित थे। $$ JOS 5:8 और जब उस सारी जाति के लोगों का खतना हो चुका तब वे चंगे हो जाने तक अपने-अपने स्थान पर छावनी में रहे। $$ JOS 5:9 तब यहोवा ने यहोशू से कहा तुम्हारी नामधराई जो मिस्रियों में हुई है उसे मैंने आज दूर किया है। इस कारण उस स्थान का नाम आज के दिन तक गिलगाल पड़ा है। $$ JOS 5:10 सो इस्राएली गिलगाल में डेरे डाले रहे और उन्होंने यरीहो के पास के अराबा में पूर्णमासी की संध्या के समय फसह माना। $$ JOS 5:11 और फसह के दूसरे दिन वे उस देश की उपज में से अख़मीरी रोटी और उसी दिन से भुना हुआ दाना भी खाने लगे। $$ JOS 5:12 और जिस दिन वे उस देश की उपज में से खाने लगे उसी दिन सवेरे को मन्ना बन्द हो गया; और इस्राएलियों को आगे फिर कभी मन्ना न मिला परन्तु उस वर्ष उन्होंने कनान देश की उपज में से खाया।। $$ JOS 5:13 जब यहोशू यरीहो के पास था तब उसने अपनी आँखें उठाई और क्या देखा कि हाथ में नंगी तलवार लिये हुए एक पुरुष सामने खड़ा है; और यहोशू ने उसके पास जाकर पूछा क्या तू हमारी ओर का है या हमारे बैरियों की ओर का? $$ JOS 5:14 उसने उत्तर दिया नहीं; मैं यहोवा की सेना का प्रधान होकर अभी आया हूँ। तब यहोशू ने पृथ्वी पर मुँह के बल गिरकर दण्डवत् किया और उससे कहा अपने दास के लिये मेरे प्रभु की क्या आज्ञा है? $$ JOS 5:15 यहोवा की सेना के प्रधान ने यहोशू से कहा अपनी जूती पाँव से उतार डाल क्योंकि जिस स्थान पर तू खड़ा है वह पवित्र है। तब यहोशू ने वैसा ही किया। $$ JOS 6:1 ¶ यरीहो के सब फाटक इस्राएलियों के डर के मारे लगातार बन्द रहे और कोई बाहर भीतर आने-जाने नहीं पाता था। $$ JOS 6:2 फिर यहोवा ने यहोशू से कहा सुन मैं यरीहो को उसके राजा और शूरवीरों समेत तेरे वश में कर देता हूँ। $$ JOS 6:3 सो तुम में जितने योद्धा हैं नगर को घेर लें और उस नगर के चारों ओर एक बार घूम आएँ। और छ: दिन तक ऐसा ही किया करना। $$ JOS 6:4 और सात याजक सन्दूक के आगे-आगे मेढ़ों के सींगों के सात नरसिंगे लिए हुए चलें; फिर सातवें दिन तुम नगर के चारों ओर सात बार घूमना और याजक भी नरसिंगे फूँकते चलें। $$ JOS 6:5 और जब वे मेढ़ों के सींगों के नरसिंगे देर तक फूँकते रहें तब सब लोग नरसिंगे का शब्द सुनते ही बड़ी ध्वनि से जयजयकार करें; तब नगर की शहरपनाह नींव से गिर जाएगी और सब लोग अपने-अपने सामने चढ़ जाएँ। $$ JOS 6:6 सो नून के पुत्र यहोशू ने याजकों को बुलवाकर कहा वाचा के सन्दूक को उठा लो और सात याजक यहोवा के सन्दूक के आगे-आगे मेढ़ों के सींगों के सात नरसिंगे लिए चलें। $$ JOS 6:7 फिर उसने लोगों से कहा आगे बढ़कर नगर के चारों ओर घूम आओ; और हथियारबंद पुरुष यहोवा के सन्दूक के आगे-आगे चलें। $$ JOS 6:8 और जब यहोशू ये बातें लोगों से कह चुका तो वे सात याजक जो यहोवा के सामने सात नरसिंगे लिए हुए थे नरसिंगे फूँकते हुए चले और यहोवा की वाचा का सन्दूक उनके पीछे-पीछे चला। $$ JOS 6:9 और हथियारबंद पुरुष नरसिंगे फूँकनेवाले याजकों के आगे-आगे चले और पीछे वाले सन्दूक के पीछे-पीछे चले और याजक नरसिंगे फूँकते हुए चले। $$ JOS 6:10 और यहोशू ने लोगों को आज्ञा दी जब तक मैं तुम्हें जयजयकार करने की आज्ञा न दूँ तब तक जयजयकार न करना और न तुम्हारा कोई शब्द सुनने में आए न कोई बात तुम्हारे मुँह से निकलने पाए; आज्ञा पाते ही जयजयकार करना। $$ JOS 6:11 उसने यहोवा के सन्दूक को एक बार नगर के चारों ओर घुमवाया; तब वे छावनी में आए और रात वहीं काटी।। $$ JOS 6:12 यहोशू सवेरे उठा और याजकों ने यहोवा का सन्दूक उठा लिया। $$ JOS 6:13 और उन सात याजकों ने मेढ़ों के सींगों के सात नरसिंगे लिए और यहोवा के सन्दूक के आगे-आगे फूँकते हुए चले; और उनके आगे हथियारबंद पुरुष चले और पीछेवाले यहोवा के सन्दूक के पीछे-पीछे चले और याजक नरसिंगे फूँकते चले गए। $$ JOS 6:14 इस प्रकार वे दूसरे दिन भी एक बार नगर के चारों ओर घूमकर छावनी में लौट आए। और इसी प्रकार उन्होंने छः दिन तक किया। $$ JOS 6:15 फिर सातवें दिन वे बड़े तड़के उठकर उसी रीति से नगर के चारों ओर सात बार घूम आए; केवल उसी दिन वे सात बार घूमे। $$ JOS 6:16 तब सातवीं बार जब याजक नरसिंगे फूँकते थे तब यहोशू ने लोगों से कहा जयजयकार करो; क्योंकि यहोवा ने यह नगर तुम्हें दे दिया है। $$ JOS 6:17 और नगर और जो कुछ उसमें है यहोवा के लिये अर्पण की वस्तु ठहरेगी; केवल राहाब वेश्या और जितने उसके घर में हों वे जीवित छोड़े जाएँगे क्योंकि उसने हमारे भेजे हुए दूतों को छिपा रखा था। $$ JOS 6:18 और तुम अर्पण की हुई वस्तुओं से सावधानी से अपने आप को अलग रखो ऐसा न हो कि अर्पण की वस्तु ठहराकर बाद में उसी अर्पण की वस्तु में से कुछ ले लो और इस प्रकार इस्राएली छावनी को भ्रष्ट करके उसे कष्ट में डाल दो। $$ JOS 6:19 सब चाँदी सोना और जो पात्र पीतल और लोहे के हैं वे यहोवा के लिये पवित्र हैं और उसी के भण्डार में रखे जाएँ। $$ JOS 6:20 तब लोगों ने जयजयकार किया और याजक नरसिंगे फूँकते रहे। और जब लोगों ने नरसिंगे का शब्द सुना तो फिर बड़ी ही ध्वनि से उन्होंने जयजयकार किया तब शहरपनाह नींव से गिर पड़ी और लोग अपने-अपने सामने से उस नगर में चढ़ गए और नगर को ले लिया। $$ JOS 6:21 और क्या पुरुष क्या स्त्री क्या जवान क्या बूढ़े वरन् बैल भेड़-बकरी गदहे और जितने नगर में थे उन सभी को उन्होंने अर्पण की वस्तु जानकर तलवार से मार डाला। $$ JOS 6:22 तब यहोशू ने उन दोनों पुरुषों से जो उस देश का भेद लेने गए थे कहा अपनी शपथ के अनुसार उस वेश्या के घर में जाकर उसको और जो उसके पास हों उन्हें भी निकाल ले आओ। $$ JOS 6:23 तब वे दोनों जवान भेदिये भीतर जाकर राहाब को और उसके माता-पिता भाइयों और सब को जो उसके यहाँ रहते थे वरन् उसके सब कुटुम्बियों को निकाल लाए और इस्राएल की छावनी से बाहर बैठा दिया। $$ JOS 6:24 तब उन्होंने नगर को और जो कुछ उसमें था सब को आग लगाकर फूँक दिया; केवल चाँदी सोना और जो पात्र पीतल और लोहे के थे उनको उन्होंने यहोवा के भवन के भण्डार में रख दिया। $$ JOS 6:25 और यहोशू ने राहाब वेश्या और उसके पिता के घराने को वरन् उसके सब लोगों को जीवित छोड़ दिया; और आज तक उसका वंश इस्राएलियों के बीच में रहता है क्योंकि जो दूत यहोशू ने यरीहो के भेद लेने को भेजे थे उनको उसने छिपा रखा था। $$ JOS 6:26 फिर उसी समय यहोशू ने इस्राएलियों के सम्मुख शपथ रखी और कहा जो मनुष्य उठकर इस नगर यरीहो को फिर से बनाए वह यहोवा की ओर से श्रापित हो। $$ JOS 6:27 और यहोवा यहोशू के संग रहा; और यहोशू की कीर्ति उस सारे देश में फैल गई।। $$ JOS 7:1 ¶ परन्तु इस्राएलियों ने अर्पण की वस्तु के विषय में विश्वासघात किया; अर्थात् यहूदा गोत्र का आकान जो जेरहवंशी जब्दी का पोता और कर्मी का पुत्र था उसने अर्पण की वस्तुओं में से कुछ ले लिया; इस कारण यहोवा का कोप इस्राएलियों पर भड़क उठा। $$ JOS 7:2 यहोशू ने यरीहो से आई नामक नगर के पास जो बेतावेन से लगा हुआ बेतेल की पूर्व की ओर है कुछ पुरुषों को यह कहकर भेजा जाकर देश का भेद ले आओ। और उन पुरुषों ने जाकर आई का भेद लिया। $$ JOS 7:3 और उन्होंने यहोशू के पास लौटकर कहा सब लोग वहाँ न जाएँ कोई दो तीन हजार पुरुष जाकर आई को जीत सकते हैं; सब लोगों को वहाँ जाने का कष्ट न दे क्योंकि वे लोग थोड़े ही हैं। $$ JOS 7:4 इसलिए कोई तीन हजार पुरुष वहाँ गए; परन्तु आई के रहनेवालों के सामने से भाग आए $$ JOS 7:5 तब आई के रहनेवालों ने उनमें से कोई छत्तीस पुरुष मार डाले और अपने फाटक से शबारीम तक उनका पीछा करके उतराई में उनको मारते गए। तब लोगों का मन पिघलकर जल सा बन गया। $$ JOS 7:6 तब यहोशू ने अपने वस्त्र फाड़े और वह और इस्राएली वृद्ध लोग यहोवा के सन्दूक के सामने मुँह के बल गिरकर भूमि पर सांझ तक पड़े रहे; और उन्होंने अपने-अपने सिर पर धूल डाली। $$ JOS 7:7 और यहोशू ने कहा हाय प्रभु यहोवा तू अपनी इस प्रजा को यरदन पार क्यों ले आया? क्या हमें एमोरियों के वश में करके नष्ट करने के लिये ले आया है? भला होता कि हम संतोष करके यरदन के उस पार रह जाते $$ JOS 7:8 हाय प्रभु मैं क्या कहूँ जब इस्राएलियों ने अपने शत्रुओं को पीठ दिखाई है $$ JOS 7:9 क्योंकि कनानी वरन् इस देश के सब निवासी यह सुनकर हमको घेर लेंगे और हमारा नाम पृथ्वी पर से मिटा डालेंगे; फिर तू अपने बड़े नाम के लिये क्या करेगा? $$ JOS 7:10 यहोवा ने यहोशू से कहा उठ खड़ा हो जा तू क्यों इस भाँति मुँह के बल भूमि पर पड़ा है? $$ JOS 7:11 इस्राएलियों ने पाप किया है; और जो वाचा मैंने उनसे अपने साथ बँधाई थी उसको उन्होंने तोड़ दिया है उन्होंने अर्पण की वस्तुओं में से ले लिया वरन् चोरी भी की और छल करके उसको अपने सामान में रख लिया है। $$ JOS 7:12 इस कारण इस्राएली अपने शत्रुओं के सामने खड़े नहीं रह सकते; वे अपने शत्रुओं को पीठ दिखाते हैं इसलिए कि वे आप अर्पण की वस्तु बन गए हैं। और यदि तुम अपने मध्य में से अर्पण की वस्तु सत्यानाश न कर डालोगे तो मैं आगे को तुम्हारे संग नहीं रहूँगा। $$ JOS 7:13 उठ प्रजा के लोगों को पवित्र कर उनसे कह; ‘सवेरे तक अपने-अपने को पवित्र कर रखो; क्योंकि इस्राएल का परमेश्‍वर यहोवा यह कहता है हे इस्राएल तेरे मध्य में अर्पण की वस्तु है; इसलिए जब तक तू अर्पण की वस्तु को अपने मध्य में से दूर न करे तब तक तू अपने शत्रुओं के सामने खड़ा न रह सकेगा। $$ JOS 7:14 इसलिए सवेरे को तुम गोत्र-गोत्र के अनुसार समीप खड़े किए जाओगे; और जिस गोत्र को यहोवा पकड़े वह एक-एक कुल करके पास आए; और जिस कुल को यहोवा पकड़े वह घराना-घराना करके पास आए; फिर जिस घराने को यहोवा पकड़े वह एक-एक पुरुष करके पास आए। $$ JOS 7:15 तब जो पुरुष अर्पण की वस्तु रखे हुए पकड़ा जाएगा वह और जो कुछ उसका हो सब आग में डालकर जला दिया जाए; क्योंकि उसने यहोवा की वाचा को तोड़ा है और इस्राएल में अनुचित कर्म किया है।’ $$ JOS 7:16 यहोशू सवेरे उठकर इस्राएलियों को गोत्र-गोत्र करके समीप ले गया और यहूदा का गोत्र पकड़ा गया; $$ JOS 7:17 तब उसने यहूदा के परिवार को समीप किया और जेरहवंशियों का कुल पकड़ा गया; फिर जेरहवंशियों के घराने के एक-एक पुरुष को समीप लाया और जब्दी पकड़ा गया; $$ JOS 7:18 तब उसने उसके घराने के एक-एक पुरुष को समीप खड़ा किया और यहूदा गोत्र का आकान जो जेरहवंशी जब्दी का पोता और कर्मी का पुत्र था पकड़ा गया। $$ JOS 7:19 तब यहोशू आकान से कहने लगा हे मेरे बेटे इस्राएल के परमेश्‍वर यहोवा का आदर कर और उसके आगे अंगीकार कर; और जो कुछ तूने किया है वह मुझ को बता दे और मुझसे कुछ मत छिपा। $$ JOS 7:20 आकान ने यहोशू को उत्तर दिया सचमुच मैंने इस्राएल के परमेश्‍वर यहोवा के विरुद्ध पाप किया है और इस प्रकार मैंने किया है $$ JOS 7:21 कि जब मुझे लूट में बाबेल देश का एक सुन्दर ओढ़ना और दो सौ शेकेल चाँदी और पचास शेकेल सोने की एक ईंट देख पड़ी तब मैंने उनका लालच करके उन्हें रख लिया; वे मेरे डेरे के भीतर भूमि में गड़े हैं और सब के नीचे चाँदी है। $$ JOS 7:22 तब यहोशू ने दूत भेजे और वे उस डेरे में दौड़े गए; और क्या देखा कि वे वस्तुएँ उसके डेरे में गड़ी हैं और सब के नीचे चाँदी है। $$ JOS 7:23 उनको उन्होंने डेरे में से निकालकर यहोशू और सब इस्राएलियों के पास लाकर यहोवा के सामने रख दिया। $$ JOS 7:24 तब सब इस्राएलियों समेत यहोशू जेरहवंशी आकान को और उस चाँदी और ओढ़ने और सोने की ईंट को और उसके बेटे-बेटियों को और उसके बैलों गदहों और भेड़-बकरियों को और उसके डेरे को अर्थात् जो कुछ उसका था उन सब को आकोर नामक तराई में ले गया। $$ JOS 7:25 तब यहोशू ने उससे कहा तूने हमें क्यों कष्ट दिया है? आज के दिन यहोवा तुझी को कष्ट देगा। तब सब इस्राएलियों ने उस पर पथराव किया; और उनको आग में डालकर जलाया और उनके ऊपर पत्थर डाल दिए। $$ JOS 7:26 और उन्होंने उसके ऊपर पत्थरों का बड़ा ढेर लगा दिया जो आज तक बना है; तब यहोवा का भड़का हुआ कोप शान्त हो गया। इस कारण उस स्थान का नाम आज तक आकोर तराई पड़ा है। $$ JOS 8:1 ¶ तब यहोवा ने यहोशू से कहा मत डर और तेरा मन कच्चा न हो; कमर बाँधकर सब योद्धाओं को साथ ले और आई पर चढ़ाई कर; सुन मैंने आई के राजा को उसकी प्रजा और उसके नगर और देश समेत तेरे वश में कर दिया है। $$ JOS 8:2 और जैसा तूने यरीहो और उसके राजा से किया वैसा ही आई और उसके राजा के साथ भी करना; केवल तुम पशुओं समेत उसकी लूट तो अपने लिये ले सकोगे; इसलिए उस नगर के पीछे की ओर अपने पुरुष घात में लगा दो। $$ JOS 8:3 अतः यहोशू ने सब योद्धाओं समेत आई पर चढ़ाई करने की तैयारी की; और यहोशू ने तीस हजार पुरुषों को जो शूरवीर थे चुनकर रात ही को आज्ञा देकर भेजा। $$ JOS 8:4 और उनको यह आज्ञा दी सुनो तुम उस नगर के पीछे की ओर घात लगाए बैठे रहना; नगर से बहुत दूर न जाना और सब के सब तैयार रहना; $$ JOS 8:5 और मैं अपने सब साथियों समेत उस नगर के निकट जाऊँगा। और जब वे पहले के समान हमारा सामना करने को निकलें तब हम उनके आगे से भागेंगे; $$ JOS 8:6 तब वे यह सोचकर कि वे पहले की भाँति हमारे सामने से भागे जाते हैं हमारा पीछा करेंगे; इस प्रकार हम उनके सामने से भागकर उन्हें नगर से दूर निकाल ले जाएँगे; $$ JOS 8:7 तब तुम घात में से उठकर नगर को अपना कर लेना; क्योंकि तुम्हारा परमेश्‍वर यहोवा उसको तुम्हारे हाथ में कर देगा। $$ JOS 8:8 और जब नगर को ले लो तब उसमें आग लगाकर फूँक देना यहोवा की आज्ञा के अनुसार ही काम करना; सुनो मैंने तुम्हें आज्ञा दी है। $$ JOS 8:9 तब यहोशू ने उनको भेज दिया; और वे घात में बैठने को चले गए और बेतेल और आई के मध्य में और आई की पश्चिम की ओर बैठे रहे; परन्तु यहोशू उस रात को लोगों के बीच टिका रहा। $$ JOS 8:10 यहोशू सवेरे उठा और लोगों की गिनती करके इस्राएली वृद्ध लोगों समेत लोगों के आगे-आगे आई की ओर चला। $$ JOS 8:11 और उसके संग के सब योद्धा चढ़ गए और आई नगर के निकट पहुँचकर उसके सामने उत्तर की ओर डेरे डाल दिए और उनके और आई के बीच एक तराई थी। $$ JOS 8:12 तब उसने कोई पाँच हजार पुरुष चुनकर बेतेल और आई के मध्य नगर के पश्चिम की ओर उनको घात में बैठा दिया। $$ JOS 8:13 और जब लोगों ने नगर के उत्तर ओर की सारी सेना को और उसके पश्चिम ओर घात में बैठे हुओं को भी ठिकाने पर कर दिया तब यहोशू उसी रात तराई के बीच गया। $$ JOS 8:14 जब आई के राजा ने यह देखा तब वे फुर्ती करके सवेरे उठे और राजा अपनी सारी प्रजा को लेकर इस्राएलियों के सामने उनसे लड़ने को निकलकर ठहराए हुए स्थान पर जो अराबा के सामने है पहुँचा; और वह नहीं जानता था कि नगर की पिछली ओर लोग घात लगाए बैठे हैं। $$ JOS 8:15 तब यहोशू और सब इस्राएली उनसे मानो हार मानकर जंगल का मार्ग लेकर भाग निकले। $$ JOS 8:16 तब नगर के सब लोग इस्राएलियों का पीछा करने को पुकार-पुकार के बुलाए गए; और वे यहोशू का पीछा करते हुए नगर से दूर निकल गए। $$ JOS 8:17 और न आई में और न बेतेल में कोई पुरुष रह गया जो इस्राएलियों का पीछा करने को न गया हो; और उन्होंने नगर को खुला हुआ छोड़कर इस्राएलियों का पीछा किया। $$ JOS 8:18 तब यहोवा ने यहोशू से कहा अपने हाथ का बर्छा आई की ओर बढ़ा; क्योंकि मैं उसे तेरे हाथ में दे दूँगा। और यहोशू ने अपने हाथ के बर्छे को नगर की ओर बढ़ाया। $$ JOS 8:19 उसके हाथ बढ़ाते ही जो लोग घात में बैठे थे वे झटपट अपने स्थान से उठे और दौड़कर नगर में प्रवेश किया और उसको ले लिया; और झटपट उसमें आग लगा दी। $$ JOS 8:20 जब आई के पुरुषों ने पीछे की ओर फिरकर दृष्टि की तो क्या देखा कि नगर का धुआँ आकाश की ओर उठ रहा है; और उन्हें न तो इधर भागने की शक्ति रही और न उधर और जो लोग जंगल की ओर भागे जाते थे वे फिरकर अपने खदेड़नेवालों पर टूट पड़े। $$ JOS 8:21 जब यहोशू और सब इस्राएलियों ने देखा कि घातियों ने नगर को ले लिया और उसका धुआँ उठ रहा है तब घूमकर आई के पुरुषों को मारने लगे। $$ JOS 8:22 और उनका सामना करने को दूसरे भी नगर से निकल आए; सो वे इस्राएलियों के बीच में पड़ गए कुछ इस्राएली तो उनके आगे और कुछ उनके पीछे थे; अतः उन्होंने उनको यहाँ तक मार डाला कि उनमें से न तो कोई बचने और न भागने पाया। $$ JOS 8:23 और आई के राजा को वे जीवित पकड़कर यहोशू के पास ले आए। $$ JOS 8:24 और जब इस्राएली आई के सब निवासियों को मैदान में अर्थात् उस जंगल में जहाँ उन्होंने उनका पीछा किया था घात कर चुके और वे सब के सब तलवार से मारे गए यहाँ तक कि उनका अन्त ही हो गया तब सब इस्राएलियों ने आई को लौटकर उसे भी तलवार से मारा। $$ JOS 8:25 और स्त्री पुरुष सब मिलाकर जो उस दिन मारे गए वे बारह हजार थे और आई के सब पुरुष इतने ही थे। $$ JOS 8:26 क्योंकि जब तक यहोशू ने आई के सब निवासियों का सत्यानाश न कर डाला तब तक उसने अपना हाथ जिससे बर्छा बढ़ाया था फिर न खींचा। $$ JOS 8:27 यहोवा की उस आज्ञा के अनुसार जो उसने यहोशू को दी थी इस्राएलियों ने पशु आदि नगर की लूट अपनी कर ली। $$ JOS 8:28 तब यहोशू ने आई को फुंकवा दिया और उसे सदा के लिये खण्डहर कर दिया : वह आज तक उजाड़ पड़ा है। $$ JOS 8:29 और आई के राजा को उसने सांझ तक वृक्ष पर लटका रखा; और सूर्य डूबते-डूबते यहोशू की आज्ञा से उसका शव वृक्ष पर से उतारकर नगर के फाटक के सामने डाल दिया गया और उस पर पत्थरों का बड़ा ढेर लगा दिया जो आज तक बना है। $$ JOS 8:30 तब यहोशू ने इस्राएल के परमेश्‍वर यहोवा के लिये एबाल पर्वत पर एक वेदी बनवाई $$ JOS 8:31 जैसा यहोवा के दास मूसा ने इस्राएलियों को आज्ञा दी थी और जैसा मूसा की व्यवस्था की पुस्तक में लिखा है उसने समूचे पत्थरों की एक वेदी बनवाई जिस पर औज़ार नहीं चलाया गया था। और उस पर उन्होंने यहोवा के लिये होम-बलि चढ़ाए और मेलबलि किए। $$ JOS 8:32 उसी स्थान पर यहोशू ने इस्राएलियों के सामने उन पत्थरों के ऊपर मूसा की व्यवस्था जो उसने लिखी थी उसकी नकल कराई। $$ JOS 8:33 और वे क्या देशी क्या परदेशी सारे इस्राएली अपने वृद्ध लोगों सरदारों और न्यायियों समेत यहोवा की वाचा का सन्दूक उठानेवाले लेवीय याजकों के सामने उस सन्दूक के इधर-उधर खड़े हुए अर्थात् आधे लोग तो गिरिज्जीम पर्वत के और आधे एबाल पर्वत के सामने खड़े हुए जैसा कि यहोवा के दास मूसा ने पहले आज्ञा दी थी कि इस्राएली प्रजा को आशीर्वाद दिए जाएँ। $$ JOS 8:34 उसके बाद उसने आशीष और श्राप की व्यवस्था के सारे वचन जैसे-जैसे व्यवस्था की पुस्तक में लिखे हुए हैं वैसे-वैसे पढ़ पढ़कर सुना दिए। $$ JOS 8:35 जितनी बातों की मूसा ने आज्ञा दी थी उनमें से कोई ऐसी बात नहीं रह गई जो यहोशू ने इस्राएल की सारी सभा और स्त्रियों और बाल-बच्चों और उनके साथ रहनेवाले परदेशी लोगों के सामने भी पढ़कर न सुनाई।। $$ JOS 9:1 ¶ यह सुनकर हित्ती एमोरी कनानी परिज्जी हिव्वी और यबूसी जितने राजा यरदन के इस पार पहाड़ी देश में और नीचे के देश में और लबानोन के सामने के महानगर के तट पर रहते थे $$ JOS 9:2 वे एक मन होकर यहोशू और इस्राएलियों से लड़ने को इकट्ठे हुए। $$ JOS 9:3 जब गिबोन के निवासियों ने सुना कि यहोशू ने यरीहो और आई से क्या-क्या किया है $$ JOS 9:4 तब उन्होंने छल किया और राजदूतों का भेष बनाकर अपने गदहों पर पुराने बोरे और पुराने फटे और जोड़े हुए मदिरा के कुप्पे लादकर $$ JOS 9:5 अपने पाँवों में पुरानी पैबन्द लगी हुई जूतियाँ और तन पर पुराने वस्त्र पहने और अपने भोजन के लिये सूखी और फफूंदी लगी हुई रोटी ले ली। $$ JOS 9:6 तब वे गिलगाल की छावनी में यहोशू के पास जाकर उससे और इस्राएली पुरुषों से कहने लगे हम दूर देश से आए हैं; इसलिए अब तुम हम से वाचा बाँधो। $$ JOS 9:7 इस्राएली पुरुषों ने उन हिव्वियों से कहा क्या जाने तुम हमारे मध्य में ही रहते हो; फिर हम तुम से वाचा कैसे बाँधे? $$ JOS 9:8 उन्होंने यहोशू से कहा हम तेरे दास हैं। तब यहोशू ने उनसे कहा तुम कौन हो? और कहाँ से आए हो? $$ JOS 9:9 उन्होंने उससे कहा तेरे दास बहुत दूर के देश से तेरे परमेश्‍वर यहोवा का नाम सुनकर आए हैं; क्योंकि हमने यह सब सुना है अर्थात् उसकी कीर्ति और जो कुछ उसने मिस्र में किया $$ JOS 9:10 और जो कुछ उसने एमोरियों के दोनों राजाओं से किया जो यरदन के उस पार रहते थे अर्थात् हेशबोन के राजा सीहोन से और बाशान के राजा ओग से जो अश्तारोत में था। $$ JOS 9:11 इसलिए हमारे यहाँ के वृद्ध लोगों ने और हमारे देश के सब निवासियों ने हम से कहा कि मार्ग के लिये अपने साथ भोजनवस्तु लेकर उनसे मिलने को जाओ और उनसे कहना कि हम तुम्हारे दास हैं; इसलिए अब तुम हम से वाचा बाँधो। $$ JOS 9:12 जिस दिन हम तुम्हारे पास चलने को निकले उस दिन तो हमने अपने-अपने घर से यह रोटी गरम और ताज़ी ली थी; परन्तु अब देखो यह सूख गई है और इसमें फफूंदी लग गई है। $$ JOS 9:13 फिर ये जो मदिरा के कुप्पे हमने भर लिये थे तब तो नये थे परन्तु देखो अब ये फट गए हैं; और हमारे ये वस्त्र और जूतियाँ बड़ी लम्बी यात्रा के कारण पुरानी हो गई हैं। $$ JOS 9:14 तब उन पुरुषों ने यहोवा से बिना सलाह लिये उनके भोजन में से कुछ ग्रहण किया। $$ JOS 9:15 तब यहोशू ने उनसे मेल करके उनसे यह वाचा बाँधी कि तुम को जीवित छोड़ेंगे; और मण्डली के प्रधानों ने उनसे शपथ खाई। $$ JOS 9:16 और उनके साथ वाचा बांधने के तीन दिन के बाद उनको यह समाचार मिला; कि वे हमारे पड़ोस के रहनेवाले लोग हैं और हमारे ही मध्य में बसे हैं। $$ JOS 9:17 तब इस्राएली कूच करके तीसरे दिन उनके नगरों को जिनके नाम गिबोन कपीरा बेरोत और किर्यत्यारीम है पहुँच गए $$ JOS 9:18 और इस्राएलियों ने उनको न मारा क्योंकि मण्डली के प्रधानों ने उनके संग इस्राएल के परमेश्‍वर यहोवा की शपथ खाई थी। तब सारी मण्डली के लोग प्रधानों के विरुद्ध कुड़कुड़ाने लगे। $$ JOS 9:19 तब सब प्रधानों ने सारी मण्डली से कहा हमने उनसे इस्राएल के परमेश्‍वर यहोवा की शपथ खाई है इसलिए अब उनको छू नहीं सकते। $$ JOS 9:20 हम उनसे यही करेंगे कि उस शपथ के अनुसार हम उनको जीवित छोड़ देंगे नहीं तो हमारी खाई हुई शपथ के कारण हम पर क्रोध पड़ेगा। $$ JOS 9:21 फिर प्रधानों ने उनसे कहा वे जीवित छोड़े जाएँ। अतः प्रधानों के इस वचन के अनुसार वे सारी मण्डली के लिये लकड़हारे और पानी भरनेवाले बने। $$ JOS 9:22 फिर यहोशू ने उनको बुलवाकर कहा तुम तो हमारे ही बीच में रहते हो फिर तुम ने हम से यह कहकर क्यों छल किया है कि हम तुम से बहुत दूर रहते हैं? $$ JOS 9:23 इसलिए अब तुम श्रापित हो और तुम में से ऐसा कोई न रहेगा जो दास अर्थात् मेरे परमेश्‍वर के भवन के लिये लकड़हारा और पानी भरनेवाला न हो। $$ JOS 9:24 उन्होंने यहोशू को उत्तर दिया तेरे दासों को यह निश्चय बताया गया था कि तेरे परमेश्‍वर यहोवा ने अपने दास मूसा को आज्ञा दी थी कि तुम को वह सारा देश दे और उसके सारे निवासियों को तुम्हारे सामने से सर्वनाश करे; इसलिए हम लोगों को तुम्हारे कारण से अपने प्राणों के लाले पड़ गए इसलिए हमने ऐसा काम किया। $$ JOS 9:25 और अब हम तेरे वश में हैं जैसा बर्ताव तुझे भला लगे और ठीक लगे वैसा ही व्यवहार हमारे साथ कर। $$ JOS 9:26 तब उसने उनसे वैसा ही किया और उन्हें इस्राएलियों के हाथ से ऐसा बचाया कि वे उन्हें घात करने न पाए। $$ JOS 9:27 परन्तु यहोशू ने उसी दिन उनको मण्डली के लिये और जो स्थान यहोवा चुन ले उसमें उसकी वेदी के लिये लकड़हारे और पानी भरनेवाले नियुक्त कर दिया जैसा आज तक है। $$ JOS 10:1 ¶ जब यरूशलेम के राजा अदोनीसेदेक ने सुना कि यहोशू ने आई को ले लिया और उसका सत्यानाश कर डाला है और जैसा उसने यरीहो और उसके राजा से किया था वैसा ही आई और उसके राजा से भी किया है और यह भी सुना कि गिबोन के निवासियों ने इस्राएलियों से मेल किया और उनके बीच रहने लगे हैं $$ JOS 10:2 तब वे बहुत डर गए क्योंकि गिबोन बड़ा नगर वरन् राजनगर के तुल्य और आई से बड़ा था और उसके सब निवासी शूरवीर थे। $$ JOS 10:3 इसलिए यरूशलेम के राजा अदोनीसेदेक ने हेब्रोन के राजा होहाम यर्मूत के राजा पिराम लाकीश के राजा यापी और एग्लोन के राजा दबीर के पास यह कहला भेजा $$ JOS 10:4 मेरे पास आकर मेरी सहायता करो और चलो हम गिबोन को मारें; क्योंकि उसने यहोशू और इस्राएलियों से मेल कर लिया है। $$ JOS 10:5 इसलिए यरूशलेम हेब्रोन यर्मूत लाकीश और एग्लोन के पाँचों एमोरी राजाओं ने अपनी-अपनी सारी सेना इकट्ठी करके चढ़ाई कर दी और गिबोन के सामने डेरे डालकर उससे युद्ध छेड़ दिया। $$ JOS 10:6 तक गिबोन के निवासियों ने गिलगाल की छावनी में यहोशू के पास यह कहला भेजा अपने दासों की ओर से तू अपना हाथ न हटाना; शीघ्र हमारे पास आकर हमें बचा ले और हमारी सहायता कर; क्योंकि पहाड़ पर रहनेवाले एमोरियों के सब राजा हमारे विरुद्ध इकट्ठे हुए हैं। $$ JOS 10:7 तब यहोशू सारे योद्धाओं और सब शूरवीरों को संग लेकर गिलगाल से चल पड़ा। $$ JOS 10:8 और यहोवा ने यहोशू से कहा उनसे मत डर क्योंकि मैंने उनको तेरे हाथ में कर दिया है; उनमें से एक पुरुष भी तेरे सामने टिक न सकेगा। $$ JOS 10:9 तब यहोशू रातों-रात गिलगाल से जाकर एकाएक उन पर टूट पड़ा। $$ JOS 10:10 तब यहोवा ने ऐसा किया कि वे इस्राएलियों से घबरा गए और इस्राएलियों ने गिबोन के पास उनका बड़ा संहार किया और बेथोरोन के चढ़ाव पर उनका पीछा करके अजेका और मक्केदा तक उनको मारते गए। $$ JOS 10:11 फिर जब वे इस्राएलियों के सामने से भागकर बेथोरोन की उतराई पर आए तब अजेका पहुँचने तक यहोवा ने आकाश से बड़े-बड़े पत्थर उन पर बरसाएँ और वे मर गए; जो ओलों से मारे गए उनकी गिनती इस्राएलियों की तलवार से मारे हुओं से अधिक थी।। $$ JOS 10:12 उस समय अर्थात् जिस दिन यहोवा ने एमोरियों को इस्राएलियों के वश में कर दिया उस दिन यहोशू ने यहोवा से इस्राएलियों के देखते इस प्रकार कहा $$ JOS 10:13 और सूर्य उस समय तक थमा रहा; $$ JOS 10:14 न तो उससे पहले कोई ऐसा दिन हुआ और न उसके बाद जिसमें यहोवा ने किसी पुरुष की सुनी हो; क्योंकि यहोवा तो इस्राएल की ओर से लड़ता था।। $$ JOS 10:15 तब यहोशू सारे इस्राएलियों समेत गिलगाल की छावनी को लौट गया।। $$ JOS 10:16 वे पाँचों राजा भागकर मक्केदा के पास की गुफा में जा छिपे। $$ JOS 10:17 तब यहोशू को यह समाचार मिला पाँचों राजा मक्केदा के पास की गुफा में छिपे हुए हमें मिले हैं। $$ JOS 10:18 यहोशू ने कहा गुफा के मुँह पर बड़े-बड़े पत्थर लुढ़काकर उनकी देख-भाल के लिये मनुष्यों को उसके पास बैठा दो; $$ JOS 10:19 परन्तु तुम मत ठहरो अपने शत्रुओं का पीछा करके उनमें से जो-जो पिछड़ गए हैं उनको मार डालो उन्हें अपने-अपने नगर में प्रवेश करने का अवसर न दो; क्योंकि तुम्हारे परमेश्‍वर यहोवा ने उनको तुम्हारे हाथ में कर दिया है। $$ JOS 10:20 जब यहोशू और इस्राएली उनका संहार करके उन्हें नाश कर चुके और उनमें से जो बच गए वे अपने-अपने गढ़वाले नगर में घुस गए $$ JOS 10:21 तब सब लोग मक्केदा की छावनी को यहोशू के पास कुशल-क्षेम से लौट आए; और इस्राएलियों के विरुद्ध किसी ने जीभ तक न हिलाई। $$ JOS 10:22 तब यहोशू ने आज्ञा दी गुफा का मुँह खोलकर उन पाँचों राजाओं को मेरे पास निकाल ले आओ। $$ JOS 10:23 उन्होंने ऐसा ही किया और यरूशलेम हेब्रोन यर्मूत लाकीश और एग्लोन के उन पाँचों राजाओं को गुफा में से उसके पास निकाल ले आए। $$ JOS 10:24 जब वे उन राजाओं को यहोशू के पास निकाल ले आए तब यहोशू ने इस्राएल के सब पुरुषों को बुलाकर अपने साथ चलनेवाले योद्धाओं के प्रधानों से कहा निकट आकर अपने-अपने पाँव इन राजाओं की गर्दनों पर रखो और उन्होंने निकट जाकर अपने-अपने पाँव उनकी गर्दनों पर रखे। $$ JOS 10:25 तब यहोशू ने उनसे कहा डरो मत और न तुम्हारा मन कच्चा हो; हियाव बाँधकर दृढ़ हो; क्योंकि यहोवा तुम्हारे सब शत्रुओं से जिनसे तुम लड़नेवाले हो ऐसा ही करेगा। $$ JOS 10:26 इसके बाद यहोशू ने उनको मरवा डाला और पाँच वृक्षों पर लटका दिया। और वे सांझ तक उन वृक्षों पर लटके रहे। $$ JOS 10:27 सूर्य डूबते-डूबते यहोशू से आज्ञा पाकर लोगों ने उन्हें उन वृक्षों पर से उतार के उसी गुफा में जहाँ वे छिप गए थे डाल दिया और उस गुफा के मुँह पर बड़े-बड़े पत्थर रख दिए वे आज तक वहीं रखे हुए हैं। $$ JOS 10:28 उसी दिन यहोशू ने मक्केदा को ले लिया और उसको तलवार से मारा और उसके राजा का सत्यानाश किया; और जितने प्राणी उसमें थे उन सभी में से किसी को जीवित न छोड़ा; और जैसा उसने यरीहो के राजा के साथ किया था वैसा ही मक्केदा के राजा से भी किया।। $$ JOS 10:29 तब यहोशू सब इस्राएलियों समेत मक्केदा से चलकर लिब्ना को गया और लिब्ना से लड़ा; $$ JOS 10:30 और यहोवा ने उसको भी राजा समेत इस्राएलियों के हाथ में कर दिया; और यहोशू ने उसको और उसमें के सब प्राणियों को तलवार से मारा; और उसमें से किसी को भी जीवित न छोड़ा; और उसके राजा से वैसा ही किया जैसा उसने यरीहो के राजा के साथ किया था।। $$ JOS 10:31 फिर यहोशू सब इस्राएलियों समेत लिब्ना से चलकर लाकीश को गया और उसके विरुद्ध छावनी डालकर लड़ा; $$ JOS 10:32 और यहोवा ने लाकीश को इस्राएल के हाथ में कर दिया और दूसरे दिन उसने उसको जीत लिया; और जैसा उसने लिब्ना के सब प्राणियों को तलवार से मारा था वैसा ही उसने लाकीश से भी किया।। $$ JOS 10:33 तब गेजेर का राजा होराम लाकीश की सहायता करने को चढ़ आया; और यहोशू ने प्रजा समेत उसको भी ऐसा मारा कि उसके लिये किसी को जीवित न छोड़ा।। $$ JOS 10:34 फिर यहोशू ने सब इस्राएलियों समेत लाकीश से चलकर एग्लोन को गया; और उसके विरुद्ध छावनी डालकर युद्ध करने लगा; $$ JOS 10:35 और उसी दिन उन्होंने उसको ले लिया और उसको तलवार से मारा; और उसी दिन जैसा उसने लाकीश के सब प्राणियों का सत्यानाश कर डाला था वैसा ही उसने एग्लोन से भी किया। $$ JOS 10:36 फिर यहोशू सब इस्राएलियों समेत एग्लोन से चलकर हेब्रोन को गया और उससे लड़ने लगा; $$ JOS 10:37 और उन्होंने उसे ले लिया और उसको और उसके राजा और सब गाँवों को और उनमें के सब प्राणियों को तलवार से मारा; जैसा यहोशू ने एग्लोन से किया था वैसा ही उसने हेब्रोन में भी किसी को जीवित न छोड़ा; उसने उसको और उसमें के सब प्राणियों का सत्यानाश कर डाला। $$ JOS 10:38 तब यहोशू सब इस्राएलियों समेत घूमकर दबीर को गया और उससे लड़ने लगा; $$ JOS 10:39 और राजा समेत उसे और उसके सब गाँवों को ले लिया; और उन्होंने उनको तलवार से घात किया और जितने प्राणी उनमें थे सब का सत्यानाश कर डाला; किसी को जीवित न छोड़ा जैसा यहोशू ने हेब्रोन और लिब्ना और उसके राजा से किया था वैसा ही उसने दबीर और उसके राजा से भी किया। $$ JOS 10:40 इसी प्रकार यहोशू ने उस सारे देश को अर्थात् पहाड़ी देश दक्षिण देश नीचे के देश और ढालू देश को उनके सब राजाओं समेत मारा; और इस्राएल के परमेश्‍वर यहोवा की आज्ञा के अनुसार किसी को जीवित न छोड़ा वरन् जितने प्राणी थे सभी का सत्यानाश कर डाला। $$ JOS 10:41 और यहोशू ने कादेशबर्ने से ले गाज़ा तक और गिबोन तक के सारे गोशेन देश के लोगों को मारा। $$ JOS 10:42 इन सब राजाओं को उनके देशों समेत यहोशू ने एक ही समय में ले लिया क्योंकि इस्राएल का परमेश्‍वर यहोवा इस्राएलियों की ओर से लड़ता था। $$ JOS 10:43 तब यहोशू सब इस्राएलियों समेत गिलगाल की छावनी में लौट आया।। $$ JOS 11:1 ¶ यह सुनकर हासोर के राजा याबीन ने मादोन के राजा योबाब और शिम्रोन और अक्षाप के राजाओं को $$ JOS 11:2 और जो-जो राजा उत्तर की ओर पहाड़ी देश में और किन्नेरेत के दक्षिण के अराबा में और नीचे के देश में और पश्चिम की ओर दोर के ऊँचे देश में रहते थे उनको $$ JOS 11:3 और पूरब पश्चिम दोनों ओर के रहनेवाले कनानियों और एमोरियों हित्तियों परिज्जियों और पहाड़ी यबूसियों और मिस्पा देश में हेर्मोन पहाड़ के नीचे रहनेवाले हिव्वियों को बुलवा भेजा। $$ JOS 11:4 और वे अपनी-अपनी सेना समेत जो समुद्र के किनारे रेतकणों के समान बहुत थीं मिलकर निकल आए और उनके साथ बहुत से घोड़े और रथ भी थे। $$ JOS 11:5 तब वे सब राजा सम्मति करके इकट्ठे हुए और इस्राएलियों से लड़ने को मेरोम नामक ताल के पास आकर एक संग छावनी डाली। $$ JOS 11:6 तब यहोवा ने यहोशू से कहा उनसे मत डर क्योंकि कल इसी समय मैं उन सभी को इस्राएलियों के वश में करके मरवा डालूँगा; तब तू उनके घोड़ों के घुटनों की नस कटवाना और उनके रथ भस्म कर देना। $$ JOS 11:7 और यहोशू सब योद्धाओं समेत मेरोम नामक ताल के पास अचानक पहुँचकर उन पर टूट पड़ा। $$ JOS 11:8 और यहोवा ने उनको इस्राएलियों के हाथ में कर दिया इसलिए उन्होंने उन्हें मार लिया और बड़े नगर सीदोन और मिस्रपोतमैम तक और पूर्व की ओर मिस्पे के मैदान तक उनका पीछा किया; और उनको मारा और उनमें से किसी को जीवित न छोड़ा। $$ JOS 11:9 तब यहोशू ने यहोवा की आज्ञा के अनुसार उनसे किया अर्थात् उनके घोड़ों के घुटनों की नस कटवाई और उनके रथ आग में जलाकर भस्म कर दिए। $$ JOS 11:10 उस समय यहोशू ने घूमकर हासोर को जो पहले उन सब राज्यों में मुख्य नगर था ले लिया और उसके राजा को तलवार से मार डाला। $$ JOS 11:11 और जितने प्राणी उसमें थे उन सभी को उन्होंने तलवार से मारकर सत्यानाश किया; और किसी प्राणी को जीवित न छोड़ा और हासोर को यहोशू ने आग लगाकर फुँकवा दिया। $$ JOS 11:12 और उन सब नगरों को उनके सब राजाओं समेत यहोशू ने ले लिया और यहोवा के दास मूसा की आज्ञा के अनुसार उनको तलवार से घात करके सत्यानाश किया। $$ JOS 11:13 परन्तु हासोर को छोड़कर जिसे यहोशू ने फुँकवा दिया इस्राएल ने और किसी नगर को जो अपने टीले पर बसा था नहीं जलाया $$ JOS 11:14 और इन नगरों के पशु और इनकी सारी लूट को इस्राएलियों ने अपना कर लिया; परन्तु मनुष्यों को उन्होंने तलवार से मार डाला यहाँ तक उनका सत्यानाश कर डाला कि एक भी प्राणी को जीवित नहीं छोड़ा गया। $$ JOS 11:15 जो आज्ञा यहोवा ने अपने दास मूसा को दी थी उसी के अनुसार मूसा ने यहोशू को आज्ञा दी थी और ठीक वैसा ही यहोशू ने किया भी; जो-जो आज्ञा यहोवा ने मूसा को दी थी उनमें से यहोशू ने कोई भी पूरी किए बिना न छोड़ी।। $$ JOS 11:16 तब यहोशू ने उस सारे देश को अर्थात् पहाड़ी देश और सारे दक्षिणी देश और कुल गोशेन देश और नीचे के देश अराबा और इस्राएल के पहाड़ी देश और उसके नीचेवाले देश को $$ JOS 11:17 हालाक नाम पहाड़ से ले जो सेईर की चढ़ाई पर है बालगाद तक जो लबानोन के मैदान में हेर्मोन पर्वत के नीचे है जितने देश हैं उन सब को जीत लिया और उन देशों के सारे राजाओं को पकड़कर मार डाला। $$ JOS 11:18 उन सब राजाओं से युद्ध करते-करते यहोशू को बहुत दिन लग गए। $$ JOS 11:19 गिबोन के निवासी हिव्वियों को छोड़ और किसी नगर के लोगों ने इस्राएलियों से मेल न किया; और सब नगरों को उन्होंने लड़ लड़कर जीत लिया। $$ JOS 11:20 क्योंकि यहोवा की जो मनसा थी कि अपनी उस आज्ञा के अनुसार जो उसने मूसा को दी थी उन पर कुछ भी दया न करे; वरन् सत्यानाश कर डालें इस कारण उसने उनके मन ऐसे कठोर कर दिए कि उन्होंने इस्राएलियों का सामना करके उनसे युद्ध किया। $$ JOS 11:21 उस समय यहोशू ने पहाड़ी देश में आकर हेब्रोन दबीर अनाब वरन् यहूदा और इस्राएल दोनों के सारे पहाड़ी देश में रहनेवाले अनाकियों को नाश किया; यहोशू ने नगरों समेत उनका सत्यानाश कर डाला। $$ JOS 11:22 इस्राएलियों के देश में कोई अनाकी न रह गया; केवल गाज़ा गत और अश्दोद में कोई-कोई रह गए। $$ JOS 11:23 जैसा यहोवा ने मूसा से कहा था वैसा ही यहोशू ने वह सारा देश ले लिया; और उसे इस्राएल के गोत्रों और कुलों के अनुसार बाँट करके उन्हें दे दिया। और देश को लड़ाई से शान्ति मिली। $$ JOS 12:1 ¶ यरदन पार सूर्योदय की ओर अर्थात् अर्नोन घाटी से लेकर हेर्मोन पर्वत तक के देश और सारे पूर्वी अराबा के जिन राजाओं को इस्राएलियों ने मारकर उनके देश को अपने अधिकार में कर लिया था वे ये हैं; $$ JOS 12:2 एमोरियों का हेशबोनवासी राजा सीहोन जो अर्नोन घाटी के किनारे के अरोएर से लेकर और उसी घाटी के बीच के नगर को छोड़कर यब्बोक नदी तक जो अम्मोनियों की सीमा है आधे गिलाद पर $$ JOS 12:3 और किन्नेरेत नामक ताल से लेकर बेत्यशीमोत से होकर अराबा के ताल तक जो खारा ताल भी कहलाता है पूर्व की ओर के अराबा और दक्षिण की ओर पिसगा की ढलान के नीचे-नीचे के देश पर प्रभुता रखता था। $$ JOS 12:4 फिर बचे हुए रपाइयों में से बाशान के राजा ओग का देश था जो अश्तारोत और एद्रेई में रहा करता था $$ JOS 12:5 और हेर्मोन पर्वत सल्का और गशूरियों और माकियों की सीमा तक कुल बाशान में और हेशबोन के राजा सीहोन की सीमा तक आधे गिलाद में भी प्रभुता करता था। $$ JOS 12:6 इस्राएलियों और यहोवा के दास मूसा ने इनको मार लिया; और यहोवा के दास मूसा ने उनका देश रूबेनियों और गादियों और मनश्शे के आधे गोत्र के लोगों को दे दिया। $$ JOS 12:7 यरदन के पश्चिम की ओर लबानोन के मैदान में के बालगाद से लेकर सेईर की चढ़ाई के हालाक पहाड़ तक के देश के जिन राजाओं को यहोशू और इस्राएलियों ने मारकर उनका देश इस्राएलियों के गोत्रों और कुलों के अनुसार भाग करके दे दिया था वे ये हैं $$ JOS 12:8 हित्ती और एमोरी और कनानी और परिज्जी और हिव्वी और यबूसी जो पहाड़ी देश में और नीचे के देश में और अराबा में और ढालू देश में और जंगल में और दक्षिणी देश में रहते थे। $$ JOS 12:9 एक यरीहो का राजा; एक बेतेल के पास के आई का राजा; $$ JOS 12:10 एक यरूशलेम का राजा; एक हेब्रोन का राजा; $$ JOS 12:11 एक यर्मूत का राजा; एक लाकीश का राजा; $$ JOS 12:12 एक एग्लोन का राजा; एक गेजेर का राजा; $$ JOS 12:13 एक दबीर का राजा; एक गेदेर का राजा; $$ JOS 12:14 एक होर्मा का राजा; एक अराद का राजा; $$ JOS 12:15 एक लिब्ना का राजा; एक अदुल्लाम का राजा; $$ JOS 12:16 एक मक्केदा का राजा; एक बेतेल का राजा; $$ JOS 12:17 एक तप्पूह का राजा; एक हेपेर का राजा; $$ JOS 12:18 एक अपेक का राजा; एक लश्शारोन का राजा; $$ JOS 12:19 एक मादोन का राजा; एक हासोर का राजा; $$ JOS 12:20 एक शिम्रोन्मरोन का राजा; एक अक्षाप का राजा; $$ JOS 12:21 एक तानाक का राजा; एक मगिद्दो का राजा; $$ JOS 12:22 एक केदेश का राजा; एक कर्मेल में योकनाम का राजा; $$ JOS 12:23 एक दोर नामक ऊँचे देश के दोर का राजा; एक गिलगाल के गोयीम का राजा; $$ JOS 12:24 और एक तिर्सा का राजा; इस प्रकार सब राजा इकतीस हुए। $$ JOS 13:1 ¶ यहोशू बूढ़ा और बहुत उम्र का हो गया था; और यहोवा ने उससे कहा तू बूढ़ा और बहुत उम्र का हो गया है और बहुत देश रह गए हैं जो इस्राएल के अधिकार में अभी तक नहीं आए। $$ JOS 13:2 ये देश रह गए हैं अर्थात् पलिश्तियों का सारा प्रान्त और सारे गशूरी $$ JOS 13:3 और दक्षिणी ओर अव्वी भी $$ JOS 13:4 फिर अपेक और एमोरियों की सीमा तक कनानियों का सारा देश और सीदोनियों का मारा नामक देश $$ JOS 13:5 फिर गबालियों का देश और सूर्योदय की ओर हेर्मोन पर्वत के नीचे के बालगाद से लेकर हमात की घाटी तक सारा लबानोन $$ JOS 13:6 फिर लबानोन से लेकर मिस्रपोतमैम तक सीदोनियों के पहाड़ी देश के निवासी। इनको मैं इस्राएलियों के सामने से निकाल दूँगा; इतना हो कि तू मेरी आज्ञा के अनुसार चिट्ठी डाल डालकर उनका देश इस्राएल को बाँट दे। $$ JOS 13:7 इसलिए तू अब इस देश को नौ गोत्रों और मनश्शे के आधे गोत्र को उनका भाग होने के लिये बाँट दे। $$ JOS 13:8 रूबेनियों और गादियों को तो वह भाग मिल चुका था जिसे मूसा ने उन्हें यरदन के पूर्व की ओर दिया था क्योंकि यहोवा के दास मूसा ने उन्हीं को दिया था $$ JOS 13:9 अर्थात् अर्नोन नामक घाटी के किनारे के अरोएर से लेकर और उसी घाटी के बीच के नगर को छोड़कर दीबोन तक मेदबा के पास का सारा चौरस देश; $$ JOS 13:10 और अम्मोनियों की सीमा तक हेशबोन में विराजनेवाले एमोरियों के राजा सीहोन के सारे नगर; $$ JOS 13:11 और गिलाद देश और गशूरियों और माकावासियों की सीमा और सारा हेर्मोन पर्वत और सल्का तक सारा बाशान $$ JOS 13:12 फिर अश्तारोत और एद्रेई में विराजनेवाले उस ओग का सारा राज्य जो रपाइयों में से अकेला बच गया था; क्योंकि इन्हीं को मूसा ने मारकर उनकी प्रजा को उस देश से निकाल दिया था। $$ JOS 13:13 परन्तु इस्राएलियों ने गशूरियों और माकियों को उनके देश से न निकाला; इसलिए गशूरी और माकी इस्राएलियों के मध्य में आज तक रहते हैं। $$ JOS 13:14 और लेवी के गोत्रियों को उसने कोई भाग न दिया; क्योंकि इस्राएल के परमेश्‍वर यहोवा के वचन के अनुसार उसी के हव्य उनके लिये भाग ठहरे हैं। $$ JOS 13:15 मूसा ने रूबेन के गोत्र को उनके कुलों के अनुसार दिया $$ JOS 13:16 अर्थात् अर्नोन नामक घाटी के किनारे के अरोएर से लेकर और उसी घाटी के बीच के नगर को छोड़कर मेदबा के पास का सारा चौरस देश; $$ JOS 13:17 फिर चौरस देश में का हेशबोन और उसके सब गाँव; फिर दीबोन बामोतबाल बेतबाल्मोन $$ JOS 13:18 यहस कदेमोत मेपात $$ JOS 13:19 किर्यातैम सिबमा और तराई में के पहाड़ पर बसा हुआ सेरेथश्शहर $$ JOS 13:20 बेतपोर पिसगा की ढलान और बेत्यशीमोत $$ JOS 13:21 अर्थात् चौरस देश में बसे हुए हेशबोन में विराजनेवाले एमोरियों के उस राजा सीहोन के राज्य के सारे नगर जिन्हें मूसा ने मार लिया था। मूसा ने एवी रेकेम सूर हूर और रेबा नामक मिद्यान के प्रधानों को भी मार डाला था जो सीहोन के ठहराए हुए हाकिम और उसी देश के निवासी थे। $$ JOS 13:22 और इस्राएलियों ने उनके और मारे हुओं के साथ बोर के पुत्र भावी कहनेवाले बिलाम को भी तलवार से मार डाला। $$ JOS 13:23 और रूबेनियों की सीमा यरदन का किनारा ठहरा। रूबेनियों का भाग उनके कुलों के अनुसार नगरों और गाँवों समेत यही ठहरा।। $$ JOS 13:24 फिर मूसा ने गाद के गोत्रियों को भी कुलों के अनुसार उनका निज भाग करके बाँट दिया। $$ JOS 13:25 तब यह ठहरा अर्थात् याजेर आदि गिलाद के सारे नगर और रब्‍बाह के सामने के अरोएर तक अम्मोनियों का आधा देश $$ JOS 13:26 और हेशबोन से रामत-मिस्पे और बतोनीम् तक और महनैम से दबीर की सीमा तक $$ JOS 13:27 और तराई में बेतहारम बेतनिम्रा सुक्कोत और सापोन और हेशबोन के राजा सीहोन के राज्य के बचे हुए भाग और किन्नेरेत नामक ताल के सिरे तक यरदन के पूर्व की ओर का वह देश जिसकी सीमा यरदन है। $$ JOS 13:28 गादियों का भाग उनके कुलों के अनुसार नगरों और गाँवों समेत यही ठहरा। $$ JOS 13:29 फिर मूसा ने मनश्शे के आधे गोत्रियों को भी उनका निज भाग कर दिया; वह मनश्शेइयों के आधे गोत्र का निज भाग उनके कुलों के अनुसार ठहरा। $$ JOS 13:30 वह यह है अर्थात् महनैम से लेकर बाशान के राजा ओग के राज्य का सब देश और बाशान में बसी हुई याईर की साठों बस्तियाँ $$ JOS 13:31 और गिलाद का आधा भाग और अश्तारोत और एद्रेई जो बाशान में ओग के राज्य के नगर थे ये मनश्शे के पुत्र माकीर के वंश का अर्थात् माकीर के आधे वंश का निज भाग कुलों के अनुसार ठहरे।। $$ JOS 13:32 जो भाग मूसा ने मोआब के अराबा में यरीहो के पास के यरदन के पूर्व की ओर बाँट दिए वे ये ही हैं। $$ JOS 13:33 परन्तु लेवी के गोत्र को मूसा ने कोई भाग न दिया; इस्राएल का परमेश्‍वर यहोवा ही अपने वचन के अनुसार उनका भाग ठहरा।। $$ JOS 14:1 ¶ जो-जो भाग इस्राएलियों ने कनान देश में पाए उन्हें एलीआजर याजक और नून के पुत्र यहोशू और इस्राएली गोत्रों के पूर्वजों के घरानों के मुख्य-मुख्य पुरुषों ने उनको दिया वे ये हैं। $$ JOS 14:2 जो आज्ञा यहोवा ने मूसा के द्वारा साढ़े नौ गोत्रों के लिये दी थी उसके अनुसार उनके भाग चिट्ठी डाल डालकर दिए गए। $$ JOS 14:3 मूसा ने तो ढाई गोत्रों के भाग यरदन पार दिए थे; परन्तु लेवियों को उसने उनके बीच कोई भाग न दिया था। $$ JOS 14:4 यूसुफ के वंश के तो दो गोत्र हो गए थे अर्थात् मनश्शे और एप्रैम; और उस देश में लेवियों को कुछ भाग न दिया गया केवल रहने के नगर और पशु आदि धन रखने को चराइयाँ उनको मिलीं। $$ JOS 14:5 जो आज्ञा यहोवा ने मूसा को दी थी उसके अनुसार इस्राएलियों ने किया; और उन्होंने देश को बाँट लिया।। $$ JOS 14:6 तब यहूदी यहोशू के पास गिलगाल में आए; और कनजी यपुन्‍ने के पुत्र कालेब ने उससे कहा तू जानता होगा कि यहोवा ने कादेशबर्ने में परमेश्‍वर के जन मूसा से मेरे और तेरे विषय में क्या कहा था। $$ JOS 14:7 जब यहोवा के दास मूसा ने मुझे इस देश का भेद लेने के लिये कादेशबर्ने से भेजा था तब मैं चालीस वर्ष का था; और मैं सच्चे मन से उसके पास सन्देश ले आया। $$ JOS 14:8 और मेरे साथी जो मेरे संग गए थे उन्होंने तो प्रजा के लोगों का मन निराश कर दिया परन्तु मैंने अपने परमेश्‍वर यहोवा की पूरी रीति से बात मानी। $$ JOS 14:9 तब उस दिन मूसा ने शपथ खाकर मुझसे कहा ‘तूने पूरी रीति से मेरे परमेश्‍वर यहोवा की बातों का अनुकरण किया है इस कारण निःसन्देह जिस भूमि पर तू अपने पाँव धर आया है वह सदा के लिये तेरा और तेरे वंश का भाग होगी’। $$ JOS 14:10 और अब देख जब से यहोवा ने मूसा से यह वचन कहा था तब से पैंतालीस वर्ष हो चुके हैं जिनमें इस्राएली जंगल में घूमते फिरते रहे; उनमें यहोवा ने अपने कहने के अनुसार मुझे जीवित रखा है; और अब मैं पचासी वर्ष का हूँ। $$ JOS 14:11 जितना बल मूसा के भेजने के दिन मुझ में था उतना बल अभी तक मुझ में है; युद्ध करने और भीतर बाहर आने-जाने के लिये जितनी उस समय मुझ में सामर्थ्य थी उतनी ही अब भी मुझ में सामर्थ्य है। $$ JOS 14:12 इसलिए अब वह पहाड़ी मुझे दे जिसकी चर्चा यहोवा ने उस दिन की थी; तूने तो उस दिन सुना होगा कि उसमें अनाकवंशी रहते हैं और बड़े-बड़े गढ़वाले नगर भी हैं; परन्तु क्या जाने सम्भव है कि यहोवा मेरे संग रहे और उसके कहने के अनुसार मैं उन्हें उनके देश से निकाल दूँ। $$ JOS 14:13 तब यहोशू ने उसको आशीर्वाद दिया; और हेब्रोन को यपुन्‍ने के पुत्र कालेब का भाग कर दिया। $$ JOS 14:14 इस कारण हेब्रोन कनजी यपुन्‍ने के पुत्र कालेब का भाग आज तक बना है क्योंकि वह इस्राएल के परमेश्‍वर यहोवा का पूरी रीति से अनुगामी था। $$ JOS 14:15 पहले हेब्रोन का नाम किर्यतअर्बा था; वह अर्बा अनाकियों में सबसे बड़ा पुरुष था। और उस देश को लड़ाई से शान्ति मिली। $$ JOS 15:1 ¶ यहूदियों के गोत्र का भाग उनके कुलों के अनुसार चिट्ठी डालने से एदोम की सीमा तक और दक्षिण की ओर सीन के जंगल तक जो दक्षिणी सीमा पर है ठहरा। $$ JOS 15:2 उनके भाग का दक्षिणी सीमा खारे ताल के उस सिरेवाले कोल से आरम्भ हुई जो दक्षिण की ओर बढ़ा है; $$ JOS 15:3 और वह अक्रब्बीम नामक चढ़ाई के दक्षिणी ओर से निकलकर सीन होते हुए कादेशबर्ने के दक्षिण की ओर को चढ़ गया फिर हेस्रोन के पास हो अद्दार को चढ़कर कर्काआ की ओर मुड़ गया $$ JOS 15:4 वहाँ से अस्मोन होते हुए वह मिस्र के नाले पर निकला और उस सीमा का अन्त समुद्र हुआ। तुम्हारी दक्षिणी सीमा यही होगी। $$ JOS 15:5 फिर पूर्वी सीमा यरदन के मुहाने तक खारा ताल ही ठहरा और उत्तर दिशा की सीमा यरदन के मुहाने के पास के ताल के कोल से आरम्भ करके $$ JOS 15:6 बेथोग्ला को चढ़ते हुए बेतराबा की उत्तर की ओर होकर रूबेनी बोहन नामक पत्थर तक चढ़ गया; $$ JOS 15:7 और वही सीमा आकोर नामक तराई से दबीर की ओर चढ़ गया और उत्तर होते हुए गिलगाल की ओर झुकी जो तराई के दक्षिणी ओर की अदुम्मीम की चढ़ाई के सामने है; वहाँ से वह एनशेमेश नामक सोते के पास पहुँचकर एनरोगेल पर निकला; $$ JOS 15:8 फिर वही सीमा हिन्नोम के पुत्र की तराई से होकर यबूस undefined उसकी दक्षिण की ओर से बढ़ते हुए उस पहाड़ की चोटी पर पहुँचा जो पश्चिम की ओर हिन्नोम की तराई के सामने और रपाईम की तराई के उत्तरवाले सिरे पर है; $$ JOS 15:9 फिर वही सीमा उस पहाड़ की चोटी से नेप्तोह नामक सोते को चला गया और एप्रोन पहाड़ के नगरों पर निकला; फिर वहाँ से बाला को पहुँचा; $$ JOS 15:10 फिर वह बाला से पश्चिम की ओर मुड़कर सेईर पहाड़ तक पहुँचा और यारीम पहाड़ उसके उत्तरी ओर से होकर बेतशेमेश को उतर गया और वहाँ से तिम्‍नाह पर निकला; $$ JOS 15:11 वहाँ से वह सीमा एक्रोन की उत्तरी ओर के पास होते हुए शिक्करोन गया और बाला पहाड़ होकर यब्नेल पर निकला; और उस सीमा का अन्त समुद्र का तट हुआ। $$ JOS 15:12 और पश्चिम की सीमा महासमुद्र का तट ठहरा। यहूदियों को जो भाग उनके कुलों के अनुसार मिला उसकी चारों ओर की सीमा यही हुई। $$ JOS 15:13 और यपुन्‍ने के पुत्र कालेब को उसने यहोवा की आज्ञा के अनुसार यहूदियों के बीच भाग दिया अर्थात् किर्यतअर्बा जो हेब्रोन भी कहलाता है । $$ JOS 15:14 और कालेब ने वहाँ से शेशै अहीमन और तल्मै नामक अनाक के तीनों पुत्रों को निकाल दिया। $$ JOS 15:15 फिर वहाँ से वह दबीर के निवासियों पर चढ़ गया; पूर्वकाल में तो दबीर का नाम किर्यत्सेपेर था। $$ JOS 15:16 और कालेब ने कहा जो किर्यत्सेपेर को मारकर ले ले उससे मैं अपनी बेटी अकसा को ब्याह दूँगा। $$ JOS 15:17 तब कालेब के भाई ओत्नीएल कनजी ने उसे ले लिया; और उसने उसे अपनी बेटी अकसा को ब्याह दिया। $$ JOS 15:18 जब वह उसके पास आई तब उसने उसको पिता से कुछ भूमि माँगने को उभारा फिर वह अपने गदहे पर से उतर पड़ी और कालेब ने उससे पूछा तू क्या चाहती है? $$ JOS 15:19 वह बोली मुझे आशीर्वाद दे; तूने मुझे दक्षिण देश में की कुछ भूमि तो दी है मुझे जल के सोते भी दे। तब उसने ऊपर के सोते नीचे के सोते दोनों उसे दिए।। $$ JOS 15:20 यहूदियों के गोत्र का भाग तो उनके कुलों के अनुसार यही ठहरा।। $$ JOS 15:21 यहूदियों के गोत्र के किनारे-वाले नगर दक्षिण देश में एदोम की सीमा की ओर ये हैं अर्थात् कबसेल एदेर यागूर $$ JOS 15:22 कीना दीमोना अदादा $$ JOS 15:23 केदेश हासोर यित्नान $$ JOS 15:24 जीप तेलेम बालोत $$ JOS 15:25 हासोर्हदत्ता करिय्योथेस्रोन $$ JOS 15:26 और अमाम शेमा मोलादा $$ JOS 15:27 हसर्गद्दा हेशमोन बेत्पेलेत $$ JOS 15:28 हसर्शूआल बेर्शेबा बिज्योत्या $$ JOS 15:29 बाला इय्यीम एसेम $$ JOS 15:30 एलतोलद कसील होर्मा $$ JOS 15:31 सिकलग मदमन्ना सनसन्ना $$ JOS 15:32 लबाओत शिल्हीम ऐन और रिम्मोन; ये सब नगर उन्तीस हैं और इनके गाँव भी हैं। $$ JOS 15:33 तराई में ये हैं अर्थात् एश्‍ताओल सोरा अश्ना $$ JOS 15:34 जानोह एनगन्नीम तप्पूह एनाम $$ JOS 15:35 यर्मूत अदुल्लाम सोको अजेका $$ JOS 15:36 शारैंम अदीतैम गदेरा और गदेरोतैम; ये सब चौदह नगर हैं और इनके गाँव भी हैं। $$ JOS 15:37 फिर सनान हदाशा मिगदलगाद $$ JOS 15:38 दिलान मिस्पे योक्तेल $$ JOS 15:39 लाकीश बोस्कत एग्लोन $$ JOS 15:40 कब्बोन लहमास कितलीश $$ JOS 15:41 गदेरोत बेतदागोन नामाह और मक्केदा; ये सोलह नगर हैं और इनके गाँव भी हैं। $$ JOS 15:42 फिर लिब्ना एतेर आशान $$ JOS 15:43 इप्ताह अश्ना नसीब $$ JOS 15:44 कीला अकजीब और मारेशा; ये नौ नगर हैं और इनके गाँव भी हैं। $$ JOS 15:45 फिर नगरों और गाँवों समेत एक्रोन $$ JOS 15:46 और एक्रोन से लेकर समुद्र तक अपने-अपने गाँवों समेत जितने नगर अश्दोद की ओर हैं। $$ JOS 15:47 फिर अपने-अपने नगरों और गाँवों समेत अश्दोद और गाज़ा वरन् मिस्र के नाले तक और महासमुद्र के तट तक जितने नगर हैं। $$ JOS 15:48 पहाड़ी देश में ये हैं अर्थात् शामीर यत्तीर सोको $$ JOS 15:49 दन्ना किर्यत्सन्ना $$ JOS 15:50 अनाब एश्तमो आनीम $$ JOS 15:51 गोशेन होलोन और गीलो; ये ग्यारह नगर हैं और इनके गाँव भी हैं। $$ JOS 15:52 फिर अराब दूमा एशान $$ JOS 15:53 यानीम बेत्तप्पूह अपेका $$ JOS 15:54 हुमता किर्यतअर्बा undefined ये नौ नगर हैं और इनके गाँव भी हैं। $$ JOS 15:55 फिर माओन कर्मेल जीप युत्ता $$ JOS 15:56 यिज्रेल योकदाम जानोह $$ JOS 15:57 कैन गिबा और तिम्‍नाह; ये दस नगर हैं और इनके गाँव भी हैं। $$ JOS 15:58 फिर हलहूल बेतसूर गदोर $$ JOS 15:59 मरात बेतनोत और एलतकोन; ये छः नगर हैं और इनके गाँव भी हैं। $$ JOS 15:60 फिर किर्यतबाल undefined और रब्‍बाह; ये दो नगर हैं और इनके गाँव भी हैं। $$ JOS 15:61 जंगल में ये नगर हैं अर्थात् बेतराबा मिद्दीन सकाका; $$ JOS 15:62 निबशान नमक का नगर और एनगदी ये छः नगर हैं और इनके गाँव भी हैं। $$ JOS 15:63 यरूशलेम के निवासी यबूसियों को यहूदी न निकाल सके; इसलिए आज के दिन तक यबूसी यहूदियों के संग यरूशलेम में रहते हैं। $$ JOS 16:1 ¶ फिर यूसुफ की सन्तान का भाग चिट्ठी डालने से ठहराया गया उनकी सीमा यरीहो के पास की यरदन नदी से अर्थात् पूर्व की ओर यरीहो के जल से आरम्भ होकर उस पहाड़ी देश से होते हुए जो जंगल में हैं बेतेल को पहुँचा; $$ JOS 16:2 वहाँ से वह लूज तक पहुँचा और एरेकियों की सीमा से होते हुए अतारोत पर जा निकला; $$ JOS 16:3 और पश्चिम की ओर यपलेतियों की सीमा से उतरकर फिर नीचेवाले बेथोरोन की सीमा से होकर गेजेर को पहुँचा और समुद्र पर निकला। $$ JOS 16:4 तब मनश्शे और एप्रैम नामक यूसुफ के दोनों पुत्रों की सन्तान ने अपना-अपना भाग लिया। $$ JOS 16:5 एप्रैमियों की सीमा उनके कुलों के अनुसार यह ठहरी; अर्थात् उनके भाग की सीमा पूर्व से आरम्भ होकर अत्रोतदार से होते हुए ऊपरवाले बेथोरोन तक पहुँचा; $$ JOS 16:6 और उत्तरी सीमा पश्चिम की ओर के मिकमतात से आरम्भ होकर पूर्व की ओर मुड़कर तानतशीलो को पहुँचा और उसके पास से होते हुए यानोह तक पहुँचा; $$ JOS 16:7 फिर यानोह से वह अतारोत और नारा को उतरती हुई यरीहो के पास होकर यरदन पर निकली। $$ JOS 16:8 फिर वही सीमा तप्पूह से निकलकर और पश्चिम की ओर जाकर काना की नदी तक होकर समुद्र पर निकली। एप्रैमियों के गोत्र का भाग उनके कुलों के अनुसार यही ठहरा। $$ JOS 16:9 और मनश्शेइयों के भाग के बीच भी कई एक नगर अपने-अपने गाँवों समेत एप्रैमियों के लिये अलग किये गए। $$ JOS 16:10 परन्तु जो कनानी गेजेर में बसे थे उनको एप्रैमियों ने वहाँ से नहीं निकाला; इसलिए वे कनानी उनके बीच आज के दिन तक बसे हैं और बेगारी में दास के समान काम करते हैं। $$ JOS 17:1 ¶ फिर यूसुफ के जेठे मनश्शे के गोत्र का भाग चिट्ठी डालने से यह ठहरा। मनश्शे का जेठा पुत्र गिलाद का पिता माकीर योद्धा था इस कारण उसके वंश को गिलाद और बाशान मिला। $$ JOS 17:2 इसलिए यह भाग दूसरे मनश्शेइयों के लिये उनके कुलों के अनुसार ठहरा अर्थात् अबीएजेर हेलेक अस्रीएल शेकेम हेपेर और शमीदा; जो अपने-अपने कुलों के अनुसार यूसुफ के पुत्र मनश्शे के वंश में के पुरुष थे उनके अलग-अलग वंशों के लिये ठहरा। $$ JOS 17:3 परन्तु हेपेर जो गिलाद का पुत्र माकीर का पोता और मनश्शे का परपोता था उसके पुत्र सलोफाद के बेटे नहीं बेटियाँ ही हुईं; और उनके नाम महला नोवा होग्ला मिल्का और तिर्सा हैं। $$ JOS 17:4 तब वे एलीआजर याजक नून के पुत्र यहोशू और प्रधानों के पास जाकर कहने लगीं यहोवा ने मूसा को आज्ञा दी थी कि वह हमको हमारे भाइयों के बीच भाग दे। तो यहोशू ने यहोवा की आज्ञा के अनुसार उन्हें उनके चाचाओं के बीच भाग दिया। $$ JOS 17:5 तब मनश्शे को यरदन पार गिलाद देश और बाशान को छोड़ दस भाग मिले; $$ JOS 17:6 क्योंकि मनश्शेइयों के बीच में मनश्शेई स्त्रियों को भी भाग मिला। और दूसरे मनश्शेइयों को गिलाद देश मिला। $$ JOS 17:7 और मनश्शे की सीमा आशेर से लेकर मिकमतात तक पहुँची जो शेकेम के सामने है; फिर वह दक्षिण की ओर बढ़कर एनतप्पूह के निवासियों तक पहुँची। $$ JOS 17:8 तप्पूह की भूमि तो मनश्शे को मिली परन्तु तप्पूह नगर जो मनश्शे की सीमा पर बसा है वह एप्रैमियों का ठहरा। $$ JOS 17:9 फिर वहाँ से वह सीमा काना की नदी तक उतरके उसके दक्षिण की ओर तक पहुँच गयी; ये नगर यद्यपि मनश्शे के नगरों के बीच में थे तो भी एप्रैम के ठहरे; और मनश्शे की सीमा उस नदी के उत्तर की ओर से जाकर समुद्र पर निकली; $$ JOS 17:10 दक्षिण की ओर का देश तो एप्रैम को और उत्तर की ओर का मनश्शे को मिला और उसकी सीमा समुद्र ठहरी; और वे उत्तर की ओर आशेर से और पूर्व की ओर इस्साकार से जा मिलीं। $$ JOS 17:11 और मनश्शे को इस्साकार और आशेर अपने-अपने नगरों समेत बेतशान यिबलाम और अपने नगरों समेत दोर के निवासी और अपने नगरों समेत एनदोर के निवासी और अपने नगरों समेत तानाक की निवासी और अपने नगरों समेत मगिद्दो के निवासी ये तीनों जो ऊँचे स्थानों पर बसे हैं मिले। $$ JOS 17:12 परन्तु मनश्शेई उन नगरों के निवासियों को उनमें से नहीं निकाल सके; इसलिए कनानी उस देश में बसे रहे। $$ JOS 17:13 तो भी जब इस्राएली सामर्थी हो गए तब कनानियों से बेगारी तो कराने लगे परन्तु उनको पूरी रीति से निकाल बाहर न किया।। $$ JOS 17:14 यूसुफ की सन्तान यहोशू से कहने लगी हम तो गिनती में बहुत हैं क्योंकि अब तक यहोवा हमें आशीष ही देता आया है फिर तूने हमारे भाग के लिये चिट्ठी डालकर क्यों एक ही अंश दिया है? $$ JOS 17:15 यहोशू ने उनसे कहा यदि तुम गिनती में बहुत हो और एप्रैम का पहाड़ी देश तुम्हारे लिये छोटा हो तो परिज्जियों और रपाइयों का देश जो जंगल है उसमें जाकर पेड़ों को काट डालो। $$ JOS 17:16 यूसुफ की सन्तान ने कहा वह पहाड़ी देश हमारे लिये छोटा है; और बेतशान और उसके नगरों में रहनेवाले और यिज्रेल की तराई में रहनेवाले जितने कनानी नीचे के देश में रहते हैं उन सभी के पास लोहे के रथ हैं। $$ JOS 17:17 फिर यहोशू ने क्या एप्रैमी क्या मनश्शेई अर्थात् यूसुफ के सारे घराने से कहा हाँ तुम लोग तो गिनती में बहुत हो और तुम्हारी सामर्थ्य भी बड़ी है इसलिए तुम को केवल एक ही भाग न मिलेगा; $$ JOS 17:18 पहाड़ी देश भी तुम्हारा हो जाएगा; क्योंकि वह जंगल तो है परन्तु उसके पेड़ काट डालो तब उसके आस-पास का देश भी तुम्हारा हो जाएगा; क्योंकि चाहे कनानी सामर्थी हों और उनके पास लोहे के रथ भी हों तो भी तुम उन्हें वहाँ से निकाल सकोगे।। $$ JOS 18:1 ¶ फिर इस्राएलियों की सारी मण्डली ने शीलो में इकट्ठी होकर वहाँ मिलापवाले तम्बू को खड़ा किया; क्योंकि देश उनके वश में आ गया था। $$ JOS 18:2 और इस्राएलियों में से सात गोत्रों के लोग अपना-अपना भाग बिना पाये रह गए थे। $$ JOS 18:3 तब यहोशू ने इस्राएलियों से कहा जो देश तुम्हारे पूर्वजों के परमेश्‍वर यहोवा ने तुम्हें दिया है उसे अपने अधिकार में कर लेने में तुम कब तक ढिलाई करते रहोगे? $$ JOS 18:4 अब प्रति गोत्र के पीछे तीन मनुष्य ठहरा लो और मैं उन्हें इसलिए भेजूँगा कि वे चलकर देश में घूमें फिरें और अपने-अपने गोत्र के भाग के प्रयोजन के अनुसार उसका हाल लिख लिखकर मेरे पास लौट आएँ। $$ JOS 18:5 और वे देश के सात भाग लिखें यहूदी तो दक्षिण की ओर अपने भाग में और यूसुफ के घराने के लोग उत्तर की ओर अपने भाग में रहें। $$ JOS 18:6 और तुम देश के सात भाग लिखकर मेरे पास ले आओ; और मैं यहाँ तुम्हारे लिये अपने परमेश्‍वर यहोवा के सामने चिट्ठी डालूँगा। $$ JOS 18:7 और लेवियों का तुम्हारे मध्य में कोई भाग न होगा क्योंकि यहोवा का दिया हुआ याजकपद ही उनका भाग है; और गाद रूबेन और मनश्शे के आधे गोत्र के लोग यरदन के पूर्व की ओर यहोवा के दास मूसा का दिया हुआ अपना-अपना भाग पा चुके हैं। $$ JOS 18:8 तब वे पुरुष उठकर चल दिए; और जो उस देश का हाल लिखने को चले उन्हें यहोशू ने यह आज्ञा दी जाकर देश में घूमो फिरो और उसका हाल लिखकर मेरे पास लौट आओ; और मैं यहाँ शीलो में यहोवा के सामने तुम्हारे लिये चिट्ठी डालूँगा। $$ JOS 18:9 तब वे पुरुष चल दिए और उस देश में घूमें और उसके नगरों के सात भाग करके उनका हाल पुस्तक में लिखकर शीलो की छावनी में यहोशू के पास आए। $$ JOS 18:10 तब यहोशू ने शीलो में यहोवा के सामने उनके लिये चिट्ठियाँ डालीं; और वहीं यहोशू ने इस्राएलियों को उनके भागों के अनुसार देश बाँट दिया।। $$ JOS 18:11 बिन्यामीनियों के गोत्र की चिट्ठी उनके कुलों के अनुसार निकली और उनका भाग यहूदियों और यूसुफियों के बीच में पड़ा। $$ JOS 18:12 और उनकी उत्तरी सीमा यरदन से आरम्भ हुई और यरीहो की उत्तरी ओर से चढ़ते हुए पश्चिम की ओर पहाड़ी देश में होकर बेतावेन के जंगल में निकली; $$ JOS 18:13 वहाँ से वह लूज को पहुँची undefined और लूज की दक्षिणी ओर से होते हुए निचले बेथोरोन के दक्षिणी ओर के पहाड़ के पास हो अत्रोतदार को उतर गई। $$ JOS 18:14 फिर पश्चिमी सीमा मुड़के बेथोरोन के सामने और उसकी दक्षिण ओर के पहाड़ से होते हुए किर्यतबाल नामक यहूदियों के एक नगर पर निकली; पश्चिम की सीमा यही ठहरी। $$ JOS 18:15 फिर दक्षिण की ओर की सीमा पश्चिम से आरम्भ होकर किर्यत्यारीम के सिरे से निकलकर नेप्तोह के सोते पर पहुँची; $$ JOS 18:16 और उस पहाड़ के सिरे पर उतरी जो हिन्नोम के पुत्र की तराई के सामने और रपाईम नामक तराई के उत्तरी ओर है; वहाँ से वह हिन्नोम की तराई में अर्थात् यबूस के दक्षिणी ओर होकर एनरोगेल को उतरी; $$ JOS 18:17 वहाँ से वह उत्तर की ओर मुड़कर एनशेमेश को निकलकर उस गलीलोत की ओर गई जो अदुम्मीम की चढ़ाई के सामने है फिर वहाँ से वह रूबेन के पुत्र बोहन के पत्थर तक उतर गई; $$ JOS 18:18 वहाँ से वह उत्तर की ओर जाकर अराबा के सामने के पहाड़ की ओर से होते हुए अराबा को उतरी; $$ JOS 18:19 वहाँ से वह सीमा बेथोग्ला की उत्तरी ओर से जाकर खारे ताल की उत्तर ओर के कोल में यरदन के मुहाने पर निकली; दक्षिण की सीमा यही ठहरी। $$ JOS 18:20 और पूर्व की ओर की सीमा यरदन ही ठहरी। बिन्यामीनियों का भाग चारों ओर की सीमाओं सहित उनके कुलों के अनुसार यही ठहरा। $$ JOS 18:21 बिन्यामीनियों के गोत्र को उनके कुलों के अनुसार ये नगर मिले अर्थात् यरीहो बेथोग्ला एमेक्कसीस $$ JOS 18:22 बेतराबा समारैम बेतेल $$ JOS 18:23 अव्‍वीम पारा ओप्रा $$ JOS 18:24 कपरम्मोनी ओफनी और गेबा; ये बारह नगर और इनके गाँव मिले। $$ JOS 18:25 फिर गिबोन रामाह बेरोत $$ JOS 18:26 मिस्पे कपीरा मोसा $$ JOS 18:27 रेकेम यिर्पेल तरला $$ JOS 18:28 सेला एलेप यबूस गिबा और किर्यत; ये चौदह नगर और इनके गाँव उन्हें मिले। बिन्यामीनियों का भाग उनके कुलों के अनुसार यही ठहरा।। $$ JOS 19:1 ¶ दूसरी चिट्ठी शिमोन के नाम पर अर्थात् शिमोनियों के कुलों के अनुसार उनके गोत्र के नाम पर निकली; और उनका भाग यहूदियों के भाग के बीच में ठहरा। $$ JOS 19:2 उनके भाग में ये नगर हैं अर्थात् बेर्शेबा शेबा मोलादा $$ JOS 19:3 हसर्शूआल बाला एसेम $$ JOS 19:4 एलतोलद बतूल होर्मा $$ JOS 19:5 सिकलग बेत्मर्काबोत हसर्शूसा $$ JOS 19:6 बेतलबाओत और शारूहेन; ये तेरह नगर और इनके गाँव उन्हें मिले। $$ JOS 19:7 फिर ऐन रिम्मोन एतेर और आशान ये चार नगर गाँवों समेत; $$ JOS 19:8 और बालत्बेर जो दक्षिण देश का रामाह भी कहलाता है वहाँ तक इन नगरों के चारों ओर के सब गाँव भी उन्हें मिले। शिमोनियों के गोत्र का भाग उनके कुलों के अनुसार यही ठहरा। $$ JOS 19:9 शिमोनियों का भाग तो यहूदियों के अंश में से दिया गया; क्योंकि यहूदियों का भाग उनके लिये बहुत था इस कारण शिमोनियों का भाग उन्हीं के भाग के बीच ठहरा।। $$ JOS 19:10 तीसरी चिट्ठी जबूलूनियों के कुलों के अनुसार उनके नाम पर निकली। और उनके भाग की सीमा सारीद तक पहुँची; $$ JOS 19:11 और उनकी सीमा पश्चिम की ओर मरला को चढ़कर दब्बेशेत को पहुँची; और योकनाम के सामने के नाले तक पहुँच गई; $$ JOS 19:12 फिर सारीद से वह सूर्योदय की ओर मुड़कर किसलोत्ताबोर की सीमा तक पहुँची और वहाँ से बढ़ते-बढ़ते दाबरात में निकली और यापी की ओर जा निकली; $$ JOS 19:13 वहाँ से वह पूर्व की ओर आगे बढ़कर गथेपेर और इत्कासीन को गई और उस रिम्मोन में निकली जो नेआ तक फैला हुआ है; $$ JOS 19:14 वहाँ से वह सीमा उसके उत्तर की ओर से मुड़कर हन्नातोन पर पहुँची और यिप्तहेल की तराई में जा निकली; $$ JOS 19:15 कत्तात नहलाल शिम्रोन यिदला और बैतलहम; ये बारह नगर उनके गाँवों समेत उसी भाग के ठहरे। $$ JOS 19:16 जबूलूनियों का भाग उनके कुलों के अनुसार यही ठहरा; और उसमें अपने-अपने गाँवों समेत ये ही नगर हैं। $$ JOS 19:17 चौथी चिट्ठी इस्साकारियों के कुलों के अनुसार उनके नाम पर निकली। $$ JOS 19:18 और उनकी सीमा यिज्रेल कसुल्लोत शूनेम $$ JOS 19:19 हपारैम शीओन अनाहरत $$ JOS 19:20 रब्बीत किश्योन एबेस $$ JOS 19:21 रेमेत एनगन्नीम एनहद्दा और बेत्पस्सेस तक पहुँची। $$ JOS 19:22 फिर वह सीमा ताबोर शहसूमा और बेतशेमेश तक पहुँची और उनकी सीमा यरदन नदी पर जा निकली; इस प्रकार उनको सोलह नगर अपने-अपने गाँवों समेत मिले। $$ JOS 19:23 कुलों के अनुसार इस्साकारियों के गोत्र का भाग नगरों और गाँवों समेत यही ठहरा।। $$ JOS 19:24 पाँचवीं चिट्ठी आशेरियों के गोत्र के कुलों के अनुसार उनके नाम पर निकली। $$ JOS 19:25 उनकी सीमा में हेल्कात हली बेतेन अक्षाप $$ JOS 19:26 अलाम्मेल्लेक अमाद और मिशाल थे; और वह पश्चिम की ओर कर्मेल तक और शीहोर्लिब्नात तक पहुँची; $$ JOS 19:27 फिर वह सूर्योदय की ओर मुड़कर बेतदागोन को गई और जबूलून के भाग तक और यिप्तहेल की तराई में उत्तर की ओर होकर बेतेमेक और नीएल तक पहुँची और उत्तर की ओर जाकर काबूल पर निकली $$ JOS 19:28 और वह एब्रोन रहोब हम्मोन और काना से होकर बड़े सीदोन को पहुँची; $$ JOS 19:29 वहाँ से वह सीमा मुड़कर रामाह से होते हुए सोर नामक गढ़वाले नगर तक चली गई; फिर सीमा होसा की ओर मुड़कर और अकजीब के पास के देश में होकर समुद्र पर निकली $$ JOS 19:30 उम्मा अपेक और रहोब भी उनके भाग में ठहरे; इस प्रकार बाईस नगर अपने-अपने गाँवों समेत उनको मिले। $$ JOS 19:31 कुलों के अनुसार आशेरियों के गोत्र का भाग नगरों और गाँवों समेत यही ठहरा।। $$ JOS 19:32 छठवीं चिट्ठी नप्तालियों के कुलों के अनुसार उनके नाम पर निकली। $$ JOS 19:33 और उनकी सीमा हेलेप से और सानन्‍नीम के बांज वृक्ष से अदामीनेकेब और यब्नेल से होकर और लक्कूम को जाकर यरदन पर निकली; $$ JOS 19:34 वहाँ से वह सीमा पश्चिम की ओर मुड़कर अजनोत्ताबोर को गई और वहाँ से हुक्कोक को गई और दक्षिण और जबूलून के भाग तक और पश्चिम की ओर आशेर के भाग तक और सूर्योदय की ओर यहूदा के भाग के पास की यरदन नदी पर पहुँची। $$ JOS 19:35 और उनके गढ़वाले नगर ये हैं अर्थात् सिद्दीम सेर हम्मत रक्कत किन्नेरेत $$ JOS 19:36 अदामा रामाह हासोर $$ JOS 19:37 केदेश एद्रेई एन्हासोर $$ JOS 19:38 यिरोन मिगदलेल होरेम बेतनात और बेतशेमेश; ये उन्नीस नगर गाँवों समेत उनको मिले। $$ JOS 19:39 कुलों के अनुसार नप्तालियों के गोत्र का भाग नगरों और उनके गाँवों समेत यही ठहरा।। $$ JOS 19:40 सातवीं चिट्ठी कुलों के अनुसार दान के गोत्र के नाम पर निकली। $$ JOS 19:41 और उनके भाग की सीमा में सोरा एश्‍ताओल ईरशेमेश $$ JOS 19:42 शालब्बीन अय्यालोन यितला $$ JOS 19:43 एलोन तिम्‍नाह एक्रोन $$ JOS 19:44 एलतके गिब्बतोन बालात $$ JOS 19:45 यहूद बनेबराक गत्रिम्मोन $$ JOS 19:46 मेयर्कोन और रक्कोन ठहरे और याफा के सामने की सीमा भी उनकी थी। $$ JOS 19:47 और दानियों का भाग इससे अधिक हो गया अर्थात् दानी लेशेम पर चढ़कर उससे लड़े और उसे लेकर तलवार से मार डाला और उसको अपने अधिकार में करके उसमें बस गए और अपने मूलपुरुष के नाम पर लेशेम का नाम दान रखा। $$ JOS 19:48 कुलों के अनुसार दान के गोत्र का भाग नगरों और गाँवों समेत यही ठहरा।। $$ JOS 19:49 जब देश का बाँटा जाना सीमाओं के अनुसार पूरा हो गया तब इस्राएलियों ने नून के पुत्र यहोशू को भी अपने बीच में एक भाग दिया। $$ JOS 19:50 यहोवा के कहने के अनुसार उन्होंने उसको उसका मांगा हुआ नगर दिया यह एप्रैम के पहाड़ी देश में का तिम्नत्सेरह है; और वह उस नगर को बसाकर उसमें रहने लगा।। $$ JOS 19:51 जो-जो भाग एलीआजर याजक और नून के पुत्र यहोशू और इस्राएलियों के गोत्रों के घरानों के पूर्वजों के मुख्य-मुख्य पुरुषों ने शीलो में मिलापवाले तम्बू के द्वार पर यहोवा के सामने चिट्ठी डाल डालके बाँट दिए वे ये ही हैं। इस प्रकार उन्होंने देश विभाजन का काम पूरा किया।। $$ JOS 20:1 ¶ फिर यहोवा ने यहोशू से कहा $$ JOS 20:2 इस्राएलियों से यह कह ‘मैंने मूसा के द्वारा तुम से शरण नगरों की जो चर्चा की थी उसके अनुसार उनको ठहरा लो $$ JOS 20:3 जिससे जो कोई भूल से बिना जाने किसी को मार डाले वह उनमें से किसी में भाग जाए; इसलिए वे नगर खून के पलटा लेनेवाले से बचने के लिये तुम्हारे शरणस्थान ठहरें। $$ JOS 20:4 वह उन नगरों में से किसी को भाग जाए और उस नगर के फाटक में से खड़ा होकर उसके पुरनियों को अपना मुकद्दमा कह सुनाए; और वे उसको अपने नगर में अपने पास टिका लें और उसे कोई स्थान दें जिसमें वह उनके साथ रहे। $$ JOS 20:5 और यदि खून का पलटा लेनेवाला उसका पीछा करे तो वे यह जानकर कि उसने अपने पड़ोसी को बिना जाने और पहले उससे बिना बैर रखे मारा उस खूनी को उसके हाथ में न दें। $$ JOS 20:6 और जब तक वह मण्डली के सामने न्याय के लिये खड़ा न हो और जब तक उन दिनों का महायाजक न मर जाए तब तक वह उसी नगर में रहे; उसके बाद वह खूनी अपने नगर को लौटकर जिससे वह भाग आया हो अपने घर में फिर रहने पाए’। $$ JOS 20:7 और उन्होंने नप्ताली के पहाड़ी देश में गलील के केदेश को और एप्रैम के पहाड़ी देश में शेकेम को और यहूदा के पहाड़ी देश में किर्यतअर्बा को पवित्र ठहराया। $$ JOS 20:8 और यरीहो के पास के यरदन के पूर्व की ओर उन्होंने रूबेन के गोत्र के भाग में बेसेर को जो जंगल में चौरस भूमि पर बसा हुआ है और गाद के गोत्र के भाग में गिलाद के रामोत को और मनश्शे के गोत्र के भाग में बाशान के गोलन को ठहराया। $$ JOS 20:9 सारे इस्राएलियों के लिये और उनके बीच रहनेवाले परदेशियों के लिये भी जो नगर इस मनसा से ठहराए गए कि जो कोई किसी प्राणी को भूल से मार डाले वह उनमें से किसी में भाग जाए और जब तक न्याय के लिये मण्डली के सामने खड़ा न हो तब तक खून का पलटा लेनेवाला उसे मार डालने न पाए वे यह ही हैं। $$ JOS 21:1 ¶ तब लेवियों के पूर्वजों के घरानों के मुख्य-मुख्य पुरुष एलीआजर याजक और नून के पुत्र यहोशू और इस्राएली गोत्रों के पूर्वजों के घरानों के मुख्य-मुख्य पुरुषों के पास आकर $$ JOS 21:2 कनान देश के शीलो नगर में कहने लगे यहोवा ने मूसा के द्वारा हमें बसने के लिये नगर और हमारे पशुओं के लिये उन्हीं नगरों की चराइयाँ भी देने की आज्ञा दी थी। $$ JOS 21:3 तब इस्राएलियों ने यहोवा के कहने के अनुसार अपने-अपने भाग में से लेवियों को चराइयों समेत ये नगर दिए।। $$ JOS 21:4 तब कहातियों के कुलों के नाम पर चिट्ठी निकली। इसलिए लेवियों में से हारून याजक के वंश को यहूदी शिमोन और बिन्यामीन के गोत्रों के भागों में से तेरह नगर मिले। $$ JOS 21:5 बाकी कहातियों को एप्रैम के गोत्र के कुलों और दान के गोत्र और मनश्शे के आधे गोत्र के भागों में से चिट्ठी डाल डालकर दस नगर दिए गए।। $$ JOS 21:6 और गेर्शोनियों को इस्साकार के गोत्र के कुलों और आशेर और नप्ताली के गोत्रों के भागों में से और मनश्शे के उस आधे गोत्र के भागों में से भी जो बाशान में था चिट्ठी डाल डालकर तेरह नगर दिए गए।। $$ JOS 21:7 कुलों के अनुसार मरारियों को रूबेन गाद और जबूलून के गोत्रों के भागों में से बारह नगर दिए गए।। $$ JOS 21:8 जो आज्ञा यहोवा ने मूसा के द्वारा दी थी उसके अनुसार इस्राएलियों ने लेवियों को चराइयों समेत ये नगर चिट्ठी डाल डालकर दिए। $$ JOS 21:9 उन्होंने यहूदियों और शिमोनियों के गोत्रों के भागों में से ये नगर जिनके नाम लिखे हैं दिए; $$ JOS 21:10 ये नगर लेवीय कहाती कुलों में से हारून के वंश के लिये थे; क्योंकि पहली चिट्ठी उन्हीं के नाम पर निकली थी। $$ JOS 21:11 अर्थात् उन्होंने उनको यहूदा के पहाड़ी देश में चारों ओर की चराइयों समेत किर्यतअर्बा नगर दे दिया जो अनाक के पिता अर्बा के नाम पर कहलाया और हेब्रोन भी कहलाता है। $$ JOS 21:12 परन्तु उस नगर के खेत और उसके गाँव उन्होंने यपुन्‍ने के पुत्र कालेब को उसकी निज भूमि करके दे दिए।। $$ JOS 21:13 तब उन्होंने हारून याजक के वंश को चराइयों समेत खूनी के शरणनगर हेब्रोन और अपनी-अपनी चराइयों समेत लिब्ना $$ JOS 21:14 यत्तीर एश्तमो $$ JOS 21:15 होलोन दबीर ऐन $$ JOS 21:16 युत्ता और बेतशेमेश दिए; इस प्रकार उन दोनों गोत्रों के भागों में से नौ नगर दिए गए। $$ JOS 21:17 और बिन्यामीन के गोत्र के भाग में से अपनी-अपनी चराइयों समेत ये चार नगर दिए गए अर्थात् गिबोन गेबा $$ JOS 21:18 अनातोत और अल्मोन। $$ JOS 21:19 इस प्रकार हारूनवंशी याजकों को तेरह नगर और उनकी चराइयाँ मिलीं।। $$ JOS 21:20 फिर बाकी कहाती लेवियों के कुलों के भाग के नगर चिट्ठी डाल डालकर एप्रैम के गोत्र के भाग में से दिए गए। $$ JOS 21:21 अर्थात् उनको चराइयों समेत एप्रैम के पहाड़ी देश में खूनी के शरण लेने का शेकेम नगर दिया गया फिर अपनी-अपनी चराइयों समेत गेजेर $$ JOS 21:22 किबसैम और बेथोरोन; ये चार नगर दिए गए। $$ JOS 21:23 और दान के गोत्र के भाग में से अपनी-अपनी चराइयों समेत एलतके गिब्बतोन $$ JOS 21:24 अय्यालोन और गत्रिम्मोन; ये चार नगर दिए गए। $$ JOS 21:25 और मनश्शे के आधे गोत्र के भाग में से अपनी-अपनी चराइयों समेत तानाक और गत्रिम्मोन; ये दो नगर दिए गए। $$ JOS 21:26 इस प्रकार बाकी कहातियों के कुलों के सब नगर चराइयों समेत दस ठहरे।। $$ JOS 21:27 फिर लेवियों के कुलों में के गेर्शोनियों को मनश्शे के आधे गोत्र के भाग में से अपनी-अपनी चराइयों समेत खूनी के शरणनगर बाशान का गोलन और बेशतरा; ये दो नगर दिए गए। $$ JOS 21:28 और इस्साकार के गोत्र के भाग में से अपनी-अपनी चराइयों समेत किश्योन दाबरात $$ JOS 21:29 यर्मूत और एनगन्नीम; ये चार नगर दिए गए। $$ JOS 21:30 और आशेर के गोत्र के भाग में से अपनी-अपनी चराइयों समेत मिशाल अब्दोन $$ JOS 21:31 हेल्कात और रहोब; ये चार नगर दिए गए। $$ JOS 21:32 और नप्ताली के गोत्र के भाग में से अपनी-अपनी चराइयों समेत खूनी के शरणनगर गलील का केदेश फिर हम्मोतदोर और कर्तान; ये तीन नगर दिए गए। $$ JOS 21:33 गेर्शोनियों के कुलों के अनुसार उनके सब नगर अपनी-अपनी चराइयों समेत तेरह ठहरे।। $$ JOS 21:34 फिर बाकी लेवियों अर्थात् मरारियों के कुलों को जबूलून के गोत्र के भाग में से अपनी-अपनी चराइयों समेत योकनाम कर्ता $$ JOS 21:35 दिम्ना और नहलाल; ये चार नगर दिए गए। $$ JOS 21:36 और रूबेन के गोत्र के भाग में से अपनी-अपनी चराइयों समेत बेसेर यहस $$ JOS 21:37 कदेमोत और मेपात; ये चार नगर दिए गए। $$ JOS 21:38 और गाद के गोत्र के भाग में से अपनी-अपनी चराइयों समेत खूनी के शरणनगर गिलाद में का रामोत फिर महनैम $$ JOS 21:39 हेशबोन और याजेर जो सब मिलाकर चार नगर हैं दिए गए। $$ JOS 21:40 लेवियों के बाकी कुलों अर्थात् मरारियों के कुलों के अनुसार उनके सब नगर ये ही ठहरे इस प्रकार उनको बारह नगर चिट्ठी डाल डालकर दिए गए।। $$ JOS 21:41 इस्राएलियों की निज भूमि के बीच लेवियों के सब नगर अपनी-अपनी चराइयों समेत अड़तालीस ठहरे। $$ JOS 21:42 ये सब नगर अपने-अपने चारों ओर की चराइयों के साथ ठहरे; इन सब नगरों की यही दशा थी।। $$ JOS 21:43 इस प्रकार यहोवा ने इस्राएलियों को वह सारा देश दिया जिसे उसने उनके पूर्वजों से शपथ खाकर देने को कहा था; और वे उसके अधिकारी होकर उसमें बस गए। $$ JOS 21:44 और यहोवा ने उन सब बातों के अनुसार जो उसने उनके पूर्वजों से शपथ खाकर कही थीं उन्हें चारों ओर से विश्राम दिया; और उनके शत्रुओं में से कोई भी उनके सामने टिक न सका; यहोवा ने उन सभी को उनके वश में कर दिया। $$ JOS 21:45 जितनी भलाई की बातें यहोवा ने इस्राएल के घराने से कही थीं उनमें से कोई भी बात न छूटी; सब की सब पूरी हुईं। $$ JOS 22:1 ¶ उस समय यहोशू ने रूबेनियों गादियों और मनश्शे के आधे गोत्रियों को बुलवाकर कहा $$ JOS 22:2 जो-जो आज्ञा यहोवा के दास मूसा ने तुम्हें दी थीं वे सब तुम ने मानी हैं और जो-जो आज्ञा मैंने तुम्हें दी हैं उन सभी को भी तुम ने माना है; $$ JOS 22:3 तुम ने अपने भाइयों को इतने दिनों में आज के दिन तक नहीं छोड़ा परन्तु अपने परमेश्‍वर यहोवा की आज्ञा तुम ने चौकसी से मानी है। $$ JOS 22:4 और अब तुम्हारे परमेश्‍वर यहोवा ने तुम्हारे भाइयों को अपने वचन के अनुसार विश्राम दिया है; इसलिए अब तुम लौटकर अपने-अपने डेरों को और अपनी-अपनी निज भूमि में जिसे यहोवा के दास मूसा ने यरदन पार तुम्हें दिया है चले जाओ। $$ JOS 22:5 केवल इस बात की पूरी चौकसी करना कि जो-जो आज्ञा और व्यवस्था यहोवा के दास मूसा ने तुम को दी है उसको मानकर अपने परमेश्‍वर यहोवा से प्रेम रखो उसके सारे मार्गों पर चलो उसकी आज्ञाएँ मानो उसकी भक्ति में लौलीन रहो और अपने सारे मन और सारे प्राण से उसकी सेवा करो। $$ JOS 22:6 तब यहोशू ने उन्हें आशीर्वाद देकर विदा किया; और वे अपने-अपने डेरे को चले गए।। $$ JOS 22:7 मनश्शे के आधे गोत्रियों को मूसा ने बाशान में भाग दिया था; परन्तु दूसरे आधे गोत्र को यहोशू ने उनके भाइयों के बीच यरदन के पश्चिम की ओर भाग दिया। उनको जब यहोशू ने विदा किया कि अपने-अपने डेरे को जाएँ $$ JOS 22:8 तब उनको भी आशीर्वाद देकर कहा बहुत से पशु और चाँदी सोना पीतल लोहा और बहुत से वस्त्र और बहुत धन-सम्पत्ति लिए हुए अपने-अपने डेरे को लौट आओ; और अपने शत्रुओं की लूट की सम्पत्ति को अपने भाइयों के संग बाँट लेना। $$ JOS 22:9 तब रूबेनी गादी और मनश्शे के आधे गोत्री इस्राएलियों के पास से अर्थात् कनान देश के शीलो नगर से अपनी गिलाद नामक निज भूमि में जो मूसा के द्वारा दी गई यहोवा की आज्ञा के अनुसार उनकी निज भूमि हो गई थी जाने की मनसा से लौट गए। $$ JOS 22:10 और जब रूबेनी गादी और मनश्शे के आधे गोत्री यरदन की उस तराई में पहुँचे जो कनान देश में है तब उन्होंने वहाँ देखने के योग्य एक बड़ी वेदी बनाई। $$ JOS 22:11 और इसका समाचार इस्राएलियों के सुनने में आया कि रूबेनियों गादियों और मनश्शे के आधे गोत्रियों ने कनान देश के सामने यरदन की तराई में अर्थात् उसके उस पार जो इस्राएलियों का है एक वेदी बनाई है। $$ JOS 22:12 जब इस्राएलियों ने यह सुना तब इस्राएलियों की सारी मण्डली उनसे लड़ने के लिये चढ़ाई करने को शीलो में इकट्ठी हुई। $$ JOS 22:13 तब इस्राएलियों ने रूबेनियों गादियों और मनश्शे के आधे गोत्रियों के पास गिलाद देश में एलीआजर याजक के पुत्र पीनहास को $$ JOS 22:14 और उसके संग दस प्रधानों को अर्थात् इस्राएल के एक-एक गोत्र में से पूर्वजों के घरानों के एक-एक प्रधान को भेजा और वे इस्राएल के हजारों में अपने-अपने पूर्वजों के घरानों के मुख्य पुरुष थे। $$ JOS 22:15 वे गिलाद देश में रूबेनियों गादियों और मनश्शे के आधे गोत्रियों के पास जाकर कहने लगे $$ JOS 22:16 यहोवा की सारी मण्डली यह कहती है कि ‘तुम ने इस्राएल के परमेश्‍वर यहोवा का यह कैसा विश्वासघात किया; आज जो तुम ने एक वेदी बना ली है इसमें तुम ने उसके पीछे चलना छोड़कर उसके विरुद्ध आज बलवा किया है? $$ JOS 22:17 सुनो पोर के विषय का अधर्म हमारे लिये कुछ कम था यद्यपि यहोवा की मण्डली को भारी दण्ड मिला तो भी आज के दिन तक हम उस अधर्म से शुद्ध नहीं हुए; क्या वह तुम्हारी दृष्टि में एक छोटी बात है $$ JOS 22:18 कि आज तुम यहोवा को त्याग कर उसके पीछे चलना छोड़ देते हो? क्या तुम यहोवा से फिर जाते हो और कल वह इस्राएल की सारी मण्डली से क्रोधित होगा। $$ JOS 22:19 परन्तु यदि तुम्हारी निज भूमि अशुद्ध हो तो पार आकर यहोवा की निज भूमि में जहाँ यहोवा का निवास रहता है हम लोगों के बीच में अपनी-अपनी निज भूमि कर लो; परन्तु हमारे परमेश्‍वर यहोवा की वेदी को छोड़ और कोई वेदी बनाकर न तो यहोवा से बलवा करो और न हम से। $$ JOS 22:20 देखो जब जेरह के पुत्र आकान ने अर्पण की हुई वस्तु के विषय में विश्वासघात किया तब क्या यहोवा का कोप इस्राएल की पूरी मण्डली पर न भड़का? और उस पुरुष के अधर्म का प्राणदण्ड अकेले उसी को न मिला’। $$ JOS 22:21 तब रूबेनियों गादियों और मनश्शे के आधे गोत्रियों ने इस्राएल के हजारों के मुख्य पुरुषों को यह उत्तर दिया $$ JOS 22:22 यहोवा जो ईश्वरों का परमेश्‍वर है ईश्वरों का परमेश्‍वर यहोवा इसको जानता है और इस्राएली भी इसे जान लेंगे कि यदि यहोवा से फिरके या उसका विश्वासघात करके हमने यह काम किया हो तो तू आज हमको जीवित न छोड़ $$ JOS 22:23 यदि आज के दिन हमने वेदी को इसलिए बनाया हो कि यहोवा के पीछे चलना छोड़ दें या इसलिए कि उस पर होमबलि अन्नबलि या मेलबलि चढ़ाएँ तो यहोवा आप इसका हिसाब ले; $$ JOS 22:24 परन्तु हमने इसी विचार और मनसा से यह किया है कि कहीं भविष्य में तुम्हारी सन्तान हमारी सन्तान से यह न कहने लगे ‘तुम को इस्राएल के परमेश्‍वर यहोवा से क्या काम? $$ JOS 22:25 क्योंकि हे रूबेन‍ियों हे गादियो यहोवा ने जो हमारे और तुम्हारे बीच में यरदन को सीमा ठहरा दिया है इसलिए यहोवा में तुम्हारा कोई भाग नहीं है।’ ऐसा कहकर तुम्हारी सन्तान हमारी सन्तान में से यहोवा का भय छुड़ा देगी। $$ JOS 22:26 इसलिए हमने कहा ‘आओ हम अपने लिये एक वेदी बना लें वह होमबलि या मेलबलि के लिये नहीं $$ JOS 22:27 परन्तु इसलिए कि हमारे और तुम्हारे और हमारे बाद हमारे और तुम्हारे वंश के बीच में साक्षी का काम दे; इसलिए कि हम होमबलि मेलबलि और बलिदान चढ़ाकर यहोवा के सम्मुख उसकी उपासना करें; और भविष्य में तुम्हारी सन्तान हमारी सन्तान से यह न कहने पाए कि यहोवा में तुम्हारा कोई भाग नहीं।’ $$ JOS 22:28 इसलिए हमने कहा ‘जब वे लोग भविष्य में हम से या हमारे वंश से यह कहने लगें तब हम उनसे कहेंगे कि यहोवा के वेदी के नमूने पर बनी हुई इस वेदी को देखो जिसे हमारे पुरखाओं ने होमबलि या मेलबलि के लिये नहीं बनाया; परन्तु इसलिए बनाया था कि हमारे और तुम्हारे बीच में साक्षी का काम दे।’ $$ JOS 22:29 यह हम से दूर रहे कि यहोवा से फिरकर आज उसके पीछे चलना छोड़ दें और अपने परमेश्‍वर यहोवा की उस वेदी को छोड़कर जो उसके निवास के सामने है होमबलि और अन्नबलि या मेलबलि के लिये दूसरी वेदी बनाएँ। $$ JOS 22:30 रूबेनियों गादियों और मनश्शे के आधे गोत्रियों की इन बातों को सुनकर पीनहास याजक और उसके संग मण्डली के प्रधान जो इस्राएल के हजारों के मुख्य पुरुष थे वे अति प्रसन्‍न हुए। $$ JOS 22:31 और एलीआजर याजक के पुत्र पीनहास ने रूबेनियों गादियों और मनश्शेइयों से कहा तुम ने जो यहोवा का ऐसा विश्वासघात नहीं किया इससे आज हमने यह जान लिया कि यहोवा हमारे बीच में है: और तुम लोगों ने इस्राएलियों को यहोवा के हाथ से बचाया है। $$ JOS 22:32 तब एलीआजर याजक का पुत्र पीनहास प्रधानों समेत रूबेनियों और गादियों के पास से गिलाद होते हुए कनान देश में इस्राएलियों के पास लौट गया: और यह वृत्तान्त उनको कह सुनाया। $$ JOS 22:33 तब इस्राएली प्रसन्‍न हुए; और परमेश्‍वर को धन्य कहा और रूबेनियों और गादियों से लड़ने और उनके रहने का देश उजाड़ने के लिये चढ़ाई करने की चर्चा फिर न की। $$ JOS 22:34 और रूबेनियों और गादियों ने यह कहकर यह वेदी हमारे और उनके मध्य में इस बात की साक्षी ठहरी है कि यहोवा ही परमेश्‍वर है; उस वेदी का नाम एद रखा। $$ JOS 23:1 ¶ इसके बहुत दिनों के बाद जब यहोवा ने इस्राएलियों को उनके चारों ओर के शत्रुओं से विश्राम दिया और यहोशू बूढ़ा और बहुत आयु का हो गया $$ JOS 23:2 तब यहोशू सब इस्राएलियों को अर्थात् पुरनियों मुख्य पुरुषों न्यायियों और सरदारों को बुलवाकर कहने लगा मैं तो अब बूढ़ा और बहुत आयु का हो गया हूँ; $$ JOS 23:3 और तुम ने देखा कि तुम्हारे परमेश्‍वर यहोवा ने तुम्हारे निमित्त इन सब जातियों से क्या-क्या किया है क्योंकि जो तुम्हारी ओर से लड़ता आया है वह तुम्हारा परमेश्‍वर यहोवा है। $$ JOS 23:4 देखो मैंने इन बची हुई जातियों को चिट्ठी डाल डालकर तुम्हारे गोत्रों का भाग कर दिया है; और यरदन से लेकर सूर्यास्त की ओर के बड़े समुद्र तक रहनेवाली उन सब जातियों को भी ऐसा ही दिया है जिनको मैंने काट डाला है। $$ JOS 23:5 और तुम्हारा परमेश्‍वर यहोवा उनको तुम्हारे सामने से उनके देश से निकाल देगा; और तुम अपने परमेश्‍वर यहोवा के वचन के अनुसार उनके देश के अधिकारी हो जाओगे। $$ JOS 23:6 इसलिए बहुत हियाव बाँधकर जो कुछ मूसा की व्यवस्था की पुस्तक में लिखा है उसके पूरा करने में चौकसी करना उससे न तो दाहिने मुड़ना और न बाएँ। $$ JOS 23:7 ये जो जातियाँ तुम्हारे बीच रह गई हैं इनके बीच न जाना और न इनके देवताओं के नामों की चर्चा करना और न उनकी शपथ खिलाना और न उनकी उपासना करना और न उनको दण्डवत् करना $$ JOS 23:8 परन्तु जैसे आज के दिन तक तुम अपने परमेश्‍वर यहोवा की भक्ति में लवलीन रहते हो वैसे ही रहा करना। $$ JOS 23:9 यहोवा ने तुम्हारे सामने से बड़ी-बड़ी और बलवन्त जातियाँ निकाली हैं; और तुम्हारे सामने आज के दिन तक कोई ठहर नहीं सका। $$ JOS 23:10 तुम में से एक मनुष्य हजार मनुष्यों को भगाएगा क्योंकि तुम्हारा परमेश्‍वर यहोवा अपने वचन के अनुसार तुम्हारी ओर से लड़ता है। $$ JOS 23:11 इसलिए अपने परमेश्‍वर यहोवा से प्रेम रखने की पूरी चौकसी करना। $$ JOS 23:12 क्योंकि यदि तुम किसी रीति यहोवा से फिरकर इन जातियों के बाकी लोगों से मिलने लगो जो तुम्हारे बीच बचे हुए रहते हैं और इनसे ब्याह शादी करके इनके साथ समधियाना रिश्ता जोड़ो $$ JOS 23:13 तो निश्चय जान लो कि आगे को तुम्हारा परमेश्‍वर यहोवा इन जातियों को तुम्हारे सामने से नहीं निकालेगा; और ये तुम्हारे लिये जाल और फंदे और तुम्हारे पांजरों के लिये कोड़े और तुम्हारी आँखों में काँटे ठहरेंगी और अन्त में तुम इस अच्छी भूमि पर से जो तुम्हारे परमेश्‍वर यहोवा ने तुम्हें दी है नष्ट हो जाओगे। $$ JOS 23:14 सुनो मैं तो अब सब संसारियों की गति पर जानेवाला हूँ और तुम सब अपने-अपने हृदय और मन में जानते हो कि जितनी भलाई की बातें हमारे परमेश्‍वर यहोवा ने हमारे विषय में कहीं उनमें से एक भी बिना पूरी हुए नहीं रही; वे सब की सब तुम पर घट गई हैं उनमें से एक भी बिना पूरी हुए नहीं रही। $$ JOS 23:15 तो जैसे तुम्हारे परमेश्‍वर यहोवा की कही हुई सब भलाई की बातें तुम पर घटी हैं वैसे ही यहोवा विपत्ति की सब बातें भी तुम पर लाएगा और तुम को इस अच्छी भूमि के ऊपर से जिसे तुम्हारे परमेश्‍वर यहोवा ने तुम्हें दिया है सत्यानाश कर डालेगा। $$ JOS 23:16 जब तुम उस वाचा को जिसे तुम्हारे परमेश्‍वर यहोवा ने तुम को आज्ञा देकर अपने साथ बन्धाया है उल्लंघन करके पराये देवताओं की उपासना और उनको दण्डवत् करने लगो तब यहोवा का कोप तुम पर भड़केगा और तुम इस अच्छे देश में से जिसे उसने तुम को दिया है शीघ्र नष्ट हो जाओगे। $$ JOS 24:1 ¶ फिर यहोशू ने इस्राएल के सब गोत्रों को शेकेम में इकट्ठा किया और इस्राएल के वृद्ध लोगों और मुख्य पुरुषों और न्यायियों और सरदारों को बुलवाया; और वे परमेश्‍वर के सामने उपस्थित हुए। $$ JOS 24:2 तब यहोशू ने उन सब लोगों से कहा इस्राएल का परमेश्‍वर यहोवा इस प्रकार कहता है कि ‘प्राचीनकाल में अब्राहम और नाहोर का पिता तेरह आदि तुम्हारे पुरखा फरात महानद के उस पार रहते हुए दूसरे देवताओं की उपासना करते थे। $$ JOS 24:3 और मैंने तुम्हारे मूलपुरुष अब्राहम को फरात के उस पार से ले आकर कनान देश के सब स्थानों में फिराया और उसका वंश बढ़ाया। और उसे इसहाक को दिया; $$ JOS 24:4 फिर मैंने इसहाक को याकूब और एसाव दिया। और एसाव को मैंने सेईर नामक पहाड़ी देश दिया कि वह उसका अधिकारी हो परन्तु याकूब बेटों-पोतों समेत मिस्र को गया। $$ JOS 24:5 फिर मैंने मूसा और हारून को भेजकर उन सब कामों के द्वारा जो मैंने मिस्र में किए उस देश को मारा; और उसके बाद तुम को निकाल लाया। $$ JOS 24:6 और मैं तुम्हारे पुरखाओं को मिस्र में से निकाल लाया और तुम समुद्र के पास पहुँचे; और मिस्रियों ने रथ और सवारों को संग लेकर लाल समुद्र तक तुम्हारा पीछा किया। $$ JOS 24:7 और जब तुम ने यहोवा की दुहाई दी तब उसने तुम्हारे और मिस्रियों के बीच में अंधियारा कर दिया और उन पर समुद्र को बहाकर उनको डुबा दिया; और जो कुछ मैंने मिस्र में किया उसे तुम लोगों ने अपनी आँखों से देखा; फिर तुम बहुत दिन तक जंगल में रहे। $$ JOS 24:8 तब मैं तुम को उन एमोरियों के देश में ले आया जो यरदन के उस पार बसे थे; और वे तुम से लड़े और मैंने उन्हें तुम्हारे वश में कर दिया और तुम उनके देश के अधिकारी हो गए और मैंने उनका तुम्हारे सामने से सत्यानाश कर डाला। $$ JOS 24:9 फिर मोआब के राजा सिप्पोर का पुत्र बालाक उठकर इस्राएल से लड़ा; और तुम्हें श्राप देने के लिये बोर के पुत्र बिलाम को बुलवा भेजा $$ JOS 24:10 परन्तु मैंने बिलाम की नहीं सुनी; वह तुम को आशीष ही आशीष देता गया; इस प्रकार मैंने तुम को उसके हाथ से बचाया। $$ JOS 24:11 तब तुम यरदन पार होकर यरीहो के पास आए और जब यरीहो के लोग और एमोरी परिज्जी कनानी हित्ती गिर्गाशी हिव्वी और यबूसी तुम से लड़े तब मैंने उन्हें तुम्हारे वश में कर दिया। $$ JOS 24:12 और मैंने तुम्हारे आगे बर्रों को भेजा और उन्होंने एमोरियों के दोनों राजाओं को तुम्हारे सामने से भगा दिया; देखो यह तुम्हारी तलवार या धनुष का काम नहीं हुआ। $$ JOS 24:13 फिर मैंने तुम्हें ऐसा देश दिया जिसमें तुम ने परिश्रम न किया था और ऐसे नगर भी दिए हैं जिन्हें तुम ने न बसाया था और तुम उनमें बसे हो; और जिन दाख और जैतून के बगीचों के फल तुम खाते हो उन्हें तुम ने नहीं लगाया था।’ $$ JOS 24:14 इसलिए अब यहोवा का भय मानकर उसकी सेवा खराई और सच्चाई से करो; और जिन देवताओं की सेवा तुम्हारे पुरखा फरात के उस पार और मिस्र में करते थे उन्हें दूर करके यहोवा की सेवा करो। $$ JOS 24:15 और यदि यहोवा की सेवा करनी तुम्हें बुरी लगे तो आज चुन लो कि तुम किस की सेवा करोगे चाहे उन देवताओं की जिनकी सेवा तुम्हारे पुरखा महानद के उस पार करते थे और चाहे एमोरियों के देवताओं की सेवा करो जिनके देश में तुम रहते हो; परन्तु मैं तो अपने घराने समेत यहोवा ही की सेवा नित करूँगा। $$ JOS 24:16 तब लोगों ने उत्तर दिया यहोवा को त्याग कर दूसरे देवताओं की सेवा करनी हम से दूर रहे; $$ JOS 24:17 क्योंकि हमारा परमेश्‍वर यहोवा वही है जो हमको और हमारे पुरखाओं को दासत्व के घर अर्थात् मिस्र देश से निकाल ले आया और हमारे देखते बड़े-बड़े आश्चर्यकर्म किए और जिस मार्ग पर और जितनी जातियों के मध्य में से हम चले आते थे उनमें हमारी रक्षा की; $$ JOS 24:18 और हमारे सामने से इस देश में रहनेवाली एमोरी आदि सब जातियों को निकाल दिया है; इसलिए हम भी यहोवा की सेवा करेंगे क्योंकि हमारा परमेश्‍वर वही है। $$ JOS 24:19 यहोशू ने लोगों से कहा तुम से यहोवा की सेवा नहीं हो सकती; क्योंकि वह पवित्र परमेश्‍वर है; वह जलन रखनेवाला परमेश्‍वर है; वह तुम्हारे अपराध और पाप क्षमा न करेगा। $$ JOS 24:20 यदि तुम यहोवा को त्याग कर पराए देवताओं की सेवा करने लगोगे तो यद्यपि वह तुम्हारा भला करता आया है तो भी वह फिरकर तुम्हारी हानि करेगा और तुम्हारा अन्त भी कर डालेगा। $$ JOS 24:21 लोगों ने यहोशू से कहा नहीं; हम यहोवा ही की सेवा करेंगे। $$ JOS 24:22 यहोशू ने लोगों से कहा तुम आप ही अपने साक्षी हो कि तुम ने यहोवा की सेवा करनी चुन ली है। उन्होंने कहा हाँ हम साक्षी हैं। $$ JOS 24:23 यहोशू ने कहा अपने बीच में से पराए देवताओं को दूर करके अपना-अपना मन इस्राएल के परमेश्‍वर यहोवा की ओर लगाओ। $$ JOS 24:24 लोगों ने यहोशू से कहा हम तो अपने परमेश्‍वर यहोवा ही की सेवा करेंगे और उसी की बात मानेंगे। $$ JOS 24:25 तब यहोशू ने उसी दिन उन लोगों से वाचा बँधाई और शेकेम में उनके लिये विधि और नियम ठहराया। $$ JOS 24:26 यह सारा वृत्तान्त यहोशू ने परमेश्‍वर की व्यवस्था की पुस्तक में लिख दिया; और एक बड़ा पत्थर चुनकर वहाँ उस बांज वृक्ष के तले खड़ा किया जो यहोवा के पवित्रस्‍थान में था। $$ JOS 24:27 तब यहोशू ने सब लोगों से कहा सुनो यह पत्थर हम लोगों का साक्षी रहेगा क्योंकि जितने वचन यहोवा ने हम से कहे हैं उन्हें इसने सुना है; इसलिए यह तुम्हारा साक्षी रहेगा ऐसा न हो कि तुम अपने परमेश्‍वर से मुकर जाओ। $$ JOS 24:28 तब यहोशू ने लोगों को अपने-अपने निज भाग पर जाने के लिये विदा किया।। $$ JOS 24:29 इन बातों के बाद यहोवा का दास नून का पुत्र यहोशू एक सौ दस वर्ष का होकर मर गया। $$ JOS 24:30 और उसको तिम्नत्सेरह में जो एप्रैम के पहाड़ी देश में गाश नामक पहाड़ के उत्तर में है उसी के भाग में मिट्टी दी गई। $$ JOS 24:31 और यहोशू के जीवन भर और जो वृद्ध लोग यहोशू के मरने के बाद जीवित रहे और जानते थे कि यहोवा ने इस्राएल के लिये कैसे-कैसे काम किए थे उनके भी जीवन भर इस्राएली यहोवा ही की सेवा करते रहे। $$ JOS 24:32 फिर यूसुफ की हड्डियां जिन्हें इस्राएली मिस्र से ले आए थे वे शेकेम की भूमि के उस भाग में गाड़ी गईं जिसे याकूब ने शेकेम के पिता हमोर के पुत्रों से एक सौ चाँदी के सिक्कों में मोल लिया था; इसलिए वह यूसुफ की सन्तान का निज भाग हो गया। $$ JOS 24:33 और हारून का पुत्र एलीआजर भी मर गया; और उसको एप्रैम के पहाड़ी देश में उस पहाड़ी पर मिट्टी दी गई जो उसके पुत्र पीनहास के नाम पर गिबत्पीनहास कहलाती है और उसको दे दी गई थी।