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PSA 3:0 d heading should have closing punctuation (period): दाऊद का भजन। जब वह अपने पुत्र अबशालोम के सामने से भागा जाता था
PSA 4:0 d heading should have closing punctuation (period): प्रधान बजानेवाले के लिये: तारवाले बाजों के साथ। दाऊद का भजन
PSA 5:0 d heading should have closing punctuation (period): प्रधान बजानेवाले के लिये: बांसुरियों के साथ, दाऊद का भजन
PSA 6:0 d heading should have closing punctuation (period): प्रधान बजानेवाले के लिये: तारवाले बाजों के साथ। खर्ज की राग में, दाऊद का भजन
PSA 7:0 d heading should have closing punctuation (period): दाऊद का शिग्गायोन नामक भजन जो बिन्यामीनी कूश की बातों के कारण यहोवा के सामने गाया
PSA 8:0 d heading should have closing punctuation (period): प्रधान बजानेवालों के लिये गित्तीत की राग पर दाऊद का भजन
PSA 9:0 d heading should have closing punctuation (period): प्रधान बजानेवाले के लिये मुतलबैयन कि राग पर दाऊद का भजन
PSA 11:0 d heading should have closing punctuation (period): प्रधान बजानेवाले के लिये दाऊद का भजन
PSA 12:0 d heading should have closing punctuation (period): प्रधान बजानेवाले के लिये खर्ज की राग में दाऊद का भजन
PSA 13:0 d heading should have closing punctuation (period): प्रधान बजानेवाले के लिये दाऊद का भजन
PSA 14:0 d heading should have closing punctuation (period): प्रधान बजानेवाले के लिये दाऊद का भजन
PSA 15:0 d heading should have closing punctuation (period): दाऊद का भजन
PSA 16:0 d heading should have closing punctuation (period): दाऊद का मिक्ताम
PSA 17:0 d heading should have closing punctuation (period): दाऊद की प्रार्थना
PSA 18:0 d heading should have closing punctuation (period): प्रधान बजानेवाले के लिये। यहोवा के दास दाऊद का गीत, जिसके वचन उसने यहोवा के लिये उस समय गाया जब यहोवा ने उसको उसके सारे शत्रुओं के हाथ से, और शाऊल के हाथ से बचाया था, उसने कहा
PSA 19:0 d heading should have closing punctuation (period): प्रधान बजानेवाले के लिये दाऊद का भजन
PSA 20:0 d heading should have closing punctuation (period): प्रधान बजानेवाले के लिये दाऊद का भजन
PSA 21:0 d heading should have closing punctuation (period): प्रधान बजानेवाले के लिये दाऊद का भजन
PSA 22:0 d heading should have closing punctuation (period): प्रधान बजानेवाले के लिये अभ्येलेरशर राग में दाऊद का भजन
PSA 23:0 d heading should have closing punctuation (period): दाऊद का भजन
PSA 24:0 d heading should have closing punctuation (period): दाऊद का भजन
PSA 25:0 d heading should have closing punctuation (period): दाऊद का भजन
PSA 26:0 d heading should have closing punctuation (period): दाऊद का भजन
PSA 27:0 d heading should have closing punctuation (period): दाऊद का भजन
PSA 28:0 d heading should have closing punctuation (period): दाऊद का भजन
PSA 29:0 d heading should have closing punctuation (period): दाऊद का भजन
PSA 30:0 d heading should have closing punctuation (period): भवन की प्रतिष्ठा के लिये दाऊद का भजन
PSA 31:0 d heading should have closing punctuation (period): प्रधान बजानेवाले के लिये दाऊद का भजन
PSA 32:0 d heading should have closing punctuation (period): दाऊद का भजन मश्कील
PSA 34:0 d heading should have closing punctuation (period): दाऊद का भजन जब वह अबीमेलेक के सामने बौरहा बना, और अबीमेलेक ने उसे निकाल दिया, और वह चला गया
PSA 35:0 d heading should have closing punctuation (period): दाऊद का भजन
PSA 36:0 d heading should have closing punctuation (period): प्रधान बजानेवाले के लिये यहोवा के दास दाऊद का भजन
PSA 37:0 d heading should have closing punctuation (period): दाऊद का भजन
PSA 38:0 d heading should have closing punctuation (period): यादगार के लिये दाऊद का भजन
PSA 39:0 d heading should have closing punctuation (period): यदूतून प्रधान बजानेवाले के लिये दाऊद का भजन
PSA 40:0 d heading should have closing punctuation (period): प्रधान बजानेवाले के लिये दाऊद का भजन
PSA 41:0 d heading should have closing punctuation (period): प्रधान बजानेवाले के लिये दाऊद का भजन
PSA 42:0 d heading should have closing punctuation (period): प्रधान बजानेवाले के लिये कोरहवंशियों का मश्कील
PSA 44:0 d heading should have closing punctuation (period): प्रधान बजानेवाले के लिये कोरहवंशियों का मश्कील
PSA 45:0 d heading should have closing punctuation (period): प्रधान बजानेवाले के लिये शोशन्नीम में कोरहवंशियों का मश्कील प्रेम प्रीति का गीत
PSA 46:0 d heading should have closing punctuation (period): प्रधान बजानेवाले के लिये कोरहवंशियों का, अलामोत की राग पर एक गीत
PSA 47:0 d heading should have closing punctuation (period): प्रधान बजानेवाले के लिये कोरहवंशियों का भजन
PSA 48:0 d heading should have closing punctuation (period): गीत । कोरहवंशियों का भजन
PSA 49:0 d heading should have closing punctuation (period): प्रधान बजानेवाले के लिये कोरहवंशियों का भजन
PSA 50:0 d heading should have closing punctuation (period): आसाप का भजन
PSA 51:0 d heading should have closing punctuation (period): प्रधान बजानेवाले के लिये दाऊद का भजन जब नातान नबी उसके पास इसलिए आया कि वह बतशेबा के पास गया था
PSA 52:0 d heading should have closing punctuation (period): प्रधान बजानेवाले के लिये मश्कील पर दाऊद का भजन जब दोएग एदोमी ने शाऊल को बताया कि दाऊद अहीमेलेक के घर गया था
PSA 53:0 d heading should have closing punctuation (period): प्रधान बजानेवाले के लिये महलत की राग पर दाऊद का मश्कील
PSA 55:0 d heading should have closing punctuation (period): प्रधान बजानेवाले के लिये, तारवाले बाजों के साथ। दाऊद का मश्कील
PSA 56:0 d heading should have closing punctuation (period): प्रधान बजानेवाले के लिये योनतेलेखद्दोकीम में दाऊद का मिक्ताम जब पलिश्तियों ने उसको गत नगर में पकड़ा था
PSA 57:0 d heading should have closing punctuation (period): प्रधान बजानेवाले के लिये अल-तशहेत राग में दाऊद का मिक्ताम जब वह शाऊल से भागकर गुफा में छिप गया था
PSA 58:0 d heading should have closing punctuation (period): प्रधान बजानेवाले के लिये अल-तशहेत राग में दाऊद का मिक्ताम
PSA 59:0 d heading should have closing punctuation (period): प्रधान बजानेवाले के लिये अल-तशहेत राग में दाऊद का मिक्ताम; जब शाऊल के भेजे हुए लोगों ने घर का पहरा दिया कि उसको मार डाले
PSA 60:0 d heading should have closing punctuation (period): प्रधान बजानेवाले के लिये दाऊद का मिक्ताम शूशनेदूत राग में। शिक्षादायक। जब वह अरम्नहरैम और अरमसोबा से लड़ता था। और योआब ने लौटकर नमक की तराई में एदोमियों में से बारह हजार पुरुष मार लिये
PSA 61:0 d heading should have closing punctuation (period): प्रधान बजानेवाले के लिये तारवाले बाजे के साथ दाऊद का भजन
PSA 62:0 d heading should have closing punctuation (period): प्रधान बजानेवाले के लिये दाऊद का भजन। यदूतून की राग पर
PSA 63:0 d heading should have closing punctuation (period): दाऊद का भजन; जब वह यहूदा के जंगल में था।
PSA 64:0 d heading should have closing punctuation (period): प्रधान बजानेवाले के लिये दाऊद का भजन
PSA 65:0 d heading should have closing punctuation (period): प्रधान बजानेवाले के लिये दाऊद का भजन, गीत
PSA 66:0 d heading should have closing punctuation (period): प्रधान बजानेवाले के लिये गीत, भजन
PSA 67:0 d heading should have closing punctuation (period): प्रधान बजानेवाले के लिये तारवाले बाजों के साथ भजन, गीत
PSA 68:0 d heading should have closing punctuation (period): प्रधान बजानेवाले के लिये दाऊद का भजन, गीत
PSA 69:0 d heading should have closing punctuation (period): प्रधान बजानेवाले के लिये शोशन्नीम राग में दाऊद का गीत
PSA 70:0 d heading should have closing punctuation (period): प्रधान बजानेवाले के लिये: स्मरण कराने के लिये दाऊद का भजन
PSA 72:0 d heading should have closing punctuation (period): सुलैमान का गीत
PSA 73:0 d heading should have closing punctuation (period): आसाप का भजन
PSA 74:0 d heading should have closing punctuation (period): आसाप का मश्कील
PSA 75:0 d heading should have closing punctuation (period): प्रधान बजानेवाले के लिये : अलतशहेत राग में आसाप का भजन । गीत ।
PSA 76:0 d heading should have closing punctuation (period): प्रधान बजानेवाले के लिये: तारवाले बाजों के साथ, आसाप का भजन, गीत
PSA 77:0 d heading should have closing punctuation (period): प्रधान बजानेवाले के लिये: यदूतून की राग पर, आसाप का भजन
PSA 78:0 d heading should have closing punctuation (period): आसाप का मश्कील
PSA 79:0 d heading should have closing punctuation (period): आसाप का भजन
PSA 80:0 d heading should have closing punctuation (period): प्रधान बजानेवाले के लिये: शोशत्रीमेदूत राग में आसाप का भजन
PSA 81:0 d heading should have closing punctuation (period): प्रधान बजानेवाले के लिये : गित्तीथ राग में आसाप का भजन
PSA 82:0 d heading should have closing punctuation (period): आसाप का भजन
PSA 83:0 d heading should have closing punctuation (period): आसाप का भजन
PSA 84:0 d heading should have closing punctuation (period): प्रधान बजानेवाले के लिये गित्तीथ में कोरहवंशियों का भजन
PSA 85:0 d heading should have closing punctuation (period): प्रधान बजानेवालों के लिये : कोरहवंशियों का भजन
PSA 86:0 d heading should have closing punctuation (period): दाऊद की प्रार्थना
PSA 87:0 d heading should have closing punctuation (period): कोरहवंशियों का भजन
PSA 88:0 d heading should have closing punctuation (period): कोरहवंशियों का भजन
PSA 88:0 d heading should have closing punctuation (period): प्रधान बजानेवाले के लिये : महलतलग्नोत राग में एज्रावंशी हेमान का मश्कील
PSA 89:0 d heading should have closing punctuation (period): एतान एज्रावंशी का मश्कील
PSA 90:0 d heading should have closing punctuation (period): परमेश्वर के जन मूसा की प्रार्थना
PSA 92:0 d heading should have closing punctuation (period): भजन । विश्राम के दिन के लिये गीत
PSA 98:0 d heading should have closing punctuation (period): भजन
PSA 100:0 d heading should have closing punctuation (period): धन्यवाद का भजन
PSA 101:0 d heading should have closing punctuation (period): दाऊद का भजन
PSA 102:0 d heading should have closing punctuation (period): दीन जन की उस समय की प्रार्थना जब वह दुःख का मारा अपने शोक की बातें यहोवा के सामने खोलकर कहता हो
PSA 103:0 d heading should have closing punctuation (period): दाऊद का भजन
PSA 108:0 d heading should have closing punctuation (period): दाऊद का भजन
PSA 109:0 d heading should have closing punctuation (period): प्रधान बजानेवाले के लिये दाऊद का भजन
PSA 110:0 d heading should have closing punctuation (period): दाऊद का भजन
PSA 119:0 d heading should have closing punctuation (period): आलेफ
PSA 119:8 d heading should have closing punctuation (period): बेथ
PSA 119:16 d heading should have closing punctuation (period): गिमेल
PSA 119:24 d heading should have closing punctuation (period): दाल्थ
PSA 119:32 d heading should have closing punctuation (period): हे
PSA 119:40 d heading should have closing punctuation (period): वाव
PSA 119:48 d heading should have closing punctuation (period): ज़ैन
PSA 119:56 d heading should have closing punctuation (period): हेथ
PSA 119:64 d heading should have closing punctuation (period): टेथ
PSA 119:72 d heading should have closing punctuation (period): योध
PSA 119:80 d heading should have closing punctuation (period): क़ाफ
PSA 119:88 d heading should have closing punctuation (period): लामेध
PSA 119:96 d heading should have closing punctuation (period): मीम
PSA 119:104 d heading should have closing punctuation (period): नून
PSA 119:112 d heading should have closing punctuation (period): सामेख
PSA 119:120 d heading should have closing punctuation (period): ऐन
PSA 119:128 d heading should have closing punctuation (period): पे
PSA 119:136 d heading should have closing punctuation (period): सांदे
PSA 119:144 d heading should have closing punctuation (period): क़ाफ
PSA 119:152 d heading should have closing punctuation (period): रेश
PSA 119:160 d heading should have closing punctuation (period): शीन
PSA 119:168 d heading should have closing punctuation (period): ताव
PSA 120:0 d heading should have closing punctuation (period): यात्रा का गीत
PSA 121:0 d heading should have closing punctuation (period): यात्रा का गीत
PSA 122:0 d heading should have closing punctuation (period): दाऊद की यात्रा का गीत
PSA 123:0 d heading should have closing punctuation (period): यात्रा का गीत
PSA 124:0 d heading should have closing punctuation (period): दाऊद की यात्रा का गीत
PSA 125:0 d heading should have closing punctuation (period): दाऊद की यात्रा का गीत
PSA 126:0 d heading should have closing punctuation (period): यात्रा का गीत
PSA 127:0 d heading should have closing punctuation (period): सुलैमान की यात्रा का गीत
PSA 128:0 d heading should have closing punctuation (period): यात्रा का गीत
PSA 129:0 d heading should have closing punctuation (period): यात्रा का गीत
PSA 130:0 d heading should have closing punctuation (period): यात्रा का गीत
PSA 131:0 d heading should have closing punctuation (period): दाऊद की यात्रा का गीत
PSA 132:0 d heading should have closing punctuation (period): यात्रा का गीत
PSA 133:0 d heading should have closing punctuation (period): दाऊद की यात्रा का गीत
PSA 134:0 d heading should have closing punctuation (period): यात्रा का गीत
PSA 138:0 d heading should have closing punctuation (period): दाऊद का भजन
PSA 139:0 d heading should have closing punctuation (period): प्रधान बजानेवाले के लिये दाऊद का भजन
PSA 140:0 d heading should have closing punctuation (period): प्रधान बजानेवाले के लिये दाऊद का भजन
PSA 141:0 d heading should have closing punctuation (period): दाऊद का भजन
PSA 142:0 d heading should have closing punctuation (period): दाऊद का मश्कील, जब वह गुफा में था : प्रार्थना
PSA 143:0 d heading should have closing punctuation (period): दाऊद का भजन
PSA 144:0 d heading should have closing punctuation (period): दाऊद का भजन
PSA 145:0 d heading should have closing punctuation (period): दाऊद का भजन
GEN -1:7 Main Title 1: | उत्पत्ति |
EXO -1:7 Main Title 1: | निर्गमन |
LEV -1:7 Main Title 1: | लैव्यव्यवस्था |
NUM -1:7 Main Title 1: | गिनती |
DEU -1:7 Main Title 1: | व्यवस्थाविवरण |
JOS -1:7 Main Title 1: | यहोशू |
JDG -1:7 Main Title 1: | न्यायियों |
RUT -1:7 Main Title 1: | रूत |
SA1 -1:7 Main Title 1: | 1 शमूएल |
SA2 -1:7 Main Title 1: | 2 शमूएल |
KI1 -1:7 Main Title 1: | 1 राजाओं |
KI2 -1:7 Main Title 1: | 2 राजाओं |
CH1 -1:7 Main Title 1: | 1 इतिहास |
CH2 -1:7 Main Title 1: | 2 इतिहास |
EZR -1:7 Main Title 1: | एज्रा |
NEH -1:7 Main Title 1: | नहेम्याह |
EST -1:7 Main Title 1: | एस्तेर |
JOB -1:7 Main Title 1: | अय्यूब |
PSA -1:7 Main Title 1: | भजन संहिता |
PRO -1:7 Main Title 1: | नीतिवचन |
ECC -1:7 Main Title 1: | सभोपदेशक |
SNG -1:7 Main Title 1: | श्रेष्ठगीत |
ISA -1:7 Main Title 1: | यशायाह |
JER -1:7 Main Title 1: | यिर्मयाह |
LAM -1:7 Main Title 1: | विलापगीत |
EZE -1:7 Main Title 1: | यहेजकेल |
DAN -1:7 Main Title 1: | दानिय्येल |
HOS -1:7 Main Title 1: | होशे |
JOL -1:7 Main Title 1: | योएल |
AMO -1:7 Main Title 1: | आमोस |
OBA -1:7 Main Title 1: | ओबद्याह |
JNA -1:7 Main Title 1: | योना |
MIC -1:7 Main Title 1: | मीका |
NAH -1:7 Main Title 1: | नहूम |
HAB -1:7 Main Title 1: | हबक्कूक |
ZEP -1:7 Main Title 1: | सपन्याह |
HAG -1:7 Main Title 1: | हाग्गै |
ZEC -1:7 Main Title 1: | जकर्याह |
MAL -1:7 Main Title 1: | मलाकी |
MAT -1:7 Main Title 1: | मत्ती रचित सुसमाचार |
MRK -1:7 Main Title 1: | मरकुस |
LUK -1:7 Main Title 1: | लूका रचित सुसमाचार |
JHN -1:7 Main Title 1: | यूहन्ना |
ACT -1:7 Main Title 1: | प्रेरितों के काम |
ROM -1:7 Main Title 1: | रोमियों के नाम पौलुस प्रेरित की पत्री |
CO1 -1:7 Main Title 1: | कुरिन्थ की कलीसिया को लिखा गया पौलुस का पहला पत्र |
CO2 -1:7 Main Title 1: | कुरिन्थ की कलीसिया को लिखा गया पौलुस का दूसरा पत्र |
GAL -1:7 Main Title 1: | गलातियों के नाम पौलुस प्रेरित की पत्री |
EPH -1:7 Main Title 1: | इफिसियों के नाम पौलुस प्रेरित की पत्री |
PHP -1:7 Main Title 1: | फिलिप्पियों के नाम पौलुस प्रेरित की पत्री |
COL -1:7 Main Title 1: | कुलुस्सियों के नाम पौलुस प्रेरित की पत्री |
TH1 -1:7 Main Title 1: | थिस्सलुनीकियों के नाम पौलुस प्रेरित की पहली पत्री |
TH2 -1:7 Main Title 1: | थिस्सलुनीकियों के नाम पौलुस प्रेरित की दूसरी पत्री |
TI1 -1:7 Main Title 1: | तीमुथियुस के नाम प्रेरित पौलुस की पहली पत्री |
TI2 -1:7 Main Title 1: | तीमुथियुस के नाम प्रेरित पौलुस की दूसरी पत्री |
TIT -1:7 Main Title 1: | तीतुस के नाम प्रेरित पौलुस की पत्री |
PHM -1:7 Main Title 1: | फिलेमोन के नाम प्रेरित पौलुस की पत्री |
HEB -1:7 Main Title 1: | इब्रानियों |
JAM -1:7 Main Title 1: | याकूब की पत्री |
PE1 -1:7 Main Title 1: | पतरस की पहली पत्री |
PE2 -1:7 Main Title 1: | 2 पतरस |
JN1 -1:7 Main Title 1: | 1 यूहन्ना |
JN2 -1:7 Main Title 1: | 2 यूहन्ना |
JN3 -1:7 Main Title 1: | यूहन्ना की तीसरी पत्री |
JDE -1:7 Main Title 1: | यहूदा की पत्री |
REV -1:7 Main Title 1: | प्रकाशितवाक्य |
GEN 1:0 | सृष्टि का इतिहास |
GEN 1:2 | पहला दिन—उजियाला |
GEN 1:5 | दूसरा दिन—आकाश |
GEN 1:8 | तीसरा दिन—सूखी धरती और पेड़-पौधे |
GEN 1:13 | चौथा दिन—सूरज, चाँद और तारे |
GEN 1:19 | पाँचवाँ दिन—मछलियाँ और पक्षी |
GEN 1:23 | छठवाँ दिन—भूमि के जीवजन्तु और मनुष्य |
GEN 2:0 | सातवाँ दिन—विश्राम |
GEN 2:6 | मानव जाति का आरम्भ |
GEN 3:0 | पाप का आरम्भ |
GEN 3:7 | पाप का परिणाम |
GEN 4:0 | कैन द्वारा हाबिल की हत्या |
GEN 4:15 | कैन के वंशज |
GEN 4:24 | शेत और एनोश |
GEN 5:0 | आदम की वंशावली |
GEN 6:0 | परमेश्वर के बेटे और मनुष्यों की बेटियाँ |
GEN 6:4 | परमेश्वर द्वारा न्याय का फैसला |
GEN 6:7 | परमेश्वर के अनुग्रह की दृष्टि में नूह |
GEN 7:0 | जहाज में प्रवेश करना |
GEN 7:10 | जल-प्रलय |
GEN 8:0 | जल-प्रलय का अन्त |
GEN 8:14 | परमेश्वर की वाचा |
GEN 8:19 | नूह द्वारा होमबलि चढ़ाना |
GEN 9:0 | नूह और उसके पुत्रों को आशीर्वाद |
GEN 9:7 | परमेश्वर का नूह के साथ वाचा बाँधना |
GEN 9:17 | नूह और उसके पुत्र |
GEN 10:0 | नूह की वंशावली |
GEN 10:1 | येपेत के वंशज |
GEN 10:5 | हाम के वंशज |
GEN 10:20 | शेम के वंशज |
GEN 11:0 | भाषा में गड़बड़ी |
GEN 11:9 | शेम से तेरह तक की वंशावली |
GEN 11:26 | तेरह की वंशावली |
GEN 12:0 | अब्राम की बुलाहट |
GEN 12:9 | मिस्र देश में अब्राम |
GEN 13:0 | अब्राम का कनान लौटना |
GEN 13:4 | अब्राम और लूत का अलग होना |
GEN 13:13 | अब्राम का हेब्रोन को जाना |
GEN 14:0 | लूत का बन्दी बनाया जाना |
GEN 14:13 | अब्राम का लूत को छुड़ाना |
GEN 14:17 | अब्राम और मलिकिसिदक |
GEN 15:0 | अब्राम के साथ परमेश्वर की वाचा |
GEN 16:0 | हागार और इश्माएल |
GEN 17:0 | अब्राम और वाचा का चिन्ह |
GEN 17:14 | वाचा का पुत्र इसहाक |
GEN 18:0 | अब्राहम के तीन अतिथि |
GEN 18:8 | सारा का हँसना |
GEN 18:15 | अब्राहम का सदोम के लिये निवेदन |
GEN 19:0 | लूत के अतिथि |
GEN 19:11 | लूत का सदोम से बच निकलना |
GEN 19:22 | सदोम और गमोरा का विनाश |
GEN 19:29 | लूत और उसकी पुत्रियाँ |
GEN 20:0 | अब्राहम और अबीमेलेक |
GEN 21:0 | इसहाक का जन्म |
GEN 21:8 | हागार और इश्माएल का निकाला जाना |
GEN 21:21 | अबीमेलेक के साथ अब्राहम की वाचा |
GEN 22:0 | अब्राहम की परीक्षा |
GEN 22:19 | नाहोर के वंशज |
GEN 23:0 | सारा की मृत्यु और दफनाया जाना |
GEN 24:0 | इसहाक के विवाह का वर्णन |
GEN 25:0 | अब्राहम के अन्य वंशज |
GEN 25:6 | अब्राहम की मृत्यु |
GEN 25:11 | इश्माएल की वंशावली |
GEN 25:18 | याकूब और एसाव का जन्म |
GEN 25:26 | एसाव द्वारा पहलौठे का अधिकार बेचना |
GEN 26:0 | इसहाक का वृत्तान्त |
GEN 26:6 | इसहाक की चालाकी |
GEN 26:11 | इसहाक का महान बनना |
GEN 26:14 | कुओं के लिये झगड़ा |
GEN 26:22 | परमेश्वर का इसहाक को दर्शन |
GEN 26:25 | अबीमेलेक के साथ वाचा |
GEN 26:33 | एसाव की पत्नियाँ |
GEN 27:0 | इसहाक का एसाव को आशीर्वाद देने की योजना |
GEN 27:5 | याकूब द्वारा आशीर्वाद चुराने की योजना |
GEN 27:24 | याकूब को आशीर्वाद मिलना |
GEN 27:29 | आशीर्वाद के लिये एसाव का निवेदन |
GEN 27:40 | याकूब का एसाव के डर से भागना |
GEN 28:0 | याकूब का लाबान के पास भेजा जाना |
GEN 28:5 | एसाव का इश्माएल की बेटी महलत से ब्याह |
GEN 28:9 | बेतेल में याकूब का स्वप्न |
GEN 29:0 | याकूब का राहेल से मिलना |
GEN 29:17 | याकूब का राहेल के लिये सात वर्ष की सेवा |
GEN 29:20 | छल से राहेल की जगह लिआ का दिया जाना |
GEN 29:26 | याकूब को राहेल का भी दिया जाना |
GEN 29:30 | याकूब की सन्तान |
GEN 30:24 | याकूब का लाबान के साथ समझौता |
GEN 31:0 | याकूब का लाबान के पास से भागना |
GEN 31:21 | लाबान द्वारा याकूब का पीछा करना |
GEN 31:42 | याकूब और लाबान के बीच समझौता |
GEN 32:0 | एसाव से मिलने की याकूब की तैयारी |
GEN 32:21 | याकूब का मल्लयुद्ध |
GEN 33:0 | याकूब का एसाव से मिलना |
GEN 33:17 | याकूब का कनान आना |
GEN 34:0 | दीना को भ्रष्ट किया जाना |
GEN 35:0 | याकूब का बेतेल वापस आना |
GEN 35:15 | राहेल की मृत्यु |
GEN 35:21 | याकूब के पुत्र |
GEN 35:26 | इसहाक की मृत्यु |
GEN 36:0 | एसाव की वंशावली |
GEN 36:14 | एदोम के अधिपति |
GEN 36:19 | सेईर की वंशावली |
GEN 36:30 | एदोम के राजा |
GEN 37:0 | यूसुफ और उसके भाई |
GEN 37:4 | यूसुफ का स्वप्न |
GEN 37:17 | यूसुफ का दासत्व के लिये बेचा जाना |
GEN 38:0 | यहूदा और तामार |
GEN 39:0 | पोतीपर के घर यूसुफ |
GEN 39:19 | यूसुफ का बन्दीगृह में डाला जाना |
GEN 40:0 | यूसुफ द्वारा स्वप्नों की व्याख्या |
GEN 41:0 | फ़िरौन का स्वप्न |
GEN 41:8 | यूसुफ द्वारा फ़िरौन के स्वप्नों की व्याख्या |
GEN 41:36 | यूसुफ का प्रधान मंत्री बनाया जाना |
GEN 42:0 | याकूब का अपने पुत्रों को मिस्र भेजना |
GEN 42:24 | याकूब के पुत्रों का कनान लौटना |
GEN 43:0 | बिन्यामीन के साथ मिस्र देश जाना |
GEN 43:15 | भाइयों का यूसुफ के घर पहुँचाना |
GEN 44:0 | यूसुफ द्वारा भाइयों की परीक्षा |
GEN 44:17 | बिन्यामीन के लिये यहूदा का निवेदन |
GEN 45:0 | यूसुफ का स्वयं को प्रगट करना |
GEN 46:0 | याकूब का मिस्र के लिये जाना |
GEN 46:7 | याकूब का परिवार |
GEN 46:27 | याकूब का मिस्र पहुँचना |
GEN 47:0 | फ़िरौन द्वारा याकूब का स्वागत |
GEN 47:12 | अकाल के समय यूसुफ का प्रबन्ध |
GEN 47:26 | इस्राएल का गोशेन प्रदेश में बसना |
GEN 48:0 | याकूब द्वारा यूसुफ के पुत्रों को आशीर्वाद |
GEN 49:0 | याकूब की भविष्यद्वाणी |
GEN 49:28 | याकूब को मिट्टी देने संबंधी आज्ञा |
GEN 50:0 | याकूब की मृत्यु |
GEN 50:11 | याकूब के शव को मकपेला में गाड़ा जाना |
GEN 50:14 | भाइयों को आश्वासन देना |
GEN 50:21 | यूसुफ की मृत्यु |
EXO 1:0 | मिस्र में इस्राएलियों की दुर्देशा |
EXO 2:0 | मूसा का जन्म |
EXO 2:10 | मूसा का मिद्यान देश को भागना |
EXO 3:0 | मूसा और जलती हुई झाड़ी |
EXO 4:0 | मूसा के लिये अद्भुत चिन्ह |
EXO 4:17 | मूसा का मिस्र देश लौटना |
EXO 4:26 | मूसा और हारून की भेंट |
EXO 5:0 | फ़िरौन के सामने मूसा और हारून |
EXO 5:5 | फ़िरौन द्वारा लोगों को दण्ड |
EXO 5:21 | मूसा की परमेश्वर से शिकायत |
EXO 6:1 | परमेश्वर का छुटकारे का वादा |
EXO 6:13 | मूसा और हारून की वंशावली |
EXO 6:27 | यहोवा का मूसा को फिर से बुलाया जाना |
EXO 7:7 | हारून की चमत्कारी लाठी |
EXO 7:13 | मिस्रियों पर दस विपत्तियाँ |
EXO 7:19 | प्रथम विपत्ति - जल का लहू में बदलना |
EXO 8:0 | दूसरी विपत्ति - मेंढ़कों का आक्रमण |
EXO 8:15 | तीसरी विपत्ति - कुटकियों के झुण्ड |
EXO 8:19 | चौथी विपत्ति - डांसों के झुण्ड |
EXO 9:0 | पाँचवी विपत्ति - पशुओं की मौत |
EXO 9:7 | छठवीं विपत्ति - फफोलों और फोड़ों का निकलना |
EXO 9:12 | सातवीं विपत्ति - ओलों की वर्षा |
EXO 10:0 | आठवीं विपत्ति - टिड्डियों का आक्रमण |
EXO 10:20 | नौवीं विपत्ति - अंधकार |
EXO 11:0 | पहलौठों की मृत्यु की चेतावनी |
EXO 12:0 | फसह पर्व के निर्देश |
EXO 12:14 | अख़मीरी रोटी |
EXO 12:20 | प्रथम फसह का पर्व |
EXO 12:28 | दसवीं विपत्ति - पहलौठों की मृत्यु |
EXO 12:36 | इस्राएलियों का मिस्र देश छोड़ना |
EXO 12:42 | फसह के पर्व की विधि |
EXO 13:0 | पहलौठों का अर्पण |
EXO 13:10 | पहलौठे का नियम |
EXO 13:16 | जंगल का रास्ता |
EXO 13:20 | बादल का खम्भा और आग का खम्भा |
EXO 14:0 | इस्राएल का लाल समुद्र पार करना |
EXO 15:0 | मूसा का विजयी गीत |
EXO 15:19 | मिर्याम का विजयी गीत |
EXO 15:21 | कड़वे पानी को मीठा बनाना |
EXO 16:0 | मन्ना और बटेरें |
EXO 17:0 | चट्टान से पानी निकालना |
EXO 17:7 | अमालेकियों पर विजय |
EXO 18:0 | मूसा का अपने ससुर से भेंट करना |
EXO 18:12 | मूसा को उसके ससुर की सलाह |
EXO 19:0 | सीनै पर्वत पर यहोवा का दर्शन |
EXO 20:0 | दस आज्ञाएँ |
EXO 20:17 | लोगों का भयभीत होना |
EXO 20:21 | वेदी से सम्बन्धित नियम |
EXO 21:0 | दासों से सम्बन्धित नियम |
EXO 21:11 | हिंसा से सम्बन्धित नियम |
EXO 21:27 | पशु नियंत्रण सम्बन्धित नियम |
EXO 22:0 | चोरी से सम्बन्धित नियम |
EXO 22:4 | फसल सुरक्षा से सम्बन्धित नियम |
EXO 22:6 | निजी सम्पत्ति से सम्बन्धित नियम |
EXO 22:15 | नैतिक और धार्मिक नियम |
EXO 23:0 | न्याय और निष्पक्षता |
EXO 23:9 | सातवाँ वर्ष और सातवाँ दिन |
EXO 23:13 | तीन प्रमुख पर्व |
EXO 23:19 | प्रतिज्ञाएँ और चेतावनी |
EXO 24:0 | यहोवा और इस्राएलियों के बीच वाचा बाँधने का वर्णन |
EXO 25:0 | पवित्रस्थान के लिये भेंट |
EXO 25:9 | साक्षीपत्र का सन्दूक |
EXO 25:22 | पवित्र मेज |
EXO 25:30 | सोने का दीवट |
EXO 26:0 | पवित्र तम्बू |
EXO 26:30 | पवित्र तम्बू का भीतरी भाग |
EXO 26:35 | पवित्र तम्बू का मुख्य द्वार |
EXO 27:0 | होमबलि की वेदी |
EXO 27:8 | पवित्र तम्बू का आँगन |
EXO 27:19 | दीपक के लिये तेल |
EXO 28:0 | याजकों के पवित्र वस्त्र |
EXO 28:5 | एपोद और पटुका |
EXO 28:14 | सीनाबन्द या चपरास |
EXO 28:30 | अन्य याजकीय वस्त्र |
EXO 29:0 | याजक पद के लिये अभिषेक |
EXO 29:37 | दैनिक भेंट |
EXO 30:0 | धूप जलाने की वेदी |
EXO 30:10 | प्राणों के प्रायश्चित का रुपया |
EXO 30:16 | पीतल की हौदी |
EXO 30:21 | अभिषेक का तेल |
EXO 30:33 | पवित्र सुगन्धित द्रव्य |
EXO 31:0 | बसलेल और ओहोलीआब |
EXO 31:11 | सब्त अर्थात् विश्रामदिन |
EXO 31:17 | पत्थर की दो तख्तियाँ |
EXO 32:0 | इस्राएलियों का मूर्तिपूजा में फंसने का वर्णन |
EXO 33:0 | सीनै पर्वत से प्रस्थान की आज्ञा |
EXO 33:6 | मिलापवाला तम्बू |
EXO 33:11 | मूसा को यहोवा की महिमा का दर्शन |
EXO 34:0 | पत्थर की दो नई तख्तियाँ |
EXO 34:9 | वाचा का दोहराया जाना |
EXO 34:28 | मूसा का तेजस्वी चेहरा |
EXO 35:0 | सब्त के नियम |
EXO 35:3 | पवित्र तम्बू के लिये भेंट |
EXO 35:19 | लोगों द्वारा भेंट लाना |
EXO 35:29 | पवित्र तम्बू का निर्माण |
EXO 36:1 | लोगों द्वारा पर्याप्त से अधिक देना |
EXO 36:7 | निवास-स्थान का निर्माण |
EXO 37:0 | वाचा का सन्दूक बनाया जाना |
EXO 37:9 | पवित्र मेज का बनाया जाना |
EXO 37:16 | सोने की दीवट का बनाया जाना |
EXO 37:24 | धूप वेदी का बनाया जाना |
EXO 38:0 | होमबलि की वेदी |
EXO 38:7 | पीतल की हौदी |
EXO 38:8 | पवित्रस्थान का आँगन |
EXO 38:20 | धातुओं का विवरण |
EXO 39:0 | याजकीय वस्त्र बनाना |
EXO 39:1 | एपोद बनाना |
EXO 39:7 | सीनाबन्द बनाना |
EXO 39:21 | अन्य याजकीय वस्त्र बनाना |
EXO 39:31 | कार्यों का पूरा होना |
EXO 40:0 | मिलापवाले तम्बू स्थापित करने के निर्देश |
EXO 40:15 | मिलापवाले तम्बू का खड़ा किया जाना |
EXO 40:33 | मिलापवाले तम्बू पर यहोवा की महिमा |
LEV 1:0 | होमबलि की विधि |
LEV 2:0 | अन्नबलि की विधि |
LEV 3:0 | मेलबलि की विधि |
LEV 4:0 | पापबलि की विधि |
LEV 5:0 | दोषबलि की विधि |
LEV 6:0 | बेईमान लोगों की दोषबलि |
LEV 7:0 | दोषबलि |
LEV 8:0 | हारून और उसके पुत्रों का अभिषेक |
LEV 9:0 | याजकीय सेवकाई बलि-अर्पण |
LEV 10:0 | नादाब और अबीहू के भस्म होने का वर्णन |
LEV 11:0 | शुद्ध और अशुद्ध पृथ्वी पर के पशु |
LEV 12:0 | प्रसूता के विषय के नियम |
LEV 13:0 | चर्म रोग सम्बन्धित नियम |
LEV 14:0 | चर्म रोग शुद्धिकरण का नियम |
LEV 15:0 | शरीर से बहने वाले अशुद्ध स्राव |
LEV 16:0 | पाप से छुटकारे का दिन |
LEV 17:0 | निषिद्ध बलिदान |
LEV 18:0 | यौन नैतिकता का नियम |
LEV 19:0 | पवित्रता का नियम |
LEV 20:0 | प्राणदण्ड के योग्य भाँति-भाँति के पापों का वर्णन |
LEV 21:0 | याजकों के लिये विशेष विधियाँ |
LEV 22:0 | याजकीय अशुद्धता |
LEV 23:0 | विशेष पर्व दिन |
LEV 24:0 | पवित्र दीपकों को सजाना |
LEV 25:0 | भूमि के लिये विश्राम का वर्ष |
LEV 26:0 | आशीष का वाचा |
LEV 27:0 | विशेष संकल्प की विधि |
NUM 1:0 | इस्राएलियों की गिनती |
NUM 1:46 | लेवीय गोत्रों का अलग किया जाना |
NUM 2:0 | इस्राएलियों की छावनी का क्रम |
NUM 3:0 | हारून के पुत्र |
NUM 3:4 | लेवियों का याजकों की सेवा के लिये नियुक्ति |
NUM 3:13 | लेवियों की गिनती |
NUM 3:39 | लेवियों का पहलौठों की जगह लेना |
NUM 4:0 | कहातियों के कर्तव्य |
NUM 4:20 | गेर्शोनियों के कर्तव्य |
NUM 4:28 | मरारियों के कर्तव्य |
NUM 4:33 | लेवियों की गिनती |
NUM 5:0 | अशुद्ध लोगों का बाहर किया जाना |
NUM 5:4 | दोषों की हानि भरने की विधि |
NUM 5:10 | व्यभिचार की जाँच |
NUM 6:0 | नाज़ीरों की व्यवस्था |
NUM 6:21 | याजक का आशीर्वाद |
NUM 7:0 | वेदी के अभिषेक पर उत्सव की भेंटें |
NUM 8:0 | दीपकों के जलाने की विधि |
NUM 8:4 | लेवियों के नियुक्त होने का वर्णन |
NUM 9:0 | फसह पर्व |
NUM 9:14 | बादल और अग्नि |
NUM 10:0 | चाँदी की तुरहियां |
NUM 10:10 | सीनै से पारान की ओर |
NUM 11:0 | इस्राएलियों का कुड़कुड़ाना और इसका दण्ड पाना |
NUM 11:3 | भोजन के विषय में शिकायतें |
NUM 11:15 | मूसा द्वारा सत्तर अगुओं का चुनाव |
NUM 11:30 | छावनी में बटेरें |
NUM 12:0 | मूसा की श्रेष्ठता का प्रमाण |
NUM 13:0 | भेदियों को कनान भेजा जाना |
NUM 13:24 | भेदियों का वापस लौटना |
NUM 14:0 | लोगों का बुड़बुड़ाना |
NUM 14:10 | लोगों के लिये मूसा की विनती |
NUM 14:25 | बुड़बुड़ाने का दण्ड |
NUM 15:0 | अन्नबलियों और अर्घों की विधि |
NUM 15:13 | परदेशियों के लिये नियम |
NUM 15:21 | भूल से किया गया पाप |
NUM 15:29 | जान-बूझकर किये गए पाप सम्बन्धित नियम |
NUM 15:31 | विश्रामदिन के नियम का उल्लंघन |
NUM 15:36 | स्मरण करानेवाली झालर |
NUM 16:0 | कोरह, दातान और अबीराम का बलवा |
NUM 16:35 | धूपदान |
NUM 16:40 | हारून द्वारा लोगों की रक्षा |
NUM 17:0 | हारून की छड़ी में कलियाँ |
NUM 18:0 | याजकों और लेवियों के सेवा-कार्य |
NUM 18:7 | याजकों की सहायता के लिये भेंट |
NUM 18:20 | लेवियों की सहायता के लिये भेंट |
NUM 18:24 | लेवियों का दशमांश |
NUM 19:0 | शुद्धिकरण की विधि |
NUM 19:10 | शव छूने से अशुद्धता |
NUM 20:0 | मिर्याम की मृत्यु |
NUM 20:1 | मूसा और हारून का पाप |
NUM 20:13 | एदोमियों द्वारा रास्ता न देना |
NUM 20:21 | हारून की मृत्यु |
NUM 21:0 | कनानी राजा पर विजय |
NUM 21:3 | पीतल का बना सर्प |
NUM 21:9 | होर पर्वत से मोआब की ओर यात्रा |
NUM 21:20 | एमोरियों के राजा सीहोन पर विजय |
NUM 21:32 | बाशान के राजा ओग पर विजय |
NUM 22:0 | बिलाम और मोआब का राजा बालाक |
NUM 22:20 | बिलाम और उसकी गदही |
NUM 23:0 | बिलाम की प्रथम भविष्यद्वाणी |
NUM 23:12 | बिलाम की दूसरी भविष्यद्वाणी |
NUM 23:26 | बिलाम की तीसरी भविष्यद्वाणी |
NUM 24:14 | बिलाम की चौथी भविष्यद्वाणी |
NUM 25:0 | इस्राएलियों का वेश्यागमन और उसका दण्ड |
NUM 26:0 | इस्राएलियों की दूसरी बार गिनती |
NUM 27:0 | सलोफाद की बेटियों की विनती |
NUM 27:11 | यहोशू का चुना जाना |
NUM 28:0 | नियत समयों के विशेष बलिदान |
NUM 28:8 | विश्रामदिन के बलिदान |
NUM 28:10 | मासिक बलिदान |
NUM 28:15 | फसह के पर्व के बलिदान |
NUM 28:25 | कटनी के पर्व के बलिदान |
NUM 29:0 | तुरहियों के पर्व की भेंट |
NUM 29:6 | प्रायश्चित का दिन |
NUM 29:11 | झोपड़ियों का पर्व |
NUM 30:0 | मन्नत मानने की विधि |
NUM 31:0 | मिद्यानियों से पलटा लेने का वर्णन |
NUM 31:12 | युद्ध से सेना की वापसी |
NUM 31:24 | लूट का बँटवारा |
NUM 32:0 | यरदन के पूर्व में बसे गोत्र |
NUM 33:0 | मिस्र से इस्राएलियों की यात्रा का वर्णन |
NUM 33:49 | कनान पर आक्रमण का निर्देश |
NUM 34:0 | कनान देश की सीमा |
NUM 34:15 | देश बाँटने वाले प्रधान |
NUM 35:0 | लेवियों के नगर |
NUM 35:8 | खूनी के लिये शरणनगर |
NUM 36:0 | सलोफाद की बेटियों का भाग |
DEU 1:0 | परिचय |
DEU 1:8 | अगुओं और न्यायियों की नियुक्ति |
DEU 1:18 | कनान देश में भेदियों का भेजा जाना |
DEU 1:33 | इस्राएल को दण्ड मिलना |
DEU 2:0 | इस्राएलियों का जंगल में भटकना |
DEU 2:25 | राजा सीहोन की पराजय |
DEU 3:0 | बाशान के लोगों के साथ युद्ध |
DEU 3:11 | यरदन नदी के पूर्व की भूमि |
DEU 3:22 | मूसा का कनान में प्रवेश निषेध |
DEU 4:0 | मूसा का उपदेश |
DEU 4:14 | मूर्तिपूजा के विरुद्ध चेतावनी |
DEU 4:40 | यरदन के पूर्व के शरणनगर |
DEU 4:43 | परमेश्वर की व्यवस्था का परिचय |
DEU 5:0 | दस आज्ञाएँ |
DEU 5:27 | परमेश्वर का मूसा से बात करना |
DEU 6:0 | महानतम् आज्ञा |
DEU 6:9 | आज्ञा उल्लंघन के विरुद्ध चेतावनी |
DEU 7:0 | प्रभु की चुनी हुई प्रजा |
DEU 7:11 | आज्ञाकारिता की आशीषें |
DEU 8:0 | परमेश्वर का स्मरण करना |
DEU 8:10 | परमेश्वर के कार्यों को ना भूलना |
DEU 9:0 | इस्राएल की अनाज्ञाकारिता का वर्णन |
DEU 10:0 | पत्थर की नई पटियाएँ |
DEU 10:11 | परमेश्वर की मांग |
DEU 11:0 | आज्ञाकारिता का पुरस्कार |
DEU 12:0 | परमेश्वर की उपासना का स्थान |
DEU 12:28 | मूर्तिपूजा के विरुद्ध चेतावनी |
DEU 13:0 | झूठे भविष्यद्वक्ता |
DEU 14:0 | अनुचित शोक |
DEU 14:2 | शुद्ध और अशुद्ध पशु |
DEU 14:21 | दशमांश का नियम |
DEU 15:0 | सातवाँ वर्ष : छुटकारे का वर्ष |
DEU 15:6 | दरिद्र के लिये उदारता |
DEU 15:11 | दासों को स्वतंत्र करने की विधि |
DEU 15:18 | पहलौठे पशुओं का अर्पण |
DEU 16:0 | फसह और अख़मीरी रोटी का पर्व |
DEU 16:8 | कटनी का पर्व |
DEU 16:12 | झोपड़ियों का पर्व |
DEU 16:17 | लोगों के लिये न्यायियों की नियुक्ति |
DEU 16:20 | वर्जित पूजा |
DEU 17:13 | राजाओं से सम्बन्धित आदेश |
DEU 18:0 | याजकों और लेवियों के लिये भेंट |
DEU 18:8 | पवित्र रहने के लिये बुलाहट |
DEU 18:13 | एक नबी भेजने की प्रतिज्ञा |
DEU 19:0 | खूनी के लिये शरणनगर |
DEU 19:13 | सीमा चिन्ह |
DEU 19:14 | गवाहों से सम्बन्धित नियम |
DEU 20:0 | युद्ध पर जाने के नियम |
DEU 21:0 | अनसुलझे हत्या के संबंध में नियम |
DEU 21:9 | महिला बन्दी |
DEU 21:14 | पहलौठे का अधिकार |
DEU 21:17 | हठीला पुत्र |
DEU 21:21 | पेड़ पर लटकाए जानेवाला श्रापित |
DEU 22:0 | विभिन्न नियम |
DEU 22:12 | विवाह सम्बन्धित नियम |
DEU 22:21 | व्यभिचार का दण्ड |
DEU 23:0 | यहोवा की सभा में प्रवेश निषेध |
DEU 23:14 | भगोड़ा दास |
DEU 23:16 | वेश्यावृत्ति वर्जित |
DEU 23:18 | ऋणों पर ब्याज |
DEU 23:20 | मन्नत |
DEU 23:23 | पड़ोसी की फसलें |
DEU 24:0 | तलाक और पुनर्विवाह |
DEU 24:4 | विभिन्न नियम |
DEU 24:6 | अपहरण |
DEU 25:0 | निष्पक्षता और दया |
DEU 25:4 | मृत भाई के प्रति उत्तरदायित्व |
DEU 25:10 | विभिन्न नियम |
DEU 25:16 | अमालेकियों से बदला |
DEU 26:0 | प्रथम फसल के बारे में नियम |
DEU 26:15 | परमेश्वर की निज प्रजा |
DEU 27:0 | व्यवस्था को पत्थरों पर लिखने की आज्ञा |
DEU 27:10 | अभिशाप वचन |
DEU 28:0 | आज्ञाकारिता के लिये आशीर्वाद |
DEU 28:14 | अनाज्ञाकारिता के लिये अभिशाप |
DEU 29:0 | मोआब में परमेश्वर की वाचा |
DEU 30:0 | इस्राएलियों की वापसी का वचन |
DEU 30:10 | जीवन या मरण |
DEU 31:0 | यहोशू का चुना जाना |
DEU 31:8 | हर सातवें वर्ष व्यवस्था का पढ़ा जाना |
DEU 31:13 | यहोशू की नियुक्ति |
DEU 31:23 | मूसा द्वारा लोगों को चेतावनी |
DEU 32:0 | मूसा का प्रसिद्ध गीत |
DEU 32:43 | मूसा के अन्तिम निर्देश |
DEU 32:47 | नबो नामक चोटी पर मूसा |
DEU 33:0 | मूसा का इस्राएलियों को दिया हुआ आशीर्वाद |
DEU 33:5 | रूबेन को आशीर्वाद |
DEU 33:6 | यहूदा को आशीर्वाद |
DEU 33:7 | लेवी को आशीर्वाद |
DEU 33:11 | बिन्यामीन को आशीर्वाद |
DEU 33:12 | यूसुफ को आशीर्वाद |
DEU 33:17 | जबूलून और इस्साकार को आशीर्वाद |
DEU 33:19 | गाद को आशीर्वाद |
DEU 33:21 | दान को आशीर्वाद |
DEU 33:22 | नप्ताली को आशीर्वाद |
DEU 33:23 | आशेर को आशीर्वाद |
DEU 33:25 | मूसा द्वारा परमेश्वर की स्तुति |
DEU 34:0 | मूसा की मृत्यु |
DEU 34:8 | मूसा के स्थान पर यहोशू |
JOS 1:0 | यहोशू का हियाव बन्धाया जाना |
JOS 2:0 | यरीहो का भेद लिया जाना |
JOS 3:0 | इस्राएलियों का यरदन पार उतर जाना |
JOS 4:0 | स्मृति पत्थर |
JOS 5:0 | इस्राएलियों का खतना किया जाना और फसह मानना |
JOS 6:0 | यरीहो का विनाश |
JOS 7:0 | आकान का पाप |
JOS 8:0 | आई नगर का ले लिया जाना |
JOS 9:0 | गिबोनियों का छल |
JOS 10:0 | कनान के दक्षिणी भाग का जोता जाना |
JOS 11:0 | कनान के उत्तरीय भाग का जीता जाना |
JOS 12:0 | मूसा द्वारा राजाओं पर विजय |
JOS 13:0 | कनान देश का इस्राएली गोत्र-गोत्र में बाँटा जाना |
JOS 14:0 | यरदन के पश्चिमी भाग का विभाजन |
JOS 15:0 | यहूदा की भूमि |
JOS 16:0 | एप्रैम और पश्चिमी मनश्शे |
JOS 17:0 | मनश्शे के गोत्र का भाग |
JOS 18:0 | शेष भाग का विभाजन |
JOS 19:0 | यहूदा के साथ में शिमोन के कुल का भाग |
JOS 20:0 | शरण नगरों का ठहराया जाना |
JOS 21:0 | लेवियों को नगरों का दिया जाना |
JOS 22:0 | पूर्वी गोत्रों का अपनी भूमि में लौटना |
JOS 23:0 | यहोशू के अन्तिम उपदेश |
JOS 24:0 | शेकेम में दी गई वाचा |
JDG 1:0 | इस्राएलियों का कनानियों पर विजय |
JDG 2:0 | इस्राएलियों की अवज्ञा |
JDG 3:0 | अन्यजातियों का कनान की भूमि में रहना |
JDG 4:0 | दबोरा और बाराक का चरित्र |
JDG 5:0 | दबोरा का गीत |
JDG 6:0 | गिदोन का चरित्र |
JDG 7:0 | गिदोन का मिद्यानियों पर विजय |
JDG 8:0 | मिद्यानियों की पूर्ण पराजय |
JDG 9:0 | अबीमेलेक का चरित्र |
JDG 10:0 | तोला और याईर के चरित्र |
JDG 11:0 | यिप्तह |
JDG 12:0 | यिप्तह संग एप्रैम का टकराव |
JDG 13:0 | शिमशोन का चरित्र |
JDG 14:0 | शिमशोन की पलिश्ती स्त्री |
JDG 15:0 | शिमशोन द्वारा पलिश्ती पर विजय |
JDG 16:0 | शिमशोन और दलीला |
JDG 17:0 | मीका की मूर्ति पूजा करना |
JDG 18:0 | दानियों का मीका की मूर्ति पूजा को अपनाना |
JDG 19:0 | लेवी की रखैल |
JDG 20:0 | इस्राएलियों द्वारा युद्ध की तैयारी |
JDG 21:0 | बिन्यामीनियों के लिए पत्नियों की व्यवस्था |
SA1 1:0 | एल्काना और उसका परिवार शीलो में |
SA1 1:7 | हन्ना की शपथ |
SA1 2:0 | हन्ना की प्रार्थना |
SA1 2:11 | एली के पुत्र |
SA1 2:17 | बालक शमूएल की सेवकाई |
SA1 2:21 | एली के घराने के विरुद्ध भविष्यद्वाणी |
SA1 3:0 | शमूएल की प्रथम भविष्यद्वाणी |
SA1 4:0 | पवित्र सन्दूक की बँधुआई और लौटाया जाना |
SA1 4:11 | एली की मृत्यु |
SA1 4:18 | ईकाबोद |
SA1 5:0 | पलिश्ती और वाचा का सन्दूक |
SA1 6:0 | वाचा के सन्दूक की वापसी |
SA1 6:19 | वाचा का सन्दूक किर्यत्यारीम में |
SA1 7:1 | शमूएल नबी और न्यायी के कार्य |
SA1 8:0 | इस्राएलियों द्वारा राजा की माँग |
SA1 9:0 | शाऊल का राजा के रूप में चुना जाना |
SA1 9:25 | राजा के रूप में शाऊल का अभिषेक |
SA1 10:16 | राजा के रूप में शाऊल की घोषणा |
SA1 11:0 | शाऊल द्वारा याबेश गिलाद की रक्षा |
SA1 12:0 | शाऊल के राज्याभिषेक में शमूएल का उपदेश |
SA1 13:0 | शाऊल राजा का पहला अपराध और उसका फल |
SA1 13:15 | सेना के लिए कोई हथियार नहीं |
SA1 14:0 | योनातान की जय और शाऊल का हठ |
SA1 15:0 | शाऊल का दूसरा अपराध और उसका फल |
SA1 15:9 | राजा के रूप में शाऊल अस्वीकृत |
SA1 16:0 | दाऊद का राज्याभिषेक |
SA1 17:0 | दाऊद का गोलियत को मार डालना |
SA1 18:0 | दाऊद और योनातान की मित्रता |
SA1 18:5 | शाऊल की दाऊद के प्रति शत्रुता |
SA1 18:16 | दाऊद और मीकल का विवाह |
SA1 19:0 | शाऊल का दाऊद पर आक्रमण |
SA1 20:0 | योनातान का दाऊद के प्रति वफादारी |
SA1 21:0 | दाऊद और पवित्र रोटी |
SA1 21:9 | दाऊद का गत की ओर भागना |
SA1 22:0 | दाऊद और चार सौ पुरुष |
SA1 23:0 | दाऊद द्वारा कीला नगर की रक्षा |
SA1 23:13 | दाऊद जंगल के गढ़ों में |
SA1 24:0 | दाऊद का शाऊल पर हाथ न उठाना |
SA1 25:0 | शमूएल की मृत्यु |
SA1 26:0 | दाऊद का शाऊल के प्राण पुनः छोड़ना |
SA1 27:0 | दाऊद का पलिश्तियों से जुड़ना |
SA1 28:2 | शाऊल और भूत-सिद्धि करनेवाली स्त्री |
SA1 29:0 | पलिश्तियों द्वारा दाऊद पर सन्देह |
SA1 30:0 | दाऊद का अमालेकियों के संग संघर्ष |
SA1 31:0 | शाऊल और उसके पुत्रों की मृत्यु |
SA2 1:0 | शाऊल की मृत्यु की खबर |
SA2 1:16 | शाऊल और योनातान के लिये दाऊद का विलापगीत |
SA2 2:0 | दाऊद के हेब्रोन में राज्य करने का वृत्तान्त |
SA2 2:7 | ईशबोशेत इस्राएल का राजा |
SA2 2:11 | यहूदा और इस्राएल के बीच युद्ध |
SA2 2:16 | असाहेल की मृत्यु |
SA2 2:23 | अब्नेर और योआब |
SA2 3:1 | दाऊद के पुत्र |
SA2 3:5 | अब्नेर का दाऊद के पक्ष में आना |
SA2 3:21 | अब्नेर की हत्या |
SA2 3:30 | दाऊद का अब्नेर के लिए विलाप |
SA2 4:0 | ईशबोशेत की हत्या |
SA2 5:0 | दाऊद का राज्यभिषेक |
SA2 5:16 | पलिश्तियों पर विजय |
SA2 6:0 | पवित्र सन्दूक का यरूशलेम में पहुँचाया जाना |
SA2 7:0 | दाऊद के साथ परमेश्वर की वाचा |
SA2 7:17 | दाऊद की प्रार्थना |
SA2 8:0 | दाऊद की विजय |
SA2 8:14 | दाऊद के कर्मचारियों की नामावली |
SA2 9:0 | मपीबोशेत पर दाऊद की करुणा |
SA2 10:0 | अम्मोनियों और अरामियों की पराजय |
SA2 10:5 | अम्मोन और सीरिया पराजित |
SA2 11:0 | दाऊद के पाप में फंसने का वर्णन |
SA2 12:0 | नातान द्वारा दाऊद को सन्देश |
SA2 12:14 | दाऊद के पुत्र की मृत्यु |
SA2 12:23 | सुलैमान का जन्म |
SA2 12:25 | रब्बाह का पतन |
SA2 13:0 | अम्नोन का कुकर्म |
SA2 13:22 | अम्नोन की ह्त्या |
SA2 13:33 | अबशालोम का भागना |
SA2 14:0 | अबशालोम की यरूशलेम में वापसी |
SA2 14:24 | अबशालोम का राजा के सम्मुख जाना |
SA2 15:0 | अबशालोम का विद्रोह |
SA2 15:12 | दाऊद का यरूशलेम से भागना |
SA2 15:29 | दाऊद और हूशै |
SA2 16:0 | सीबा की चतुराई |
SA2 16:4 | शिमि का श्राप |
SA2 16:14 | यरूशलेम में अबशालोम का प्रवेश |
SA2 17:0 | अहीतोपेल की सलाह |
SA2 17:4 | हूशै की सलाह |
SA2 17:14 | हूशै की दाऊद को बच निकलने की चेतावनी |
SA2 18:0 | अबशालोम की पराजय और मृत्यु |
SA2 18:18 | अबशालोम की मृत्यु का दाऊद को समाचार |
SA2 19:0 | दाऊद का यरूशलेम को लौटना |
SA2 19:15 | शिमी को क्षमादान |
SA2 19:23 | मपीबोशेत पर दाऊद की कृपादृष्टि |
SA2 19:30 | बर्जिल्लै पर दाऊद की कृपादृष्टि |
SA2 20:0 | शेबा का विद्रोह |
SA2 20:15 | दाऊद का पलिश्तियों पर विजय पाना |
SA2 20:22 | दाऊद के अधिकारीगण |
SA2 21:0 | गिबोनियों का बदला लिया जाना |
SA2 21:14 | दाऊद का पलिश्तियों पर विजय पाना |
SA2 22:0 | दाऊद का एक भजन |
SA2 23:0 | दाऊद के जीवन के अन्तिम समय के वचन |
SA2 23:7 | दाऊद के वीरों की नामावली |
SA2 24:0 | दाऊद की प्रजा की जनगणना |
KI1 1:0 | अदोनिय्याह की राजद्रोह की गोष्ठी |
KI1 2:0 | दाऊद की मृत्यु और सुलैमान के राज्य का आरम्भ |
KI1 3:0 | बुद्धि के लिए सुलैमान की प्रार्थना |
KI1 4:0 | सुलैमान का राजप्रबन्ध और माहात्म्य |
KI1 5:0 | मन्दिर बनने की तैयारी |
KI1 6:0 | मन्दिर का निर्माण |
KI1 7:0 | सुलैमान के अन्य निर्माण |
KI1 8:0 | मन्दिर की प्रतिष्ठा |
KI1 9:0 | सुलैमान को यहोवा का दूसरा दर्शन |
KI1 10:0 | शेबा की रानी द्वारा सुलैमान की तारीफ़ |
KI1 11:0 | सुलैमान का हृदय परमेश्वर से फिर जाना |
KI1 12:0 | इस्राएल से राज्य का दो भाग हो जाना |
KI1 13:0 | परमेश्वर के दास का सन्देश |
KI1 14:0 | यारोबाम के घराने का न्याय |
KI1 15:0 | अबिय्याम का राज्य |
KI1 17:0 | एलिय्याह के काम का आरम्भ |
KI1 18:0 | यहोवा की विजय और बाल का पराजय |
KI1 19:0 | एलिय्याह का निराश होना |
KI1 20:0 | अहाब की अरामियों पर विजय |
KI1 21:0 | नाबोत की हत्या और परमेश्वर का क्रोध |
KI1 22:0 | अहाब की मृत्यु |
KI2 1:0 | अहज्याह की मृत्यु |
KI2 2:0 | एलिय्याह का स्वर्गारोहण |
KI2 3:0 | यहोराम के राज्य का आरम्भ |
KI2 4:0 | एलीशा के चार आश्चर्यकर्म |
KI2 5:0 | नामान कोढ़ी का शुद्ध किया जाना |
KI2 6:0 | एलीशा का एक और आश्चर्यकर्म |
KI2 8:0 | एलीशा के आश्चर्यकर्मों की कीर्ति |
KI2 9:0 | येहू का अभिषेक और राज्य |
KI2 10:0 | अहाब के सत्तर बेटों का मारा जाना |
KI2 11:0 | योहाश का राजा बनना |
KI2 12:0 | यहोआश का राज्य |
KI2 13:0 | यहोआहाज का राज्य |
KI2 14:0 | अमस्याह का राज्य |
KI2 15:0 | अजर्याह का राज्य |
KI2 16:0 | आहाज का राज्य |
KI2 17:0 | होशे का इस्राएल में शासन |
KI2 18:0 | हिजकिय्याह के राज्य का आरम्भ |
KI2 19:0 | यशायाह के द्वारा छुटकारे की भविष्यद्वाणी |
KI2 20:0 | हिजकिय्याह का मृत्यु से बचना |
KI2 21:0 | मनश्शे का राज्य |
KI2 22:0 | व्यवस्था की पुस्तक का मिलना |
KI2 23:0 | योशिय्याह का मूर्तिपूजा बन्द कराना |
KI2 24:0 | यहूदा पर शत्रुओं का आक्रमण |
KI2 25:0 | यहूदा का पतन और गुलामी |
CH1 1:0 | आदम से अब्राहम तक की वंशावली |
CH1 1:28 | इश्माएल की वंशावली |
CH1 1:31 | कतूरा के सन्तान |
CH1 1:33 | इसहाक की वंशावली |
CH1 1:37 | सेईर की वंशावली |
CH1 1:42 | एदोमियों के राजा |
CH1 2:2 | यहूदा से दाऊद तक की वंशावली |
CH1 2:17 | हेस्रोन के वंशज |
CH1 2:24 | यरहमेल के वंशज |
CH1 2:41 | कालेब के वंशज |
CH1 3:0 | दाऊद की वंशावली |
CH1 3:9 | सुलैमान के वंशज |
CH1 4:0 | यहूदा की वंशावली |
CH1 4:23 | शिमोन के वंशज |
CH1 5:0 | रूबेन के वंशज |
CH1 5:10 | गाद के वंशज |
CH1 5:22 | मनश्शे के वंशज (पूर्व में रहनेवाले) |
CH1 6:0 | लेवी की वंशावली |
CH1 6:30 | परमेश्वर के भवन के संगीतकार |
CH1 6:48 | हारून के पुत्र |
CH1 6:53 | लेवियों के ठहराएँ हुए निवास स्थान |
CH1 7:0 | इस्साकार की वंशावली |
CH1 7:5 | बिन्यामीन और नप्ताली की वंशावली |
CH1 7:13 | मनश्शे के वंशज (पश्चिम में बसे) |
CH1 7:19 | एप्रैम के वंशज |
CH1 7:29 | आशेर के वंशज |
CH1 8:0 | बिन्यामीन की वंशावली |
CH1 9:0 | यरूशलेम में रहनेवालों का प्रबन्ध |
CH1 9:9 | यरूशलेम के निवासी याजक |
CH1 9:16 | लेवी जो द्वारपाल थे |
CH1 9:27 | लेवियों की अन्य जिम्मेदारी |
CH1 9:34 | शाऊल राजा की वंशावली |
CH1 10:0 | शाऊल की मृत्यु |
CH1 11:0 | दाऊद को पूरे इस्राएल का राजा ठहराया गया |
CH1 11:9 | दाऊद के शूरवीर |
CH1 12:0 | सिकलग में दाऊद के बिन्यामिनी समर्थक |
CH1 13:0 | पवित्र सन्दूक का यरूशलेम में पहुँचाया जाना |
CH1 14:0 | दाऊद का यरूशलेम में स्थिर होना |
CH1 14:7 | पलिश्तियों की पराजय |
CH1 15:0 | पवित्र सन्दूक का यरूशलेम में वापसी |
CH1 16:0 | सन्दूक का तम्बू में रखा जाना |
CH1 16:6 | दाऊद के द्वारा धन्यवाद गीत |
CH1 17:0 | दाऊद के साथ परमेश्वर की वाचा |
CH1 17:15 | दाऊद द्वारा धन्यवाद की प्रार्थना |
CH1 18:0 | दाऊद के विजयों का वर्णन |
CH1 19:0 | अम्मोनियों पर विजय |
CH1 20:0 | रब्बाह पर विजय |
CH1 20:3 | पलिश्ती दानवों का विनाश |
CH1 21:0 | दाऊद के द्वारा इस्राएल की जनगणना |
CH1 22:1 | मन्दिर के बनाने की तैयारी |
CH1 23:0 | लेवियों को जिम्मेदारियां बाँटा जाना |
CH1 24:0 | याजकों की जिम्मेदारियां |
CH1 24:19 | अन्य लेवी |
CH1 25:0 | दाऊद के संगीतकार |
CH1 26:0 | मन्दिर के द्वारपाल |
CH1 26:19 | मन्दिर के भण्डारी और अन्य सेवाएं |
CH1 27:0 | देश का प्रबन्ध |
CH1 28:0 | दाऊद की अन्तिम सभा और निर्देशन |
CH1 29:0 | मन्दिर निर्माण हेतु भेंट |
CH1 29:9 | दाऊद द्वारा परमेश्वर का धन्यवाद |
CH1 29:20 | सुलैमान का राज्याभिषेक |
CH1 29:25 | दाऊद की मृत्यु |
CH2 1:0 | सुलैमान के राज्य का आरम्भ |
CH2 1:6 | बुद्धि के लिए सुलैमान की प्रार्थना |
CH2 1:12 | सुलैमान की सैन्य और आर्थिक शक्ति |
CH2 2:0 | मन्दिर बनाने की योजना |
CH2 2:16 | सुलैमान के कार्यबल |
CH2 3:0 | मन्दिर निर्माण |
CH2 3:7 | परमपवित्र स्थान |
CH2 3:14 | पीतल के खम्भे |
CH2 4:0 | मन्दिर के साज-सामान |
CH2 5:0 | पवित्र सन्दूक मन्दिर में लाया जाना |
CH2 5:10 | परमेश्वर की महिमा |
CH2 6:0 | मन्दिर के लिए सुलैमान का समर्पण |
CH2 6:11 | सुलैमान की प्रार्थना |
CH2 7:0 | मन्दिर में परमेश्वर की महिमा |
CH2 7:3 | बलियों का चढ़ाया जाना |
CH2 7:7 | समर्पण का पर्व |
CH2 7:10 | परमेश्वर का वादा और चेतावनी |
CH2 8:0 | सुलैमान की उपलब्धियाँ |
CH2 9:0 | शेबा की रानी का सुलैमान से मिलना |
CH2 9:12 | सुलैमान का धन और शक्ति |
CH2 9:28 | सुलैमान की मृत्यु |
CH2 10:0 | इस्राएल के राज्य का दो भाग हो जाना |
CH2 11:0 | रहबाम का राज्य |
CH2 11:4 | रहबाम का नगरों को दृढ़ करना |
CH2 11:12 | याजकों और लेवियों का यहूदा को आना |
CH2 11:17 | रहबाम का परिवार |
CH2 12:0 | मिस्री राजा शीशक का यहूदा पर आक्रमण |
CH2 12:12 | रहबाम का अन्तिम समय |
CH2 13:0 | अबिय्याह का राज्य |
CH2 14:0 | आसा का राज्य |
CH2 15:0 | आसा के सुधार |
CH2 16:0 | अराम के साथ आसाप की संधि |
CH2 16:6 | हनानी का सन्देश |
CH2 16:10 | आसा की मृत्यु |
CH2 17:0 | यहोशापात का राज्य |
CH2 17:6 | व्यवस्था की शिक्षा |
CH2 17:11 | यहोशापात की सैन्य शक्ति |
CH2 18:0 | अहाब के साथ यहोशापात की संधि |
CH2 18:11 | मीकायाह द्वारा हार का सन्देश |
CH2 18:27 | अहाब की मृत्यु |
CH2 19:0 | येहू की फटकार |
CH2 19:3 | यहोशापात के सुधार |
CH2 20:0 | शत्रुओं के साथ युद्ध |
CH2 20:4 | यहोशापात की प्रार्थना |
CH2 20:12 | परमेश्वर का उत्तर |
CH2 20:19 | विजय और लूट |
CH2 20:30 | यहोशापात के शासनकाल का सारांश |
CH2 21:0 | यहोराम का राज्य |
CH2 21:11 | यहोराम को एलिय्याह नबी का पत्र |
CH2 21:15 | यहोराम के अन्तिम दिन |
CH2 22:0 | यहूदा में अहज्याह का राज्य |
CH2 22:9 | अतल्याह द्वारा राज्य हथियाना |
CH2 23:0 | अतल्याह की पराजय |
CH2 23:15 | यहोयादा के सुधार |
CH2 24:0 | योआश का राज्य |
CH2 24:3 | मन्दिर की मरम्मत |
CH2 24:14 | यहोयादा की मृत्यु और योआश का परमेश्वर से फिरना |
CH2 24:22 | अरामियों का आक्रमण |
CH2 24:24 | योआश की हत्या |
CH2 25:0 | अमस्याह का राज्य |
CH2 25:4 | एदोम के खिलाफ अमस्याह का युद्ध |
CH2 25:16 | इस्राएल के खिलाफ अमस्याह का युद्ध |
CH2 25:24 | अमस्याह की मृत्यु |
CH2 26:0 | उज्जियाह का राज्य |
CH2 26:5 | उज्जियाह के कार्य |
CH2 26:15 | उज्जियाह का घमण्ड और उसका दण्ड |
CH2 27:0 | योताम का राज्य |
CH2 28:0 | आहाज का राज्य |
CH2 28:4 | यहूदा पर आक्रमण |
CH2 28:7 | नबी ओदेद |
CH2 28:15 | आहाज का अश्शूर से सहायता माँगना |
CH2 28:21 | आहाज के पाप और उसकी मृत्यु |
CH2 29:0 | हिजकिय्याह का राज्य |
CH2 29:2 | मन्दिर का शुद्धिकरण |
CH2 29:19 | मन्दिर का पुनः अर्पण |
CH2 30:0 | हिजकिय्याह द्वारा फसह पर्व की तैयारी |
CH2 30:12 | फसह का मनाया जाना |
CH2 30:22 | फसह का दूसरी बार मनाया जाना |
CH2 31:0 | मूर्ति पूजा का हटाया जाना |
CH2 31:1 | लेवियों के लिये भेंट |
CH2 32:0 | सन्हेरीब के आक्रमण |
CH2 32:8 | सन्हेरीब के कर्मचारियों का सन्देश |
CH2 32:19 | सन्हेरीब से छुटकारा |
CH2 32:23 | हिजकिय्याह का रोग और घमण्ड |
CH2 32:26 | हिजकिय्याह का धन और उसके काम |
CH2 32:31 | हिजकिय्याह की मृत्यु |
CH2 33:0 | मनश्शे का राज्य |
CH2 33:9 | मनश्शे का पश्चाताप |
CH2 33:17 | मनश्शे की मृत्यु |
CH2 33:20 | आमोन का राज्य |
CH2 34:0 | योशिय्याह का राज्य |
CH2 34:2 | योशिय्याह के सुधार |
CH2 34:7 | योशिय्याह द्वारा मन्दिर की मरम्मत |
CH2 34:13 | व्यवस्था की पुस्तक का मिलना |
CH2 34:21 | हुल्दा की भविष्यद्वाणी |
CH2 34:28 | योशिय्याह द्वारा आज्ञापालन की शपथ लेना |
CH2 35:0 | योशिय्याह का किया हुआ फसह |
CH2 35:19 | योशिय्याह की मृत्यु और उसके राज्य का अन्त |
CH2 36:0 | यहोआहाज का राज्य |
CH2 36:4 | यहोयाकीम का राज्य |
CH2 36:8 | यहोयाकीन का राज्य |
CH2 36:10 | सिदकिय्याह का राज्य |
CH2 36:13 | यरूशलेम का पतन |
CH2 36:21 | राजा कुस्रू के शासन-काल में यहूदियों की वापसी |
EZR 1:0 | बन्धुए यहूदियों का यरूशलेम को लौट जाना |
EZR 2:0 | लौटे हुए यहूदियों का वर्णन |
EZR 3:0 | वेदी का बनाया जाना |
EZR 4:0 | शत्रुओं द्वारा मन्दिर के निर्माण में बाधा |
EZR 5:0 | मन्दिर के पुनः निर्माण का कार्य जारी |
EZR 6:0 | दारा राजा का आदेश |
EZR 7:0 | एज्रा का यरूशलेम को भेजा जाना |
EZR 8:0 | एज्रा का सहयोगियों समेत यरूशलेम को पहुँचना |
EZR 9:0 | यहूदा के पाप के कारण एज्रा की प्रार्थना |
EZR 10:0 | यहूदियों का अन्यजाति स्त्रियों को दूर करना |
NEH 1:0 | नहेम्याह का राजा से आज्ञा पाकर यरूशलेम को जाना |
NEH 2:0 | नहेम्याह का यरूशलेम प्रस्थान |
NEH 3:0 | यरूशलेम की शहरपनाह का फिर बनाया जाना |
NEH 4:0 | यहूदियों के शत्रुओं का विरोध करना |
NEH 5:0 | यहूदियों में अंधेर पाया जाना |
NEH 6:0 | नहेम्याह के विरुद्ध षड्यंत्र |
NEH 7:0 | यरूशलेम का बनाया जाना |
NEH 8:0 | यहूदियों को व्यवस्था का सुनाया जाना |
NEH 9:0 | पाप का अंगीकार |
NEH 10:0 | व्यवस्था के अनुसार वाचा का बाँधा जाना |
NEH 11:0 | यहूदी कहाँ-कहाँ बस गए |
NEH 12:0 | याजकों और लेवियों का सूची |
NEH 13:0 | कुरीतियों का सुधारा जाना |
EST 1:0 | वशती का पटरानी के पद से उतारा जाना |
EST 2:0 | एस्तेर का पटरानी बनाया जाना |
EST 3:0 | हामान का यहूदियों के विरुद्ध षड्यंत्र |
EST 4:0 | एस्तेर के द्वारा यहूदियों की मदद |
EST 5:0 | एस्तेर की दावत |
EST 6:0 | राजा के द्वारा मोर्दकै का सम्मान |
EST 7:0 | हामान को मोर्दकै की जगह फांसी |
EST 8:0 | एस्तेर के द्वारा यहूदियों का विजय |
EST 9:0 | पूरीम नाम पर्व का ठहराया जाना |
EST 10:0 | मोर्दकै का माहात्म्य |
JOB 1:0 | अय्यूब का भारी परीक्षा में पड़ना |
JOB 1:12 | अय्यूब के बच्चों और सम्पत्ति का नाश |
JOB 2:0 | शैतान का अय्यूब के स्वास्थ्य पर आक्रमण |
JOB 3:0 | अय्यूब का अपने जन्मदिन को धिक्कारना |
JOB 4:0 | एलीपज का वचन |
JOB 6:0 | अय्यूब का उत्तर |
JOB 7:0 | अय्यूब का दुःख और बेचैनी |
JOB 8:0 | बिल्दद का तर्क |
JOB 9:0 | अय्यूब का बिल्दद को उत्तर |
JOB 10:0 | अय्यूब का परमेश्वर से विनती |
JOB 11:0 | सोपर का तर्क |
JOB 12:0 | अय्यूब का सोपर को उत्तर देना |
JOB 15:0 | एलीपज का आरोप |
JOB 16:0 | अय्यूब का उत्तर |
JOB 17:0 | अय्यूब की प्रार्थना |
JOB 18:0 | शूही बिल्दद का वचन |
JOB 19:0 | अय्यूब का उत्तर |
JOB 20:0 | सोपर का तर्क |
JOB 21:0 | अय्यूब का उत्तर |
JOB 22:0 | एलीपज का आरोप |
JOB 23:0 | अय्यूब का उत्तर |
JOB 24:0 | अय्यूब की शिकायत |
JOB 25:0 | शूही बिल्दद का वचन |
JOB 26:0 | अय्यूब का उत्तर |
JOB 29:0 | अय्यूब के अंतिम वचन |
JOB 32:0 | एलीहू का तर्क |
JOB 34:0 | एलीहू का वचन |
JOB 35:0 | एलीहू की वाणी |
JOB 38:0 | यहोवा का अय्यूब को उत्तर |
JOB 40:2 | अय्यूब का परमेश्वर को उत्तर |
JOB 42:0 | अय्यूब का पश्चाताप और पुनर्स्थापना |
JOB 42:6 | अय्यूब का घोर परीक्षा से छूटना |
PSA 1:0 | परमेश्वर की व्यवस्था में सच्चा सुख |
PSA 2:0 | पुत्र का राज्याभिषेक |
PSA 3:0 | संकट के समय आत्मविश्वास |
PSA 4:0 | परमेश्वर पर भरोसा |
PSA 5:0 | मार्गदर्शन की प्रार्थना |
PSA 6:0 | दया के लिये प्रार्थना |
PSA 7:0 | न्याय के लिये प्रार्थना |
PSA 8:0 | परमेश्वर की महिमा और मनुष्य का गौरव |
PSA 9:0 | विजय के लिये धन्यवाद |
PSA 10:0 | न्याय के लिये प्रार्थना |
PSA 11:0 | परमेश्वर पर भरोसा |
PSA 12:0 | दुष्ट द्वारा उत्पीड़न और परमेश्वर द्वारा स्थिर |
PSA 13:0 | उद्धार के लिये प्रार्थना |
PSA 14:0 | पापियों का एक चित्र |
PSA 15:0 | धर्मी का विवरण |
PSA 16:0 | परमेश्वर मेरा भाग |
PSA 17:0 | संरक्षण के लिये प्रार्थना |
PSA 18:0 | दाऊद का मुक्तिगान |
PSA 19:0 | सृष्टि द्वारा सृष्टिकर्ता की महिमा का वर्णन |
PSA 20:0 | विजय के लिये प्रार्थना |
PSA 21:0 | प्रभु के उद्धार में आनन्द |
PSA 22:0 | मनोव्यथा की पुकार और स्तुतिगान |
PSA 23:0 | परमेश्वर अपने लोगों का चरवाहा |
PSA 24:0 | महिमामय राजा और उसका राज्य |
PSA 25:0 | प्रभु पर निर्भरता |
PSA 26:0 | एक खरे व्यक्ति की प्रार्थना |
PSA 27:0 | विश्वास की घोषणा |
PSA 28:0 | विनती और धन्यवाद |
PSA 29:0 | परमेश्वर की आवाज़ |
PSA 30:0 | धन्यवाद की प्रार्थना |
PSA 31:0 | परमेश्वर में भरोसे की प्रार्थना |
PSA 32:0 | क्षमा प्राप्ति की आशीष |
PSA 33:0 | परमेश्वर की स्तुति का गीत |
PSA 34:0 | परमेश्वर धर्मी का उद्धारकर्ता |
PSA 35:0 | विजय के लिये प्रार्थना |
PSA 36:0 | परमेश्वर का प्रेम और मनुष्य की दुष्टता |
PSA 37:0 | धर्मी की विरासत और दुष्टों का अन्त |
PSA 38:0 | पीड़ित मनुष्य की प्रार्थना |
PSA 39:0 | बुद्धि और क्षमा के लिये प्रार्थना |
PSA 40:0 | स्तुति का एक गीत |
PSA 41:0 | धर्मीजन की पीड़ा और आशीर्वाद |
PSA 42:0 | परमेश्वर के लिये लालसा |
PSA 43:0 | संकट के समय प्रार्थना |
PSA 44:0 | इस्राएल की शिकायत |
PSA 45:0 | विवाह गीत |
PSA 46:0 | परमेश्वर हमारा शरणस्थान |
PSA 47:0 | परमेश्वर हमारा राजा |
PSA 48:0 | सिय्योन में परमेश्वर की महिमा |
PSA 49:0 | धन पर भरोसा रखने की मूर्खता |
PSA 50:0 | परमेश्वर धर्मी न्यायधीश |
PSA 51:0 | पाप क्षमा के लिये प्रार्थना |
PSA 52:0 | दुष्ट का अन्त और धर्मी की शान्ति |
PSA 53:0 | मनुष्य की मूर्खता और दुष्टता |
PSA 54:0 | उद्धार के लिये प्रार्थना |
PSA 55:0 | विश्वासघाती के विनाश के लिये प्रार्थना |
PSA 56:0 | उत्पीड़कों से राहत के लिये प्रार्थना |
PSA 57:0 | शत्रुओं से सुरक्षा के लिये प्रार्थना |
PSA 58:0 | अन्याय के खिलाफ प्रार्थना |
PSA 59:0 | सुरक्षा के लिये प्रार्थना |
PSA 60:0 | छुटकारे के लिये प्रार्थना |
PSA 61:0 | रक्षा के लिये प्रार्थना |
PSA 62:0 | परमेश्वर के उद्धार के लिये प्रतिक्षा |
PSA 63:0 | प्यासा मन परमेश्वर में तृप्त |
PSA 64:0 | अनर्थकारियों से संरक्षण |
PSA 65:0 | परमेश्वर की स्तुति और धन्यवाद |
PSA 66:0 | पराक्रम के कामों के लिये परमेश्वर की स्तुति |
PSA 67:0 | धन्यवाद का भजन |
PSA 68:0 | इस्राएल का विजयगान |
PSA 69:0 | संकट में सहायता के लिये पुकार |
PSA 70:0 | सहायता के लिये प्रार्थना |
PSA 71:0 | एक वृद्ध की प्रार्थना |
PSA 72:0 | धर्मी राजा के शासनकाल की महिमा |
PSA 73:0 | परमेश्वर का न्याय |
PSA 74:0 | उत्पीड़कों से राहत के लिए प्रार्थना |
PSA 75:0 | न्याय के लिए परमेश्वर का धन्यवाद |
PSA 76:0 | जयवन्त परमेश्वर |
PSA 77:0 | संकट के समय में सांत्वना |
PSA 78:0 | परमेश्वर और उसके लोग |
PSA 79:0 | इस्राएल के छुटकारे के लिए प्रार्थना |
PSA 80:0 | इस्राएली जाति के लिये प्रार्थना |
PSA 81:0 | आज्ञाकारिता के लिये बुलाहट |
PSA 82:0 | सच्चे न्याय के लिए विनती |
PSA 83:0 | शत्रुओं के विरुद्ध प्रार्थना गीत |
PSA 84:0 | परमेश्वर के भवन की चाहत |
PSA 85:0 | राष्ट्र के कल्याण के लिए प्रार्थना |
PSA 86:0 | विलाप और प्रार्थना |
PSA 87:0 | परमेश्वर का नगर सिय्योन की स्तुति में |
PSA 88:0 | हताशा में मदद के लिए प्रार्थना गीत; |
PSA 89:0 | राष्ट्रीय विपत्ति के समय स्तुतिगान |
PSA 90:0 | अनन्त परमेश्वर और नश्वर मनुष्य |
PSA 91:0 | परमेश्वर हमारा रक्षक |
PSA 92:0 | स्तुति का गीत |
PSA 93:0 | परमेश्वर के राज्य की महिमा |
PSA 94:0 | परमेश्वर धर्मी का शरणस्थान |
PSA 95:0 | स्तुतिगान |
PSA 96:0 | परमेश्वर सर्वोच्च राजा |
PSA 97:0 | परमेश्वर सर्वोच्च शासक |
PSA 98:0 | उद्धार और न्याय के लिये स्तुतिगान |
PSA 99:0 | पवित्रता के लिये स्तुतिगान |
PSA 100:0 | परमेश्वर की स्तुति का गीत |
PSA 101:0 | विश्वासयोग्य जीवन बिताने का संकल्प |
PSA 102:0 | संकट में पड़े युवक की प्रार्थना |
PSA 103:0 | परमेश्वर की दया के लिये स्तुतिगान |
PSA 104:0 | सृष्टिकर्ता की स्तुति |
PSA 105:0 | परमेश्वर और उसके लोग |
PSA 106:0 | परमेश्वर के लिये इस्राएल का अविश्वास |
PSA 107:0 | परमेश्वर के उद्धार के लिए धन्यवाद |
PSA 108:0 | शत्रुओं पर विजय का आश्वासन गीत |
PSA 109:0 | झूठे अभियोक्ता के विरुद्ध याचिका |
PSA 110:0 | मसीह के शासनकाल की घोषणा |
PSA 111:0 | परमेश्वर की सच्चाई और न्याय के लिये स्तुतिगान |
PSA 112:0 | धर्मी व्यक्ति के लक्षण |
PSA 113:0 | स्तुति के योग्य नाम |
PSA 114:0 | फसह का गीत |
PSA 115:0 | मूर्तियों की निरर्थकता और परमेश्वर की विश्वसनीयता |
PSA 116:0 | मृत्यु से बचने पर परमेश्वर का धन्यवाद |
PSA 117:0 | स्तुति का भजन |
PSA 118:0 | विजय के लिये धन्यवाद |
PSA 119:0 | परमेश्वर की व्यवस्था की श्रेष्ठता पर ध्यान |
PSA 119:8 | व्यवस्था को मानना |
PSA 119:16 | व्यवस्था में आनन्द |
PSA 119:24 | व्यवस्था को मानने का संकल्प |
PSA 119:32 | समझ के लिये प्रार्थना |
PSA 119:40 | परमेश्वर की व्यवस्था पर भरोसा |
PSA 119:48 | परमेश्वर की व्यवस्था में आशा |
PSA 119:56 | व्यवस्था के प्रति भक्ति |
PSA 119:64 | व्यवस्था का महत्व |
PSA 119:72 | व्यवस्था का न्याय |
PSA 119:80 | छुटकारे के लिये प्रार्थना |
PSA 119:88 | व्यवस्था में विश्वास |
PSA 119:96 | व्यवस्था के प्रति प्रेम |
PSA 119:104 | व्यवस्था का प्रकाश |
PSA 119:112 | व्यवस्था में सुरक्षा |
PSA 119:120 | परमेश्वर की व्यवस्था को मानना |
PSA 119:128 | व्यवस्था पर चलने की इच्छा |
PSA 119:136 | व्यवस्था का न्याय |
PSA 119:144 | छुटकारे के लिये प्रार्थना |
PSA 119:152 | सहायता के लिये विनती |
PSA 119:160 | व्यवस्था के प्रति समर्पण |
PSA 119:168 | परमेश्वर से सहायता पाने की लालसा |
PSA 120:0 | परमेश्वर से मदद के लिए प्रार्थना |
PSA 121:0 | परमेश्वर हमारा रक्षक |
PSA 122:0 | यरूशलेम की शान्ति के लिये प्रार्थना |
PSA 123:0 | परमेश्वर की दया के लिये प्रार्थना |
PSA 124:0 | परमेश्वर अपने लोगों का रक्षक |
PSA 125:0 | परमेश्वर अपने लोगों का बल |
PSA 126:0 | सिय्योन की हर्षित वापसी |
PSA 127:0 | परमेश्वर का आशीर्वाद |
PSA 128:0 | परमेश्वर का भय मानने की आशीष |
PSA 129:0 | सिय्योन के शत्रुओं पर विजय का गीत |
PSA 130:0 | करुणामय परमेश्वर |
PSA 131:0 | परमेश्वर में शिशुवत् भरोसा |
PSA 132:0 | मन्दिर के लिये प्रार्थना |
PSA 133:0 | परमेश्वर के लोगों की एकता |
PSA 134:0 | स्तुति करने का आह्वान |
PSA 135:0 | यहोवा महान है |
PSA 136:0 | परमेश्वर की करुणा सदा की है |
PSA 137:0 | बन्धुवाई में इस्राएल का विलापगीत |
PSA 138:0 | परमेश्वर की कृपा के लिए धन्यवाद |
PSA 139:0 | परमेश्वर का सिद्ध ज्ञान |
PSA 140:0 | बचाव के लिए प्रार्थना |
PSA 141:0 | पाप और पापियों से संरक्षण |
PSA 142:0 | अत्याचारी से राहत के लिए याचिका |
PSA 143:0 | मार्गदर्शन और उद्धार के लिए प्रार्थना |
PSA 144:0 | बचाव और समृद्धि के लिए प्रार्थना |
PSA 145:0 | परमेश्वर की महिमा और प्रेम का गीत |
PSA 146:0 | उद्धारकर्ता परमेश्वर की स्तुति |
PSA 147:0 | सर्वशक्तिमान परमेश्वर की स्तुति |
PSA 148:0 | समस्त सृष्टि परमेश्वर की स्तुति करे |
PSA 149:0 | इस्राएल परमेश्वर की स्तुति करे |
PSA 150:0 | प्रशंसा का एक भजन |
PRO 1:0 | बुद्धि का प्रारंभ |
PRO 1:7 | दुष्ट सलाह से बचना |
PRO 1:19 | ज्ञान की पुकार |
PRO 2:0 | ज्ञान का मूल्य |
PRO 3:0 | युवाओं के लिए मार्गदर्शन |
PRO 4:0 | बुद्धि के लाभ |
PRO 5:0 | व्यभिचार की आपदा |
PRO 6:0 | अन्य चेतावनियाँ |
PRO 6:5 | आलसी की मूर्खता |
PRO 6:11 | दुष्ट मनुष्य |
PRO 6:19 | व्यभिचार से सावधान |
PRO 7:5 | चालबाज वेश्या |
PRO 8:0 | ज्ञान की श्रेष्ठता |
PRO 9:0 | ज्ञान का मार्ग |
PRO 9:12 | मूर्खता का मार्ग |
PRO 10:0 | सुलैमान की ज्ञान की बातें |
PRO 22:16 | बुद्धिमान की बातें |
PRO 24:22 | बुद्धिमान की और भी बातें |
PRO 25:0 | सुलैमान की और भी ज्ञान की बातें |
PRO 30:0 | आगूर के वचन |
PRO 31:0 | राजा को सलाह |
PRO 31:9 | सदाचारी पत्नी |
ECC 1:0 | जीवन की व्यर्थता |
ECC 2:0 | सुख की व्यर्थता |
ECC 3:0 | हर बात का अपना समय |
ECC 5:0 | परमेश्वर का भय मानना और प्रतिज्ञा को पूरी करना |
ECC 7:0 | प्रायोगिक ज्ञान का मूल्य |
ECC 11:0 | परिश्रम का मूल्य |
SNG 1:1 | पहला गीत |
SNG 1:7 | प्रियतमा की याचना |
SNG 2:7 | दूसरा गीत |
SNG 3:0 | बेचैनी वाली रात |
SNG 3:5 | तीसरा गीत |
SNG 5:1 | चौथा गीत |
SNG 6:3 | पाँचवाँ गीत |
SNG 7:0 | तारीफ का वर्णन |
SNG 8:4 | छठा गीत |
ISA 1:1 | यहूदा का बलवा |
ISA 1:20 | विश्वासघाती यरूशलेम |
ISA 2:0 | शान्ति का शहर |
ISA 2:4 | अहंकार नष्ट किया जाएगा |
ISA 3:0 | यहूदा और यरूशलेम पर न्याय |
ISA 3:12 | अन्याय की निन्दा |
ISA 3:15 | सिय्योन की अभिमानी स्त्री |
ISA 4:0 | सिय्योन का नवीकरण |
ISA 5:0 | निकम्मी दाख की बारी |
ISA 5:7 | यहूदा के पापों की निन्दा |
ISA 6:0 | यशायाह की बुलाहट |
ISA 7:0 | राजा आहाज के लिए सन्देश |
ISA 7:9 | इम्मानुएल का चिन्ह |
ISA 8:0 | यशायाह का पुत्र : लोगों के लिये चिह्न |
ISA 8:4 | अश्शूर के राजा का आगमन |
ISA 8:10 | परमेश्वर की चेतावनी |
ISA 8:15 | मुर्दों से पूछने के विरुद्ध चेतावनी |
ISA 8:20 | संकट का समय |
ISA 9:0 | शान्ति के राजकुमार का जन्म |
ISA 9:7 | इस्राएल के प्रति परमेश्वर का क्रोध |
ISA 10:4 | अश्शूर- क्रोध का साधन |
ISA 10:11 | अश्शूर पर न्याय |
ISA 10:19 | शेष इस्राएलियों की वापसी |
ISA 10:23 | परमेश्वर अश्शूर को दण्ड देगा |
ISA 10:27 | अश्शूरी सेना का आक्रमण |
ISA 11:0 | यिशै के वंश का शासनकाल |
ISA 11:9 | इस्राएलियों का पुनः इकट्ठा होना |
ISA 12:0 | धन्यवाद का गीत |
ISA 13:0 | बाबेल के विरुद्ध घोषणा |
ISA 14:0 | याकूब पर दया |
ISA 14:2 | बाबेल के राजा का पतन |
ISA 14:11 | भोर के चमकनेवाले तारे का पतन |
ISA 14:21 | बाबेल का पतन |
ISA 14:23 | अश्शूरियों का पतन |
ISA 14:27 | पलिश्तीन का पतन |
ISA 15:0 | मोआब का पतन |
ISA 16:0 | मोआब की निराशाजनक स्थिति |
ISA 17:0 | दमिश्क और इस्राएल के विरुद्ध घोषणा |
ISA 17:11 | शत्रु राष्ट्रों की पराजय |
ISA 18:0 | कूश के विरुद्ध घोषणा |
ISA 19:0 | मिस्र के विरुद्ध घोषणा |
ISA 19:15 | मिस्र परमेश्वर की उपासना करेगा |
ISA 20:0 | नग्न भविष्यद्वक्ता का चिन्ह |
ISA 21:0 | बाबेल के पतन का दर्शन |
ISA 21:10 | एदोम के विरुद्ध घोषणा |
ISA 21:12 | अरब के विरुद्ध घोषणा |
ISA 22:0 | यरूशलेम के विरुद्ध घोषणा |
ISA 22:14 | शेबना को चेतावनी |
ISA 23:0 | सोर के विरुद्ध घोषणा |
ISA 24:0 | सारी पृथ्वी पर प्रलय |
ISA 25:0 | परमेश्वर की स्तुति करो |
ISA 25:5 | परमेश्वर द्वारा तैयार भोज |
ISA 25:9 | परमेश्वर मोआब को दण्ड देगा |
ISA 26:0 | उद्धार का एक गीत |
ISA 26:19 | न्याय और छुटकारा |
ISA 27:0 | इस्राएल का उद्धार |
ISA 28:0 | एप्रैम और यरूशलेम पर हाय |
ISA 28:13 | सिय्योन में आधारशिला |
ISA 28:22 | परमेश्वर का ज्ञान |
ISA 29:0 | यरूशलेम पर हाय |
ISA 29:8 | चेतावनियों को अनदेखा करना |
ISA 29:14 | भविष्य की आशा |
ISA 30:0 | मिस्र पर व्यर्थ आत्मविश्वास |
ISA 30:7 | आज्ञा न माननेवाले लोग |
ISA 30:17 | परमेश्वर का अपने लोगों पर अनुग्रह |
ISA 30:26 | परमेश्वर अश्शूर को दण्ड देगा |
ISA 31:0 | मिस्र पर भरोसा करने के लिए हाय |
ISA 32:0 | धार्मिकता का राज्य |
ISA 32:8 | यरूशलेम की स्त्रियाँ |
ISA 33:0 | गहरे संकट में प्रार्थना |
ISA 33:9 | सिय्योन पर न्याय |
ISA 33:16 | उज्जवल भविष्य |
ISA 34:0 | राष्ट्रों के विरुद्ध परमेश्वर का प्रकोप |
ISA 35:0 | परमेश्वर की महिमा दिखेगी |
ISA 35:2 | परमेश्वर द्वारा बदलाव और प्रतिफल |
ISA 35:7 | परमेश्वर के पवित्र राजमार्ग |
ISA 36:0 | अश्शूर का यहूदा पर आक्रमण |
ISA 37:0 | हिजकिय्याह का यशायाह से सलाह माँगना |
ISA 37:7 | सन्हेरीब का पत्र |
ISA 37:13 | हिजकिय्याह की प्रार्थना |
ISA 37:20 | सन्हेरीब के विषय में परमेश्वर का वचन |
ISA 37:35 | सन्हेरीब की हार और मृत्यु |
ISA 38:0 | हिजकिय्याह की बीमारी और चंगाई |
ISA 39:0 | हिजकिय्याह की मूर्खता |
ISA 40:0 | परमेश्वर के लोगों को शान्ति |
ISA 40:11 | इस्राएल का अतुलनीय परमेश्वर |
ISA 41:0 | इस्राएल को परमेश्वर का आश्वासन |
ISA 41:20 | मूर्तियों की निरर्थकता |
ISA 42:0 | प्रभु का दास |
ISA 42:9 | स्तुति का एक गीत |
ISA 42:17 | इस्राएल का अंधापन और बहरापन |
ISA 43:0 | परमेश्वर हमेशा अपने लोगों के साथ |
ISA 43:7 | इस्राएल परमेश्वर का गवाह |
ISA 43:13 | बाबेल से बच जाना |
ISA 43:21 | इस्राएल का पाप |
ISA 44:0 | आत्मिक आशीष |
ISA 44:5 | प्रभु यहोवा ही एकमात्र परमेश्वर |
ISA 44:8 | मूर्तिपूजा मूर्खता है |
ISA 44:20 | परमेश्वर इस्राएल को नहीं भुला |
ISA 45:0 | कुस्रू जो परमेश्वर का अभिषिक्त है |
ISA 45:8 | कुम्हार और मिट्टी |
ISA 45:13 | केवल परमेश्वर उद्धारकर्ता |
ISA 46:0 | मृत मूर्तियाँ और जीवित परमेश्वर |
ISA 47:0 | बाबेल का पतन |
ISA 48:0 | परमेश्वर भविष्य का भी स्वामी |
ISA 48:11 | इस्राएल को छुड़ाने की परमेश्वर की पूर्व योजना |
ISA 48:16 | परमेश्वर की योजना |
ISA 49:0 | दास, अन्यजातियों के लिए प्रकाश |
ISA 49:7 | यरूशलेम का पुनः निर्माण |
ISA 50:0 | इस्राएल का पाप |
ISA 50:3 | आज्ञाकारी दास |
ISA 51:0 | सिय्योन के लिये शान्तिदायक वचन |
ISA 51:16 | परमेश्वर के रोष का अन्त |
ISA 52:0 | इस्राएल का उद्धार होगा |
ISA 52:12 | कष्ट सहता परमेश्वर का सेवक |
ISA 54:0 | सदा की शान्ति की वाचा |
ISA 54:10 | भावी यरूशलेम नगरी |
ISA 55:0 | बहुतायत के जीवन के लिए एक निमंत्रण |
ISA 56:0 | अन्यजातियों के लिए उद्धार |
ISA 56:8 | इस्राएल के गैर जिम्मेदार अगुवे |
ISA 57:0 | इस्राएल की मूर्तिपूजा की भत्सर्ना |
ISA 57:13 | चंगाई और शान्ति |
ISA 58:0 | उचित और अनुचित उपवास |
ISA 58:12 | विश्रामदिन का पालन करना |
ISA 59:0 | परमेश्वर से अलगाव |
ISA 59:8 | इस्राएल के पापों के कारण विपत्ति का आना |
ISA 59:15 | सिय्योन का उद्धारकर्ता |
ISA 60:0 | सिय्योन में परमेश्वर की महिमा |
ISA 61:0 | उद्धार का शुभ सन्देश |
ISA 62:0 | सिय्योन के उद्धार का आश्वासन |
ISA 63:0 | परमेश्वर का न्याय और उद्धार |
ISA 63:6 | अनुग्रह का स्मरण |
ISA 63:14 | इस्राएल की प्रार्थना |
ISA 65:0 | सभी लोग परमेश्वर के बारे में जानेंगे |
ISA 65:16 | एक नई सृष्टि |
ISA 66:0 | परमेश्वर द्वारा जाति-जाति का न्याय |
ISA 66:5 | दण्ड और नई जाति |
ISA 66:21 | नया आकाश और नई पृथ्वी |
JER 1:0 | परिचय |
JER 1:3 | यिर्मयाह की बुलाहट |
JER 1:9 | दो दर्शन |
JER 1:10 | बादाम की टहनी और उबलता हण्डा |
JER 2:0 | यहूदा का स्वधर्म त्याग |
JER 2:8 | अपने लोगों के विरुद्ध परमेश्वर का मुकदमा |
JER 2:13 | स्वधर्म त्याग का परिणाम |
JER 2:19 | परमेश्वर की आराधना करने से इस्राएल का इन्कार |
JER 2:28 | दण्ड के हकदार |
JER 3:0 | स्वधर्म त्याग की मजदूरी |
JER 3:5 | इस्राएल और यहूदा को पश्चाताप करना होगा |
JER 3:18 | परमेश्वर के लोगों द्वारा मूर्तिपूजा |
JER 4:0 | वरदान या अभिशाप |
JER 4:4 | उत्तर दिशा से विपत्ति और सत्यानाश |
JER 4:12 | यहूदा का शत्रुओं से घिर जाना |
JER 4:18 | यिर्मयाह का विलाप |
JER 4:22 | विनाश का दर्शन मिलना |
JER 5:0 | यरूशलेम की भ्रष्टता |
JER 5:9 | परमेश्वर के लिए अवमानना |
JER 5:13 | न्याय की घोषणा |
JER 5:19 | अपने लोगों को परमेश्वर की चेतावनी |
JER 6:0 | शत्रुओं द्वारा यरूशलेम का घेराव |
JER 6:8 | विद्रोही इस्राएल |
JER 6:15 | अवज्ञा से विपत्ति |
JER 6:21 | उत्तर दिशा से आक्रमण |
JER 6:26 | यिर्मयाह एक परीक्षक के रूप में नियुक्त |
JER 7:0 | मन्दिर में यिर्मयाह का प्रचार |
JER 7:11 | शीलो एक चेतावनी के रूप में |
JER 7:15 | प्रजा द्वारा आज्ञा का उल्लंघन |
JER 7:20 | बलिदान और आज्ञाकारिता |
JER 7:26 | अवज्ञाकारी यहूदा के लिए विलाप |
JER 8:0 | जीवन से अधिक मृत्यु |
JER 8:3 | पाप और दण्ड |
JER 8:17 | यहूदा पर विलाप |
JER 9:16 | यरूशलेम के लिये विलाप |
JER 9:22 | परमेश्वर में घमण्ड |
JER 10:0 | परमेश्वर और मूर्तिपूजा |
JER 10:11 | स्तुति का गीत |
JER 10:16 | आनेवाली दासता |
JER 11:0 | वाचा का स्मरण |
JER 11:17 | यिर्मयाह के विरुद्ध षड्यंत्र |
JER 12:0 | परमेश्वर से यिर्मयाह के प्रश्न |
JER 12:4 | परमेश्वर का उत्तर |
JER 12:13 | शत्रु राष्ट्रों को दण्ड |
JER 13:0 | कमरबन्द का उदाहरण |
JER 13:11 | दाखमधु से भरे कुप्पों का उदाहरण |
JER 13:14 | घमण्ड के विरुद्ध परमेश्वर की चेतावनी |
JER 14:0 | तलवार, अकाल, और मरी |
JER 14:10 | झूठे भविष्यद्वक्ताओं का दण्डित होना |
JER 14:16 | यिर्मयाह का अनुरोध |
JER 15:0 | यहूदा के लोगों का पूर्ण त्याग |
JER 15:9 | यिर्मयाह की शिकायत |
JER 15:14 | बदला लेने के लिए यिर्मयाह की प्रार्थना |
JER 15:18 | यिर्मयाह को पश्चाताप के लिए कहा जाना |
JER 16:0 | यरूशलेम के लिये परमेश्वर की इच्छा |
JER 16:9 | व्यवस्था और परमेश्वर का त्यागा जाना |
JER 16:13 | बँधुवाई से वापसी |
JER 16:15 | आनेवाला दण्ड |
JER 16:18 | यिर्मयाह की प्रार्थना |
JER 17:0 | यहूदा का पाप |
JER 17:4 | श्राप और आशीर्वाद |
JER 17:8 | धोखेबाज मन |
JER 17:13 | यिर्मयाह की याचिका |
JER 17:18 | सब्त का दिन पवित्र मानना |
JER 18:0 | कुम्हार और मिट्टी |
JER 18:11 | परमेश्वर की चेतावनी अस्वीकृत |
JER 18:17 | यिर्मयाह को सताया जाना |
JER 19:0 | टूटी सुराही का उदाहरण |
JER 20:0 | पशहूर द्वारा यिर्मयाह का सताया जाना |
JER 20:6 | यिर्मयाह की शिकायत |
JER 20:13 | यिर्मयाह की फिर से शिकायत |
JER 21:0 | सिदकिय्याह का अनुरोध अस्वीकार |
JER 21:10 | दाऊद के घराने के लिए सन्देश |
JER 22:0 | पापी राजा के विरुद्ध न्याय |
JER 22:9 | शल्लूम के विषय यिर्मयाह का सन्देश |
JER 22:12 | यहोयाकीम के विषय यिर्मयाह का सन्देश |
JER 22:23 | यहोयाकीम को परमेश्वर का दण्ड |
JER 23:0 | परमेश्वर और उनकी भेड़ |
JER 23:4 | दाऊद का सच्चा ‘अंकुर’ |
JER 23:8 | झूठे नबियों के विरुद्ध न्याय |
JER 23:32 | परमेश्वर का वचन |
JER 24:0 | अच्छे अंजीर और बुरे अंजीर |
JER 25:0 | सत्तर वर्ष का निर्वासन |
JER 25:14 | परमेश्वर के क्रोध का कटोरा |
JER 25:29 | पूरी दुनिया पर न्याय |
JER 26:0 | मन्दिर में यिर्मयाह का भाषण |
JER 26:6 | यिर्मयाह की हत्या की साजिश |
JER 26:11 | यिर्मयाह का बचाव |
JER 26:15 | यिर्मयाह का छोड़ा जाना |
JER 26:19 | भविष्यद्वक्ता ऊरिय्याह |
JER 27:0 | बाबेल का जूआ |
JER 27:11 | सिदकिय्याह के लिए चेतावनी |
JER 28:0 | हनन्याह की झूठी भविष्यद्वाणी |
JER 28:4 | हनन्याह को यिर्मयाह की प्रतिक्रिया |
JER 28:9 | हनन्याह द्वारा यिर्मयाह के जूए तोड़ना |
JER 28:11 | हनन्याह के विरुद्ध परमेश्वर का वचन |
JER 29:0 | बन्दियों को यिर्मयाह का पत्र |
JER 29:23 | शमायाह के विषय एक सन्देश |
JER 30:0 | बँधुवाई से छुटकारे की प्रतिज्ञा |
JER 30:11 | सिय्योन के घावों की चंगाई |
JER 31:0 | अपने लोगों के साथ परमेश्वर का संबंध |
JER 31:6 | इस्राएलियों की वापसी |
JER 31:14 | शोक का आनन्द में बदलना |
JER 31:20 | पश्चाताप और पुनःस्थापन |
JER 31:30 | नई वाचा |
JER 32:0 | यिर्मयाह द्वारा खेत खरीदा जाना |
JER 32:15 | समझ के लिए यिर्मयाह की प्रार्थना |
JER 32:25 | वापसी के लिये परमेश्वर का आश्वासन |
JER 33:0 | विपत्ति और पुनर्स्थापना |
JER 33:13 | दाऊद के साथ परमेश्वर की वाचा |
JER 34:0 | सिदकिय्याह को यिर्मयाह का वचन |
JER 34:7 | दासों से कपटपूर्ण व्यवहार |
JER 35:0 | यिर्मयाह और रकाब के वंशज |
JER 36:0 | मन्दिर में बारूक द्वारा पुस्तक का पढ़ा जाना |
JER 36:10 | राजभवन में पुस्तक का पढ़ा जाना |
JER 36:19 | पुस्तक का जलाया जाना |
JER 36:26 | यिर्मयाह द्वारा पुस्तक का पुनः लिखा जाना |
JER 37:0 | सिदकिय्याह का निवेदन |
JER 37:10 | यिर्मयाह की कैद और उसका छुटकारा |
JER 38:0 | तहखाने में यिर्मयाह का डाला जाना |
JER 38:13 | सिदकिय्याह का भय और यिर्मयाह की सलाह |
JER 39:0 | यरूशलेम का पतन |
JER 39:10 | यिर्मयाह का छोड़ा जाना |
JER 39:14 | एबेदमेलेक के लिये आशा |
JER 40:0 | यिर्मयाह का यहूदा में रहना |
JER 40:6 | गदल्याह का अधिकारी ठहराया जाना |
JER 40:12 | गदल्याह की हत्या |
JER 41:0 | गदल्याह के विरुद्ध विद्रोह |
JER 42:0 | यिर्मयाह से प्रार्थना करने का निवेदन |
JER 42:6 | यिर्मयाह की प्रार्थना का उत्तर |
JER 43:0 | यिर्मयाह की सलाह अस्वीकृत |
JER 43:7 | मिस्र में लोगों के लिए परमेश्वर का चिन्ह |
JER 44:0 | मिस्र में यहूदियों के विरुद्ध परमेश्वर का सन्देश |
JER 45:0 | बारूक के लिए परमेश्वर का सन्देश |
JER 46:0 | मिस्र के विरुद्ध भविष्यद्वाणी |
JER 46:12 | नबूकदनेस्सर का आगमन |
JER 46:26 | इस्राएल के लिए आश्वासन |
JER 47:0 | पलिश्तियों के विरुद्ध भविष्यद्वाणी |
JER 48:0 | मोआब के विरुद्ध भविष्यद्वाणी |
JER 49:0 | अम्मोन के विरुद्ध भविष्यद्वाणी |
JER 49:6 | एदोम के विरुद्ध भविष्यद्वाणी |
JER 49:22 | दमिश्क के विरुद्ध भविष्यद्वाणी |
JER 49:27 | केदार और हासोर के विरुद्ध भविष्यद्वाणी |
JER 49:33 | एलाम के विरुद्ध भविष्यद्वाणी |
JER 50:0 | बाबेल के विरुद्ध भविष्यद्वाणी |
JER 50:16 | इस्राएलियों की वापसी |
JER 50:20 | परमेश्वर द्वारा बाबेल का न्याय |
JER 50:27 | बाबेल का अपमान |
JER 50:32 | बाबेल की निर्जनता |
JER 51:0 | बाबेल को दण्ड |
JER 51:14 | परमेश्वर की स्तुति का भजन |
JER 51:19 | परमेश्वर का फरसा |
JER 51:23 | बाबेल का उजाड़ |
JER 51:35 | परमेश्वर इस्राएल की सहायता करेगा |
JER 51:40 | पतन के बाद बाबेल की दशा |
JER 51:49 | बन्दी यहूदियों को परमेश्वर का सन्देश |
JER 51:53 | बाबेल का विनाश |
JER 51:58 | यिर्मयाह के सन्देश को बाबेल भेजा जाना |
JER 52:0 | यरूशलेम के पतन की समीक्षा |
JER 52:11 | मन्दिर का विनाश |
JER 52:23 | इस्राएलियों का बाबेल की बन्धुवाई में जाना |
JER 52:30 | यहोयाकीन का बन्दीगृह से छुड़ाया जाना |
LAM 1:0 | उपद्रव में यरूशलेम |
LAM 2:0 | यरूशलेम के साथ परमेश्वर का क्रोध |
LAM 3:0 | भविष्यद्वक्ता की व्यथा और उसकी आशा |
LAM 4:0 | सिय्योन की अधोगति |
LAM 5:0 | पुनर्स्थापना की प्रार्थना |
EZE 1:0 | प्रस्तावना |
EZE 1:3 | परमेश्वर का रथ और उसका सिंहासन |
EZE 1:21 | दिव्य महिमा का दर्शन |
EZE 2:0 | यहेजकेल की बुलाहट |
EZE 3:15 | पहरुए के रूप में यहेजकेल की नियुक्ति |
EZE 3:21 | यहेजकेल बोलने में असमर्थ |
EZE 4:0 | यरूशलेम की घेराबन्दी की भविष्यद्वाणी |
EZE 4:8 | अशुद्ध रोटी |
EZE 5:0 | यहेजकेल का अपना बाल मूँड़वाना |
EZE 6:0 | इस्राएल के पहाड़ों के विरुद्ध भविष्यद्वाणी |
EZE 7:0 | अन्त का आना |
EZE 7:14 | इस्राएल की निर्जनता |
EZE 8:0 | मन्दिर में घृणित काम |
EZE 9:0 | यरूशलेम को दण्ड |
EZE 10:0 | परमेश्वर की महिमा का मन्दिर से निकल जाना |
EZE 11:0 | दुष्ट शासकों का न्याय किया जाना |
EZE 11:13 | बँधुआई में गए लोगों से परमेश्वर की प्रतिज्ञा |
EZE 11:21 | परमेश्वर की महिमा का प्रस्थान |
EZE 12:0 | यहूदा की बँधुआई चित्रित |
EZE 12:16 | काँपते हुए भविष्यद्वक्ता का चिन्ह |
EZE 12:20 | लोकप्रिय कहावत अलोकप्रिय सन्देश |
EZE 13:0 | मूर्ख भविष्यद्वक्ताओं पर हाय |
EZE 14:0 | परमेश्वर द्वारा मूर्तिपूजा की भर्त्सना |
EZE 14:11 | नूह, दानिय्येल, और अय्यूब |
EZE 15:0 | बेकार अंगूर की लता का दृष्टान्त |
EZE 16:0 | व्यभिचारिणी पत्नी का दृष्टान्त |
EZE 16:22 | यरूशलेम का जीवन एक वेश्या के समान |
EZE 16:34 | यरूशलेम को परमेश्वर का दण्ड |
EZE 16:43 | जैसी माँ वैसी पुत्री |
EZE 16:52 | सदोम और सामरिया की पुनर्स्थापना |
EZE 16:58 | एक वाचा जो सदा तक ठहरेगी |
EZE 17:0 | उकाबों का दृष्टान्त |
EZE 17:10 | दृष्टान्त का अर्थ |
EZE 17:21 | परमेश्वर की प्रतिज्ञा |
EZE 18:0 | पाप के लिए व्यक्तिगत जिम्मेदारी |
EZE 19:0 | राजकुमार के लिए इस्राएल का शोक |
EZE 20:0 | इस्राएल का विद्रोह |
EZE 20:32 | परमेश्वर इस्राएल को पुनर्स्थापित करेगा |
EZE 20:44 | दक्षिण देश के वन में आग |
EZE 21:0 | बाबेल, परमेश्वर की तलवार |
EZE 21:17 | अधर्म स्मरण किया जाना |
EZE 21:27 | अम्मोनियों के अपमान का बदला |
EZE 22:0 | यरूशलेम का अपराध |
EZE 22:16 | परमेश्वर की क्रोधाग्नि |
EZE 22:22 | इस्राएल के अगुओं का पाप |
EZE 23:0 | दो वेश्या बहनें |
EZE 23:4 | बड़ी बहन, सामरिया |
EZE 23:10 | छोटी बहन, यरूशलेम |
EZE 23:21 | यरूशलेम पर न्याय |
EZE 23:35 | दोनों बहनों को परमेश्वर का दण्ड |
EZE 24:0 | उबलता हुआ हण्डा |
EZE 24:14 | यहेजकेल की पत्नी की मृत्यु |
EZE 25:0 | अम्मोनियों के विरुद्ध न्याय |
EZE 25:7 | मोआब के विरुद्ध न्याय |
EZE 25:11 | एदोम के विरुद्ध न्याय |
EZE 25:14 | पलिश्तियों के विरुद्ध न्याय |
EZE 26:0 | सोर के विरुद्ध न्याय |
EZE 27:0 | सोर के लिए विलाप |
EZE 28:0 | सोर के राजा के विरुद्ध न्याय |
EZE 28:10 | सोर के राजा का पतन |
EZE 28:19 | सीदोन के विरुद्ध न्याय |
EZE 28:23 | इस्राएल को आशीष मिलेगी |
EZE 29:0 | मिस्र के विरुद्ध न्याय |
EZE 29:16 | बाबेल द्वारा मिस्र का लूटा जाना |
EZE 30:0 | मिस्र और उसके सहयोगियों को दण्ड मिलना |
EZE 30:19 | फ़िरौन के विरुद्ध उद्घोषणा |
EZE 31:0 | मिस्र और अश्शूर का पतन |
EZE 32:0 | फ़िरौन और मिस्र के लिए विलाप |
EZE 32:16 | मृतकों का संसार |
EZE 33:0 | पहरुआ और उसका सन्देश |
EZE 33:9 | परमेश्वर लोगों को नष्ट नहीं करना चाहता |
EZE 33:20 | यरूशलेम का पतन |
EZE 33:22 | लोगों का पाप |
EZE 33:29 | वचन सुनना और उन पर नहीं चलना |
EZE 34:0 | लापरवाह चरवाहे |
EZE 34:10 | परमेश्वर, सच्चा चरवाहा |
EZE 35:0 | एदोम को परमेश्वर का दण्ड |
EZE 36:0 | इस्राएल पर परमेश्वर की आशीष |
EZE 36:15 | इस्राएल का नया जीवन |
EZE 37:0 | सूखी हड्डियों की तराई का दर्शन |
EZE 37:14 | यहूदा और इस्राएल का फिर एक होना |
EZE 38:0 | गोग के विरुद्ध सन्देश |
EZE 39:0 | गोग की सेनाओं का नष्ट किया जाना |
EZE 39:10 | गोग का कब्रिस्तान |
EZE 39:16 | एक विजयी महोत्सव |
EZE 39:20 | इस्राएल की पुनः स्थापना |
EZE 40:0 | यहेजकेल का यरूशलेम पहुँचाया जाना |
EZE 40:4 | मन्दिर का पूर्वी प्रवेश-द्वार |
EZE 40:16 | बाहरी आँगन |
EZE 40:19 | उत्तरी प्रवेश-द्वार |
EZE 40:23 | दक्षिणी प्रवेश-द्वार |
EZE 40:27 | भीतरी आँगन : दक्षिणी प्रवेश-द्वार |
EZE 40:31 | भीतरी आँगन : पूर्वी प्रवेश-द्वार |
EZE 40:34 | भीतरी आँगन : उत्तरी प्रवेश-द्वार |
EZE 40:37 | बलिदान तैयार करने की कोठरियाँ |
EZE 40:43 | याजकों की कोठरियाँ |
EZE 40:46 | भीतरी आँगन और मन्दिर का भवन |
EZE 41:0 | मन्दिर की लम्बाई-चौड़ाई |
EZE 41:4 | मन्दिर की कोठरियाँ |
EZE 41:11 | पश्चिम की ओर का भवन |
EZE 41:15 | मन्दिर की सजावट |
EZE 41:20 | लकड़ी की वेदी |
EZE 41:22 | पवित्रस्थान के द्वार |
EZE 42:0 | याजकों के लिये कोठरियाँ |
EZE 42:14 | मन्दिर की बाहरी लम्बाई-चौड़ाई |
EZE 43:0 | भवन में परमेश्वर का तेज |
EZE 43:12 | वेदी की बनावट |
EZE 43:17 | वेदी का अर्पण |
EZE 44:0 | पूर्वी द्वार का उपयोग |
EZE 44:3 | मन्दिर में प्रवेश के नियम |
EZE 44:9 | लेवीय याजकपद से अलग किये गए |
EZE 44:14 | याजक |
EZE 45:0 | भूमि का पवित्र भाग |
EZE 45:6 | प्रधानों के लिये भूमि |
EZE 45:8 | प्रधान के लिये नियम |
EZE 45:17 | पर्व |
EZE 46:0 | नियत समयों में बलि |
EZE 46:12 | प्रतिदिन की भेंट |
EZE 46:15 | प्रधान और भूमि का भाग |
EZE 46:18 | मन्दिर के रसोईघर |
EZE 47:0 | जीवनदायी नदी |
EZE 47:12 | देश की सीमाएँ |
EZE 48:0 | गोत्रों में भूमि-वितरण |
EZE 48:7 | देश के मध्य में भूमि का विशेष भाग |
EZE 48:22 | अन्य गोत्रों के भाग |
EZE 48:29 | नया नगर |
DAN 1:0 | दानिय्येल और उसके मित्रों द्वारा परमेश्वर की आज्ञापालन |
DAN 2:0 | नबूकदनेस्सर का स्वप्न |
DAN 3:0 | सोने की प्रतिमा |
DAN 4:0 | नबूकदनेस्सर का दूसरा स्वप्न |
DAN 5:0 | बेलशस्सर की दावत |
DAN 6:0 | दानिय्येल के खिलाफ षड्यंत्र |
DAN 7:0 | चार प्राणियों का दर्शन |
DAN 8:0 | मेड़ा और बकरी का दर्शन |
DAN 9:0 | लोगों के लिए दानिय्येल की प्रार्थना |
DAN 10:0 | गौरवशाली मनुष्य का दर्शन |
DAN 12:0 | अंतिम दिनों की भविष्यद्वाणी |
HOS 3:0 | इस्राएल का परमेश्वर की ओर लौटना |
HOS 4:0 | इस्राएल के खिलाफ परमेश्वर का आवेश |
HOS 5:0 | इस्राएल और यहूदा पर का निकटतम न्याय |
HOS 6:0 | पश्चाताप की बुलाहट |
HOS 8:0 | इस्राएल का विधि-त्याग |
HOS 9:0 | इस्राएल के पाप का न्याय |
HOS 10:0 | इस्राएल का पाप और उनकी बँधुवाई |
HOS 11:0 | इस्राएल के प्रति परमेश्वर का अविरत प्यार |
HOS 12:0 | यहूदा के पाप पर परमेश्वर का क्रोध |
HOS 13:0 | इस्राएल पर कठोर न्याय |
HOS 14:0 | अन्त में इस्राएल की पुनर्स्थापना |
JOL 1:1 | टिड्डियों द्वारा विनाश |
AMO 2:0 | मोआब |
AMO 5:0 | पश्चाताप करने का आह्वान |
AMO 7:0 | विनाश के तीन दर्शन टिड्डियाँ |
AMO 8:0 | फलों से भरी टोकरी का दर्शन |
AMO 9:0 | परमेश्वर का न्याय |
OBA 1:0 | एदोम पर आनेवाला न्याय |
OBA 1:8 | एदोम का उसके भाई से दुर्व्यवहार |
OBA 1:15 | इस्राएल का आखरी विजय |
JNA 1:0 | परमेश्वर की आज्ञा का उल्लंघन करना |
JNA 2:0 | योना की प्रार्थना |
JNA 3:0 | आज्ञा का मानना |
JNA 4:0 | योना का क्रोध और परमेश्वर की दया |
MIC 4:0 | शान्ति का राज्य |
MIC 6:0 | इस्राएल के विरुद्ध परमेश्वर का अभियोग |
MIC 7:0 | इस्राएल का नैतिक पतन |
NAH 1:0 | परमेश्वर का अपने शत्रुओं पर क्रोध |
NAH 2:0 | नीनवे का विनाश |
NAH 3:0 | नीनवे का श्राप |
HAB 2:0 | हबक्कूक को परमेश्वर का उत्तर |
HAB 2:5 | दुष्ट का विनाश अवश्य |
HAB 3:0 | हबक्कूक की प्रार्थना |
ZEP 3:0 | यरूशलेम का पाप और उसका छुटकारा |
HAG 1:0 | परमेश्वर का भवन बनाने की आज्ञा |
HAG 1:11 | लोगों की आज्ञाकारिता |
HAG 2:0 | परमेश्वर के भवन की आनेवाली महिमा |
HAG 2:9 | लोगों का मलिन होना |
HAG 2:14 | प्रतिज्ञा की हुई आशीष |
ZEC 1:0 | पश्चाताप की बुलाहट |
ZEC 1:6 | घोड़ों का दर्शन |
ZEC 1:11 | प्रभु सिय्योन को सांत्वना देगा |
ZEC 1:16 | सींगों का दर्शन |
ZEC 2:0 | माप की रेखा का दर्शन |
ZEC 2:5 | सिय्योन और सारे राष्ट्रों का आनेवाला आनन्द |
ZEC 3:0 | महायाजक का दर्शन |
ZEC 3:5 | आनेवाली शाखा |
ZEC 4:0 | दीवट और जैतून वृक्ष |
ZEC 5:0 | उड़नेवाली चर्मपत्री का दर्शन |
ZEC 5:4 | एपा में बैठी स्त्री से सम्बन्धित दर्शन |
ZEC 6:0 | चार रथों का दर्शन |
ZEC 6:8 | यहोशू को ताज पहनाने की आज्ञा |
ZEC 7:0 | उपवास से आज्ञाकारिता भली |
ZEC 7:7 | बँधुआई का कारण आज्ञा का उल्लंघन |
ZEC 8:0 | यरूशलेम-भविष्यकालिन पवित्र नगर |
ZEC 9:0 | इस्राएल का शत्रुओं से बचाव |
ZEC 9:8 | सिय्योन का आनेवाला राजा |
ZEC 9:10 | प्रभु अपने लोगों को बचाएगा |
ZEC 10:0 | यहूदा और इस्राएल की पुनर्स्थापना |
ZEC 11:0 | इस्राएल की निर्जनता |
ZEC 11:3 | चरवाहों की भविष्यद्वाणी |
ZEC 12:0 | यहूदा का आनेवाला उद्धार |
ZEC 12:9 | छेदे हुए के लिए विलाप |
ZEC 13:0 | मूर्तिपूजा का सर्वनाश |
ZEC 13:6 | प्रभु के चरवाहे को मार डालने की आज्ञा |
ZEC 14:0 | परमेश्वर का दिन |
ZEC 14:15 | राष्ट्रों के राजा की आराधना करना |
MAL 1:1 | इस्राएल परमेश्वर का अतिप्रिय |
MAL 1:5 | प्रदुषित भेंट |
MAL 2:0 | भ्रष्ट याजक |
MAL 2:9 | व्यभिचारिता का विश्वासघात |
MAL 3:0 | आनेवाला संदेशवाहक |
MAL 3:7 | प्रभु को न लूटो |
MAL 3:12 | लोगों की कठोरतापूर्वक शिकायत |
MAL 3:15 | स्मरण की पुस्तक |
MAL 4:0 | परमेश्वर का महान दिन |
MAT 1:0 | यीशु मसीह की वंशावली |
MAT 1:17 | यीशु मसीह का जन्म |
MAT 2:0 | ज्योतिषियों का पूरब से आगमन |
MAT 2:12 | मिस्र देश को भागना |
MAT 2:15 | हेरोदेस द्वारा छोटे बालकों को मरवाना |
MAT 2:18 | मिस्र देश से वापसी |
MAT 3:0 | यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले का प्रचार |
MAT 3:12 | यूहन्ना द्वारा यीशु मसीह का बपतिस्मा |
MAT 4:0 | शैतान द्वारा यीशु मसीह की परीक्षा |
MAT 4:11 | यीशु के उपदेश का आरम्भ |
MAT 4:17 | प्रथम चेलों का बुलाया जाना |
MAT 4:22 | गलील में रोगियों को चंगा करना |
MAT 5:0 | यीशु मसीह का पहाड़ी उपदेश |
MAT 5:2 | धन्य वचन |
MAT 5:12 | नमक और ज्योति से तुलना |
MAT 5:16 | व्यवस्था का पूरा होना |
MAT 5:20 | हत्या और क्रोध का दण्ड |
MAT 5:26 | व्यभिचार के विषय में शिक्षा |
MAT 5:30 | तलाक के विषय में शिक्षा |
MAT 5:32 | शपथ न खाना |
MAT 5:37 | प्रतिशोध ना लेना |
MAT 6:0 | दान के विषय में शिक्षा |
MAT 6:4 | प्रार्थना की शिक्षा |
MAT 6:15 | उपवास की शिक्षा |
MAT 6:18 | स्वर्ग में धन इकट्ठा करो |
MAT 6:21 | शरीर का दिया |
MAT 6:23 | किसी बात की चिंता ना करना |
MAT 7:0 | दोष मत लगाओ |
MAT 7:6 | परमेश्वर से माँगना और पाना |
MAT 7:12 | सरल और कठिन मार्ग |
MAT 7:14 | फलों से पेड़ की पहचान |
MAT 7:23 | बुद्धिमान और मूर्ख मनुष्य |
MAT 8:0 | कोढ़ के रोगी को छूकर चंगा करना |
MAT 8:4 | सूबेदार के विश्वास पर यीशु की प्रशंसा |
MAT 8:13 | पतरस के घर में अनेक रोगियों की चंगाई |
MAT 8:17 | यीशु का शिष्य बनने का मूल्य |
MAT 8:22 | आँधी और तूफान को शान्त करना |
MAT 8:27 | दुष्टात्माओं को सूअरों के झुण्ड में भेजना |
MAT 9:0 | एक लकवे के रोगी को चंगा करना |
MAT 9:8 | यीशु के द्वारा मत्ती का बुलाया जाना |
MAT 9:13 | यूहन्ना के चेलों का उपवास का प्रश्न |
MAT 9:17 | मृत लड़की का जी उठना |
MAT 9:26 | अंधों का विश्वास |
MAT 9:31 | एक गूँगे को चंगाई |
MAT 9:34 | मजदूरों को भेजने के लिए विनती |
MAT 10:0 | बारह प्रेरित |
MAT 10:4 | चेलों को सेवा के लिए भेजा जाना |
MAT 10:15 | आनेवाला कठिन समय |
MAT 10:23 | चेला होने का अर्थ |
MAT 10:25 | किस से डरे? |
MAT 10:31 | यीशु को स्वीकार या अस्वीकार करना |
MAT 10:39 | प्रतिफल |
MAT 11:0 | यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले का प्रश्न |
MAT 11:6 | यीशु के द्वारा यूहन्ना का सम्मान |
MAT 11:19 | मन नहीं फिराने वालों पर हाय |
MAT 11:24 | यीशु के पास विश्राम |
MAT 12:0 | यीशु सब्त का प्रभु |
MAT 12:8 | सूखे हाथ वाला मनुष्य |
MAT 12:14 | परमेश्वर का चुना हुआ सेवक |
MAT 12:21 | यीशु और दुष्टात्माओं के शासक |
MAT 12:32 | एक पेड़ अपने फल से पहचाना जाता हैं |
MAT 12:37 | यीशु से चिन्ह की माँग |
MAT 12:42 | अशुद्ध आत्मा को घर की तलाश |
MAT 12:45 | यीशु का सच्चा परिवार |
MAT 13:0 | केवल अच्छी भूमि में फलों के उत्पादन का दृष्टान्त |
MAT 13:9 | दृष्टान्तों का उद्देश्य |
MAT 13:17 | अच्छी भूमि के दृष्टान्त की व्याख्या |
MAT 13:23 | गेहूँ और जंगली बीज का दृष्टान्त |
MAT 13:30 | राई के बीज का दृष्टान्त |
MAT 13:32 | ख़मीर का दृष्टान्त |
MAT 13:33 | दृष्टान्तों का प्रयोग |
MAT 13:35 | जंगली बीज के दृष्टान्त की व्याख्या |
MAT 13:43 | गुप्त धन |
MAT 13:44 | अनमोल मोती |
MAT 13:46 | जाल का दृष्टान्त |
MAT 13:50 | नई और पुरानी शिक्षा का महत्त्व |
MAT 13:52 | यीशु को नासरत में फिर से आना |
MAT 14:0 | हेरोदेस का यीशु के बारे में सुनना |
MAT 14:2 | यूहन्ना की हत्या |
MAT 14:12 | पाँच हजार लोगों को खिलाना |
MAT 14:21 | पानी पर यीशु का चलना |
MAT 14:33 | यीशु द्वारा गन्नेसरत में अनेक रोगियों को चंगाई |
MAT 15:0 | परम्परा और आज्ञा उल्लंघन का प्रश्न |
MAT 15:9 | अशुद्ध करनेवाली बातें |
MAT 15:20 | कनानी जाति की स्त्री का विश्वास |
MAT 15:28 | अनेक रोगियों को चंगा करना |
MAT 15:31 | चार हजार लोगों को खिलाना |
MAT 16:0 | फरीसियों द्वारा यीशु का परखा जाना |
MAT 16:4 | फरीसियों और सदूकियों का ख़मीर |
MAT 16:12 | पतरस का यीशु को मसीह स्वीकारना |
MAT 16:20 | अपनी मृत्यु के विषय यीशु की भविष्यद्वाणी |
MAT 16:23 | यीशु के पीछे चलने का मतलब |
MAT 17:0 | यीशु का रूपान्तर |
MAT 17:13 | मिर्गी से पीड़ित बालक को चंगाई |
MAT 17:21 | अपनी मृत्यु के विषय यीशु की पुनः भविष्यद्वाणी |
MAT 17:23 | मन्दिर का कर लेना |
MAT 18:0 | स्वर्ग के राज्य में बड़ा कौन? |
MAT 18:5 | ठोकर खिलाने वालों पर हाय |
MAT 18:9 | खोई हुई भेड़ का दृष्टान्त |
MAT 18:14 | अपराधियों के प्रति व्यवहार |
MAT 18:17 | रोकना और अवसर देना |
MAT 18:20 | क्षमा न करनेवाले दास का दृष्टान्त |
MAT 19:0 | तलाक का प्रश्न |
MAT 19:12 | बच्चों को आशीर्वाद |
MAT 19:15 | धनी नवयुवक का महत्त्वपूर्ण प्रश्न |
MAT 20:0 | दाख-वाटिका के मजदूरों का दृष्टान्त |
MAT 20:16 | अपनी मृत्यु और पुनरुत्थान के विषय पुनः भविष्यद्वाणी |
MAT 20:19 | एक माँ का अपने बच्चों के लिए आग्रह |
MAT 20:28 | दो अंधों को दृष्टिदान |
MAT 21:0 | यीशु का यरूशलेम में विजय प्रवेश |
MAT 21:11 | मन्दिर से व्यापारियों का निकाला जाना |
MAT 21:17 | अंजीर के पेड़ से शिक्षा |
MAT 21:22 | यहूदी अगुओं का यीशु के अधिकार पर संदेह |
MAT 21:27 | दो पुत्रों का दृष्टान्त |
MAT 21:32 | दुष्ट किसानों का दृष्टान्त |
MAT 22:0 | विवाह-भोज का दृष्टान्त |
MAT 22:14 | कैसर को कर देना |
MAT 22:22 | पुनरुत्थान और विवाह |
MAT 22:33 | सबसे बड़ी आज्ञा |
MAT 22:40 | मसीह दाऊद का पुत्र या दाऊद का प्रभु है? |
MAT 23:0 | शास्त्रियों और फरीसियों की आलोचना |
MAT 23:36 | यीशु का यरूशलेम पर विलाप |
MAT 24:0 | यीशु द्वारा मन्दिर के विनाश की भविष्यद्वाणी |
MAT 24:2 | यीशु के वापस आने का चिन्ह |
MAT 24:14 | महासंकट का आरम्भ |
MAT 24:28 | मनुष्य के पुत्र का पुनरागमन |
MAT 24:31 | अंजीर के पेड़ से शिक्षा |
MAT 24:35 | जागते रहो |
MAT 24:44 | विश्वासयोग्य दास और दुष्ट दास |
MAT 25:0 | दूल्हे की प्रतीक्षा करती दस कुँवारियों का दृष्टान्त |
MAT 25:13 | तीन दासों का दृष्टान्त |
MAT 25:30 | यीशु संसार का न्याय करेगा |
MAT 26:0 | यीशु की हत्या का षड्यंत्र |
MAT 26:5 | यीशु पर बहुमूल्य इत्र का छिड़काव |
MAT 26:13 | यहूदा इस्करियोती का विश्वासघात |
MAT 26:16 | चेलों के साथ फसह का अन्तिम भोज |
MAT 26:25 | प्रभु भोज |
MAT 26:30 | पतरस के इन्कार की भविष्यद्वाणी |
MAT 26:35 | गतसमनी के बगीचे में प्रार्थना |
MAT 26:46 | यीशु को बन्दी बनाना |
MAT 26:56 | कैफा के सामने यीशु |
MAT 26:68 | पतरस द्वारा यीशु को नकारना |
MAT 27:0 | पिलातुस के सामने यीशु |
MAT 27:2 | यहूदा इस्करियोती की आत्महत्या |
MAT 27:10 | पिलातुस का यीशु से प्रश्न |
MAT 27:14 | यीशु को छोड़ने में पिलातुस असफल |
MAT 27:25 | क्रूस पर चढ़ाने के लिए सौंपना |
MAT 27:26 | सिपाहियों द्वारा यीशु का अपमान |
MAT 27:31 | यीशु का क्रूस पर चढ़ाया जाना |
MAT 27:44 | यीशु का प्राण त्यागना |
MAT 27:56 | यीशु का दफनाया जाना |
MAT 27:61 | यीशु की क्रब पर पहरा |
MAT 28:0 | यीशु का जी उठना |
MAT 28:8 | स्त्रियों को यीशु का दर्शन |
MAT 28:10 | पहरेदारों की सूचना |
MAT 28:15 | चेलों को दर्शन और अन्तिम आज्ञा |
MRK 1:0 | यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले का सन्देश |
MRK 2:0 | यीशु द्वारा लकवे के रोगी को चंगा करना |
MRK 3:0 | सूखे हाथवाले मनुष्य का चंगा होना |
MRK 4:0 | बीज बोनेवाले का दृष्टान्त |
MRK 5:0 | दुष्टात्माग्रस्त व्यक्ति को चंगा करना |
MRK 6:0 | नासरत में यीशु का अनादर |
MRK 7:0 | परम्परा और नियम |
MRK 8:0 | यीशु द्वारा चार हजार लोगों को खिलाना |
MRK 9:0 | यीशु का रूपांतरण |
MRK 10:0 | विवाह और तलाक के विषय में शिक्षा |
MRK 11:0 | यीशु का यरूशलेम में प्रवेश करना |
MRK 11:26 | अधिकार पर प्रश्न |
MRK 12:0 | यीशु द्वारा दुष्ट किसानों का दृष्टान्त |
MRK 13:0 | यीशु द्वारा मन्दिर के विनाश की भविष्यद्वाणी |
MRK 14:0 | यीशु को मारने के लिए षड़यंत्र |
MRK 15:0 | पिलातुस का यीशु से प्रश्न |
MRK 16:0 | खाली कब्र |
MRK 16:11 | दो चेलों को दिखाई देना |
MRK 16:13 | महान आदेश |
MRK 16:18 | यीशु का स्वर्गारोहण |
LUK 1:0 | लूका का उद्देश्य |
LUK 1:4 | जकर्याह और एलीशिबा |
LUK 1:7 | स्वर्गदूत द्वारा यूहन्ना के जन्म की भविष्यद्वाणी |
LUK 1:25 | स्वर्गदूत का मरियम के सामने प्रगट होना |
LUK 1:38 | इलीशिबा के पास मरियम का जाना |
LUK 1:45 | मरियम द्वारा परमेश्वर की स्तुति |
LUK 1:56 | यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले का जन्म |
LUK 1:66 | जकर्याह की भविष्यद्वाणी |
LUK 2:0 | बैतलहम में यीशु का जन्म |
LUK 2:7 | चरवाहों को स्वर्गदूत का सन्देश |
LUK 2:14 | चरवाहों का बैतलहम को जाना |
LUK 2:20 | यीशु का खतना और नामकरण |
LUK 2:24 | शमौन की भविष्यद्वाणी |
LUK 2:35 | हन्नाह द्वारा गवाही |
LUK 2:38 | यूसुफ और मरियम का घर लौटना |
LUK 2:40 | बालक यीशु मन्दिर में |
LUK 3:0 | यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले का सन्देश |
LUK 3:18 | हेरोदेस द्वारा यूहन्ना को बन्दीगृह में डालना |
LUK 3:20 | यूहन्ना द्वारा यीशु का बपतिस्मा |
LUK 3:22 | यीशु की वंशावली |
LUK 4:0 | यीशु की परीक्षा |
LUK 4:13 | गलील में सेवाकार्य |
LUK 4:15 | नासरत में यीशु अस्वीकृत |
LUK 4:30 | अशुद्ध आत्मा को बाहर निकालना |
LUK 4:37 | पतरस की सास और अन्य लोगों को चंगा करना |
LUK 4:41 | गलील में प्रचार |
LUK 5:0 | यीशु का प्रथम चेला |
LUK 5:11 | कोढ़ी का शुद्ध किया जाना |
LUK 5:16 | यीशु द्वारा लकवा के रोगी को चंगा करना |
LUK 5:26 | मत्ती का बुलाया जाना |
LUK 5:28 | पापियों के साथ खाना |
LUK 5:30 | उपवास पर यीशु का मत |
LUK 6:0 | यीशु सब्त का प्रभु |
LUK 6:5 | सब्त के दिन रोगी का अच्छा किया जाना |
LUK 6:11 | बारह प्रेरित |
LUK 6:16 | यीशु का लोगों को उपदेश देना और चंगा करना |
LUK 6:19 | आशीष के वचन |
LUK 6:23 | शोक वचन |
LUK 6:26 | शत्रु से भी प्रेम करना |
LUK 6:36 | दोष मत लगाओ |
LUK 6:42 | पेड़ की पहचान फल से |
LUK 6:45 | घर बनानेवाले दो प्रकार के मनुष्य |
LUK 7:0 | सूबेदार के विश्वास पर यीशु का अचम्भित होना |
LUK 7:10 | मृतक को जीवन-दान |
LUK 7:17 | यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले का प्रश्न |
LUK 7:35 | शमौन फरीसी के घर पापिन स्त्री को क्षमादान |
LUK 8:0 | यीशु की शिष्याएँ |
LUK 8:3 | बीज बोनेवाले का दृष्टान्त |
LUK 8:8 | दृष्टान्तों का उद्देश्य |
LUK 8:10 | बीज बोनेवाले दृष्टान्त का अर्थ |
LUK 8:15 | दीपक का दृष्टान्त |
LUK 8:18 | यीशु का सच्चा परिवार |
LUK 8:21 | आँधी और तूफान को शान्त करना |
LUK 8:25 | दुष्टात्माओं का बाहर निकाला जाना |
LUK 8:39 | रोगी स्त्री और मृत लड़की को जीवनदान |
LUK 9:0 | बारह शिष्यों को भेजा जाना |
LUK 9:6 | हेरोदेस का घबराना |
LUK 9:9 | पाँच हजार लोगों को खिलाना |
LUK 9:17 | पतरस का यीशु को मसीह स्वीकारना |
LUK 9:21 | यीशु द्वारा अपनी मृत्यु की भविष्यद्वाणी |
LUK 9:22 | यीशु के पीछे चलने का मतलब |
LUK 9:27 | मूसा और एलिय्याह के साथ यीशु |
LUK 9:36 | लड़के को दुष्टात्मा से छुटकारा |
LUK 9:45 | सबसे बड़ा कौन? |
LUK 9:48 | जो विरोध में नहीं, वह पक्ष में है |
LUK 9:50 | यरूशलेम की यात्रा |
LUK 9:56 | यीशु के पीछे चलने का मतलब |
LUK 10:0 | सत्तर चेलों का भेजा जाना |
LUK 10:12 | मन नहीं फिराने वालों पर हाय |
LUK 10:16 | सत्तर चेलों का वापस आना |
LUK 10:20 | पुत्र द्वारा पिता को प्रगट करना |
LUK 10:24 | एक अच्छे सामरी का दृष्टान्त |
LUK 10:37 | मार्था और मरियम |
LUK 11:0 | प्रार्थना की शिक्षा |
LUK 11:4 | माँगते रहो |
LUK 11:13 | यीशु और दुष्टात्माओं के शासक |
LUK 11:23 | अशुद्ध आत्मा को घर की तलाश |
LUK 11:28 | स्वर्गीय प्रमाण की माँग |
LUK 11:32 | शरीर का दीया |
LUK 11:36 | शास्त्रियों और फरीसियों को फटकार |
LUK 12:0 | शास्त्रियों और फरीसियों के जैसे मत बनो |
LUK 12:3 | उसी से डरो |
LUK 12:7 | यीशु को इन्कार करने का मतलब |
LUK 12:12 | एक धनवान व्यक्ति का दृष्टान्त |
LUK 12:21 | किसी बात की चिन्ता ना करो |
LUK 12:31 | धन को कहाँ इकट्ठा करना? |
LUK 12:34 | सदा तैयार रहो |
LUK 12:40 | विश्वासयोग्य सेवक कौन? |
LUK 12:48 | शान्ति नहीं फूट |
LUK 12:53 | समय की पहचान |
LUK 12:56 | अपनी समस्याओं को सुलझाओ |
LUK 13:0 | पश्चाताप करो या नाश हों |
LUK 13:5 | बिना फलवाला अंजीर का पेड़ |
LUK 13:9 | कुबड़ी स्त्री को चंगा करना |
LUK 13:17 | राई के दाने और ख़मीर का दृष्टान्त |
LUK 13:21 | सकेत द्वार |
LUK 13:30 | हेरोदेस की शत्रुता |
LUK 13:33 | यरूशलेम के लिये विलाप |
LUK 14:0 | सब्त के दिन चंगाई |
LUK 14:6 | अतिथियों का सत्कार |
LUK 14:11 | प्रतिफल |
LUK 14:14 | बड़े भोज का दृष्टान्त |
LUK 14:24 | कौन यीशु का चेला बन सकता है? |
LUK 14:33 | स्वादहीन नमक |
LUK 15:0 | खोई हुई भेड़ का दृष्टान्त |
LUK 15:7 | खोए हुए सिक्के का दृष्टान्त |
LUK 15:10 | उड़ाऊ पुत्र का दृष्टान्त |
LUK 15:19 | उड़ाऊ पुत्र का लौटना |
LUK 15:24 | बड़े पुत्र की शिकायत |
LUK 16:0 | चालाक प्रबन्धक |
LUK 16:13 | परमेश्वर के राज्य का मूल्य |
LUK 16:18 | धनवान व्यक्ति और गरीब लाज़र |
LUK 17:0 | चेतावनी |
LUK 17:4 | तुम्हारा विश्वास कितना बड़ा है? |
LUK 17:6 | उत्तम सेवक |
LUK 17:10 | एक कोढ़ी का आभार |
LUK 17:19 | परमेश्वर के राज्य का प्रगट होना |
LUK 18:0 | विधवा और अधर्मी न्यायाधीश |
LUK 18:8 | कौन धर्मी ठहराया जाएगा? |
LUK 18:14 | परमेश्वर का राज्य बच्चों के समान |
LUK 18:17 | एक धनी का यीशु से प्रश्न |
LUK 18:30 | पुनरुत्थान की भविष्यद्वाणी |
LUK 18:34 | अंधे भिखारी को आँखें |
LUK 19:0 | जक्कई के घर यीशु |
LUK 19:10 | दस मुहरें |
LUK 19:27 | यरूशलेम में विजय प्रवेश |
LUK 19:40 | यरूशलेम के लिये विलाप |
LUK 19:44 | मन्दिर की सफाई |
LUK 20:0 | यहूदियों द्वारा यीशु से प्रश्न |
LUK 20:8 | दुष्ट किसानों का दृष्टान्त |
LUK 20:18 | शास्त्रियों और प्रधान याजकों की चाल |
LUK 20:26 | पुनरुत्थान और विवाह |
LUK 20:40 | मसीह दाऊद का पुत्र या दाऊद का प्रभु है? |
LUK 20:44 | शास्त्रियों के विरुद्ध यीशु की चेतावनी |
LUK 21:0 | कंगाल विधवा का सच्चा दान |
LUK 21:4 | युग के अन्त के लक्षण |
LUK 21:19 | यरूशलेम का नाश |
LUK 21:24 | यीशु के वापस आने का संकेत |
LUK 21:28 | परमेश्वर का राज्य निकट है |
LUK 21:33 | सदा तैयार रहो |
LUK 22:0 | यीशु की हत्या का षड्यंत्र |
LUK 22:2 | यहूदा इस्करियोती का विश्वासघात |
LUK 22:6 | फसह की तैयारी |
LUK 22:13 | प्रभु का अन्तिम भोज |
LUK 22:23 | कौन बड़ा समझा जाएगा? |
LUK 22:30 | पतरस के इन्कार की भविष्यद्वाणी |
LUK 22:34 | यातना सहने को तैयार रहो |
LUK 22:38 | जैतून के पहाड़ पर यीशु की प्रार्थना |
LUK 22:46 | यीशु को बन्दी बनाना |
LUK 22:53 | पतरस का इन्कार |
LUK 22:62 | यीशु का उपहास |
LUK 22:65 | पुरनिए और महासभा के सामने यीशु |
LUK 23:0 | पिलातुस द्वारा यीशु से प्रश्न |
LUK 23:7 | यीशु का हेरोदेस के पास भेजा जाना |
LUK 23:12 | पिलातुस द्वारा यीशु को मृत्युदण्ड |
LUK 23:25 | यीशु का क्रूस पर चढ़ाया जाना |
LUK 23:38 | क्रूस पर मन फिराने वाला कुकर्मी |
LUK 23:43 | यीशु का प्राण त्यागना |
LUK 23:49 | अरिमतियाह का यूसुफ के द्वारा यीशु को दफनाना |
LUK 24:0 | यीशु का जी उठना |
LUK 24:12 | इम्माऊस के मार्ग पर चेलों को दर्शन |
LUK 24:35 | यीशु का अपने चेलों पर प्रगट होना |
LUK 24:49 | यीशु का स्वर्ग को वापसी |
JHN 1:0 | आदि में वचन था |
JHN 2:0 | काना में शादी |
JHN 3:0 | यीशु और नीकुदेमुस |
JHN 4:0 | यीशु और सामरी स्त्री |
JHN 5:0 | अड़तीस वर्ष के रोगी को चंगा करना |
JHN 6:0 | पाँच हजार लोगों को खिलाना |
JHN 7:0 | यीशु और उसके भाई |
JHN 8:0 | व्यभिचारिणी को क्षमा |
JHN 8:11 | यीशु जगत की ज्योति |
JHN 9:0 | जन्म के अंधे को दृष्टिदान |
JHN 10:0 | चरवाहा और भेड़ों का दृष्टान्त |
JHN 11:0 | लाज़र की मृत्यु |
JHN 12:0 | बैतनिय्याह में यीशु का अभिषेक |
JHN 13:0 | प्रभु भोज |
JHN 14:0 | यीशु का अपने चेलों को सांत्वना देना |
JHN 15:0 | सच्ची दाखलता |
JHN 17:0 | यीशु की स्वयं के लिये प्रार्थना |
JHN 18:0 | बगीचे में यीशु का पकड़वाया जाना |
JHN 19:0 | कोड़े लगवाना और मजाक उड़ाना |
JHN 20:0 | खाली कब्र |
JHN 21:0 | तिबिरियुस झील के किनारे चेलों पर प्रगट होना |
ACT 1:0 | प्रस्तावना |
ACT 1:3 | पवित्र आत्मा की प्रतिज्ञा |
ACT 1:8 | यीशु का स्वर्गारोहण |
ACT 1:11 | सामूहिक प्रार्थना |
ACT 1:14 | एक नये प्रेरित का चुनाव |
ACT 2:0 | पवित्र आत्मा का आगमन |
ACT 2:13 | पिन्तेकुस्त के दिन पतरस का भाषण |
ACT 2:41 | विश्वासियों का साझा जीवन |
ACT 3:0 | लँगड़े भिखारी की चंगाई |
ACT 3:10 | सुलैमान के ओसारे में पतरस का सन्देश |
ACT 4:0 | पतरस और यूहन्ना की गिरफ्तारी |
ACT 4:4 | पतरस और यूहन्ना: यहूदी सभा के सामने |
ACT 4:12 | यीशु के नाम के लिये चेलों को धमकी |
ACT 4:22 | चेलों की प्रार्थना |
ACT 4:31 | विश्वासियों का सहयोगी |
ACT 5:0 | पवित्र आत्मा से झूठ बोलना |
ACT 5:11 | प्रेरितों द्वारा चिन्ह और चमत्कार |
ACT 5:16 | प्रेरितों को बन्दीगृह में डालना |
ACT 6:0 | सात सुनाम सेवकों का चुना जाना |
ACT 6:7 | स्तिफनुस की गिरफ्तारी |
ACT 7:0 | महासभा में स्तिफनुस का भाषण |
ACT 7:53 | स्तिफनुस की हत्या |
ACT 8:0 | शाऊल का विश्वासियों पर अत्याचार |
ACT 8:3 | सामरिया में फिलिप्पुस |
ACT 8:8 | शमौन जादूगर |
ACT 8:13 | सामरियों का पवित्र आत्मा पाना |
ACT 8:17 | शमौन का पाप |
ACT 8:25 | कूश के खोजे को फिलिप्पुस का उपदेश |
ACT 9:0 | शाऊल का हृदय परिवर्तन |
ACT 9:9 | शाऊल का बपतिस्मा |
ACT 9:19 | शाऊल द्वारा यीशु मसीह का प्रचार |
ACT 9:25 | यरूशलेम में शाऊल |
ACT 9:31 | ऐनियास का चंगा होना |
ACT 9:35 | दोरकास को जीवनदान |
ACT 10:0 | कुरनेलियुस का दर्शन |
ACT 10:8 | पतरस का दर्शन |
ACT 10:16 | कुरनेलियुस के घर पतरस |
ACT 10:33 | कुरनेलियुस के घर पतरस का उपदेश |
ACT 10:43 | गैर-यहूदियों पर पवित्र आत्मा का उतरना |
ACT 11:0 | पतरस का यरूशलेम लौटना |
ACT 11:18 | अन्ताकिया में शाऊल और बरनबास |
ACT 12:0 | हेरोदेस की हिंसा |
ACT 12:4 | पतरस का बन्दीगृह से छुटकारा |
ACT 12:19 | हेरोदेस का कीड़े पड़कर मरना |
ACT 13:0 | बरनबास और शाऊल का भेजा जाना |
ACT 13:3 | पौलुस की प्रथम प्रचार यात्रा |
ACT 13:12 | पिसिदिया के अन्ताकिया में पौलुस का उपदेश |
ACT 13:41 | अन्ताकिया में पौलुस और बरनबास |
ACT 14:0 | पौलुस और बरनबास का इकुनियुम में विरोध |
ACT 14:7 | लुस्त्रा में एक लँगड़े का चंगा होना |
ACT 14:20 | सीरिया के अन्ताकिया को लौटना |
ACT 15:0 | यरूशलेम की सभा |
ACT 15:12 | याकूब का निर्णय |
ACT 15:21 | गैर-यहूदी विश्वासियों को पत्र |
ACT 15:35 | पौलुस और बरनबास में मतभेद |
ACT 15:39 | पौलुस की (सीलास के साथ) द्वितीय प्रचार यात्रा |
ACT 16:0 | पौलुस और तीमुथियुस |
ACT 16:5 | पौलुस का दर्शन |
ACT 16:13 | यूरोप कि प्रथम विश्वासी |
ACT 16:15 | दुष्ट आत्मा से छुटकारा |
ACT 16:21 | पौलुस और सीलास बन्दीगृह में |
ACT 16:24 | पौलुस और सीलास को बन्दीगृह से छुटकारा |
ACT 16:29 | दरोगा का हृदय परिवर्तन |
ACT 17:0 | थिस्सलुनीके नगर में पौलुस और सीलास |
ACT 17:9 | बिरीया नगर में पौलुस और सीलास |
ACT 17:15 | एथेंस नगर में पौलुस |
ACT 17:21 | अरियुपगुस में पौलुस का उपदेश |
ACT 18:0 | कुरिन्थुस में पौलुस |
ACT 18:17 | अन्ताकिया को लौटना |
ACT 18:22 | पौलुस का तृतीय प्रचार-यात्रा का आरम्भ |
ACT 18:23 | अपुल्लोस नामक विद्वान पुरुष |
ACT 19:0 | इफिसुस में पौलुस |
ACT 19:10 | इफिसुस में सामर्थ्य के अनोखे काम |
ACT 19:22 | इफिसुस में उपद्रव |
ACT 20:0 | मकिदुनिया, यूनान और त्रोआस में पौलुस |
ACT 20:6 | यूतुखुस का जिलाया जाना |
ACT 20:12 | त्रोआस से मीलेतुस की यात्रा |
ACT 20:16 | इफिसुस के प्राचीनों को उपदेश |
ACT 21:0 | यरूशलेम की यात्रा |
ACT 21:16 | यरूशलेम में पौलुस का आगमन |
ACT 21:26 | मन्दिर में पौलुस की गिरफ्तारी |
ACT 22:0 | भीड़ में पौलुस का सन्देश |
ACT 22:5 | हृदय-परिवर्तन का वर्णन |
ACT 22:29 | महासभा के सामने पौलुस |
ACT 23:11 | पौलुस की हत्या का षड्यंत्र |
ACT 23:22 | पौलुस का कैसरिया को भेजा जाना |
ACT 24:0 | फेलिक्स के सामने पौलुस |
ACT 24:9 | फेलिक्स के सम्मुख पौलुस का प्रत्युत्तर |
ACT 24:23 | पौलुस की फेलिक्स और उसकी पत्नी से बातचीत |
ACT 25:0 | फेस्तुस के सम्मुख |
ACT 25:9 | पौलुस का कैसर की दुहाई देना |
ACT 25:12 | अग्रिप्पा के सम्मुख पौलुस |
ACT 26:0 | अग्रिप्पा के सम्मुख स्पष्टीकरण |
ACT 27:0 | पौलुस का रोम भेजा जाना |
ACT 27:8 | पौलुस की सलाह नज़रअंदाज़ |
ACT 27:12 | समुद्र में तूफान |
ACT 27:26 | जहाज का टूटना |
ACT 28:0 | माल्टा द्वीप में पौलुस का स्वागत |
ACT 28:10 | माल्टा द्वीप से रोम की ओर |
ACT 28:16 | पौलुस रोम में |
ROM 1:0 | अभिवादन |
ROM 1:7 | रोम को जाने की कामना |
ROM 1:15 | धर्मी विश्वास से जीएगा |
ROM 1:17 | अधार्मिकता पर परमेश्वर का क्रोध |
ROM 2:0 | परमेश्वर का धर्मी न्याय |
ROM 2:24 | खतने का लाभ न होना |
ROM 3:0 | परमेश्वर के न्याय की प्रतिरक्षा |
ROM 3:8 | सब ने पाप किया |
ROM 3:20 | विश्वास के द्वारा परमेश्वर की धार्मिकता |
ROM 4:0 | अब्राहम विश्वास से धर्मी ठहरा |
ROM 4:4 | अब्राहम खतने से पूर्व विश्वास से धर्मी ठहरा |
ROM 5:0 | परमेश्वर से मेल |
ROM 5:11 | आदम में मृत्यु, मसीह में जीवन |
ROM 6:0 | पाप के लिए मृत, परमेश्वर के लिए जीवित |
ROM 6:14 | पाप के दासत्व से, परमेश्वर के दास |
ROM 7:6 | व्यवस्था और पाप |
ROM 7:12 | पाप से बचाने में व्यवस्था असमर्थ |
ROM 8:0 | पवित्र आत्मा के द्वारा जीवन |
ROM 8:11 | आत्मा के द्वारा मसीह के वारिस |
ROM 8:17 | कष्ट से महिमा तक |
ROM 8:30 | परमेश्वर का अनन्त प्रेम |
ROM 9:0 | परमेश्वर के चुने हुए लोग |
ROM 9:5 | इस्राएल का नकारना और परमेश्वर का उद्देश्य |
ROM 9:13 | इस्राएल का नकारना और परमेश्वर का न्याय |
ROM 9:29 | इस्राएल की वर्तमान परिस्थिति |
ROM 10:0 | इस्राएल को सुसमाचार की आवश्यकता |
ROM 10:13 | इस्राएल का सुसमाचार को नकारना |
ROM 11:0 | इस्राएल पर परमेश्वर की दया |
ROM 11:10 | इस्राएल का नकारना अन्तिम नहीं |
ROM 12:0 | परमेश्वर को जीवित बलिदान |
ROM 12:2 | आत्मिक वरदानों से परमेश्वर की सेवा |
ROM 12:8 | मसीही व्यवहार |
ROM 13:0 | शासन के अधीन |
ROM 13:7 | पड़ोसी से प्रेम |
ROM 13:10 | मसीह को पहन लेना |
ROM 14:0 | स्वतंत्रता का नियम |
ROM 14:13 | प्रेम का नियम |
ROM 15:0 | दूसरों का बोझ उठाना |
ROM 15:6 | एकजुट होकर परमेश्वर की महिमा |
ROM 15:13 | यरूशलेम से इल्लुरिकुम |
ROM 15:21 | रोम को जाने की योजना |
ROM 16:0 | बहन फीबे को अभिवादन |
ROM 16:2 | रोम के संतों को अभिवादन |
ROM 16:16 | विभाजनकारी व्यक्तियों का त्याग |
ROM 16:20 | पौलुस के मित्रों से अभिवादन |
ROM 16:24 | आशीर्वाद |
CO1 1:0 | अभिवादन |
CO1 1:3 | पौलुस का परमेश्वर को धन्यवाद |
CO1 1:9 | कुरिन्थुस की कलीसिया में विभाजन |
CO1 1:17 | मसीह की शक्ति और परमेश्वर का ज्ञान |
CO1 1:25 | केवल प्रभु में घमण्ड |
CO1 2:0 | पौलुस की उद्घोषणा |
CO1 2:5 | आत्मिक ज्ञान |
CO1 3:0 | मनुष्यों का अनुसरण उचित नहीं |
CO1 3:4 | परमेश्वर के दासों की भूमिका |
CO1 3:17 | सांसारिक ज्ञान से बचो |
CO1 4:0 | मसीह के विश्वासयोग्य भण्डारी |
CO1 4:5 | मसीह के लिये मूर्ख |
CO1 4:13 | मसीह का अनुसरण करने की पौलुस की सलाह |
CO1 5:0 | कलीसिया में अनैतिक सदस्य |
CO1 5:8 | अनैतिकता के लिये न्याय |
CO1 6:0 | आपसी विवादों का निबटारा |
CO1 6:11 | शरीर और आत्मा में परमेश्वर की महिमा |
CO1 7:0 | विवाह के सिद्धांत |
CO1 7:7 | अविवाहितों के लिये सलाह |
CO1 7:9 | विवाहितों के लिये सलाह |
CO1 7:16 | परमेश्वर की बुलाहट के अनुसार चलो |
CO1 7:24 | विवाह सम्बन्धित प्रश्नों के उत्तर |
CO1 8:0 | चढ़ावे का भोजन |
CO1 9:0 | प्रेरितों का उदाहरण |
CO1 9:18 | सभी की सेवा |
CO1 9:23 | मसीही दौड़ |
CO1 10:0 | इस्राएल के इतिहास से चेतावनी |
CO1 10:13 | मूर्ति पूजा वर्जित |
CO1 10:22 | मसीही स्वतंत्रता |
CO1 11:0 | सिर ढकने सम्बन्धित निर्देश |
CO1 11:16 | प्रभु भोज के विषय में |
CO1 12:0 | पवित्र आत्मा के वरदान |
CO1 12:11 | देह एक : अंग अनेक |
CO1 13:0 | प्रेम महान है |
CO1 14:0 | अन्य-अन्य भाषाएँ और भविष्यद्वाणी |
CO1 14:5 | अन्य भाषा की व्याख्या की जानी चाहिए |
CO1 14:19 | अन्य भाषा अविश्वासियों के लिये चिन्ह |
CO1 14:25 | उपासना में अनुशासन |
CO1 15:0 | पौलुस का सुसमाचार और मसीह का पुनरुत्थान |
CO1 15:11 | मरे हुओ का पुनरुत्थान |
CO1 15:34 | हमें कैसी देह मिलेगी? |
CO1 16:0 | यरूशलेम की कलीसिया के लिये दान |
CO1 16:4 | यात्रा का कार्यक्रम |
CO1 16:12 | अन्तिम आदेश |
CO1 16:18 | निष्कर्ष |
CO2 1:0 | अभिवादन |
CO2 1:2 | शान्ति का परमेश्वर |
CO2 1:7 | दुःख से बचाया |
CO2 1:11 | शुद्ध विवेक |
CO2 1:14 | यात्रा में परिवर्तन |
CO2 2:0 | अपने प्रेम की पुष्टि करना |
CO2 2:4 | पापी को क्षमा |
CO2 2:11 | मकिदुनिया के लिये यात्रा |
CO2 2:13 | मसीही सेवक—जीवन की सुगन्ध |
CO2 3:0 | मसीही जीवित पत्र |
CO2 3:3 | पौलुस की क्षमता |
CO2 3:6 | नई वाचा की महिमा |
CO2 4:0 | सुसमाचार का प्रकाश |
CO2 4:6 | मिट्टी के पात्रों में धन |
CO2 5:0 | हमारा स्वर्गीय घर |
CO2 5:8 | मसीह के न्याय आसन |
CO2 5:10 | परमेश्वर से मेल-मिलाप की सेवा |
CO2 5:15 | मसीह में नई सृष्टि |
CO2 6:0 | सेवकाई के अनुभव |
CO2 6:2 | पौलुस की कठिनाईयाँ |
CO2 6:13 | हम परमेश्वर के मन्दिर है |
CO2 7:1 | आनन्द और पश्चाताप |
CO2 8:0 | उदारतापूर्वक दान देना |
CO2 8:7 | मसीह हमारा नमूना |
CO2 8:15 | तीतुस का कुरिन्थुस को भेजा जाना |
CO2 9:0 | मदद की प्रेरणा |
CO2 9:5 | अच्छे दान दाता |
CO2 10:0 | आत्मिक युद्ध |
CO2 10:6 | पौलुस के अधिकार |
CO2 10:11 | पौलुस के अधिकार की सीमाएँ |
CO2 11:0 | उनके विश्वासयोग्यता के लिये चिन्ता |
CO2 11:4 | पौलुस और झूठे प्रेरित |
CO2 11:15 | मसीह के लिये दुःख उठाना |
CO2 12:0 | पौलुस को दिव्य दर्शन |
CO2 12:6 | शरीर में काँटा |
CO2 12:10 | एक प्रेरित के लक्षण |
CO2 12:13 | कलीसिया के लिये प्रेम |
CO2 13:0 | अन्तिम चेतावनी |
CO2 13:10 | शुभकामनाएँ और आशीर्वाद |
GAL 1:0 | पौलुस की ओर से अभिवादन |
GAL 1:5 | केवल एक ही सुसमाचार |
GAL 1:10 | प्रेरिताई के लिये बुलाहट |
GAL 2:0 | पौलुस के नेतृत्व की पुष्टि |
GAL 2:10 | अन्ताकिया में पतरस की असंगति |
GAL 2:14 | विश्वास और कार्य |
GAL 3:0 | विश्वास के द्वारा धार्मिकता |
GAL 3:9 | व्यवस्था द्वारा श्राप |
GAL 3:14 | स्थिर प्रतिज्ञा |
GAL 3:18 | व्यवस्था का उद्देश्य |
GAL 3:25 | पुत्र और वारिस |
GAL 4:0 | मसीह में परमेश्वर के स्वतंत्र पुत्र |
GAL 4:7 | कलीसिया के लिये पौलुस की चिन्ता |
GAL 4:20 | दो वाचाएँ: सारा और हागार |
GAL 5:0 | मसीह में स्वतंत्रता |
GAL 5:6 | प्रेम द्वारा व्यवस्था का पूरा होना |
GAL 5:15 | आत्मा और मानव-प्रकृति |
GAL 6:0 | सब के साथ भलाई करें |
GAL 6:5 | जीवन खेत बोने जैसा है |
GAL 6:10 | अन्तिम चेतावनी और शुभकामनाएँ |
EPH 1:0 | अभिवादन |
EPH 1:2 | मसीह में छुटकारा |
EPH 1:14 | आत्मिक ज्ञान के लिये प्रार्थना |
EPH 2:0 | मृत्यु से जीवन की ओर |
EPH 2:10 | मसीह में एक |
EPH 2:18 | मसीह हमारा कोने का पत्थर |
EPH 3:0 | रहस्य प्रगट हुआ |
EPH 3:7 | रहस्य का उद्देश्य |
EPH 3:13 | इफिसियों के लिये प्रार्थना |
EPH 4:0 | मसीह की देह में एकता |
EPH 4:6 | आत्मिक वरदान |
EPH 4:16 | नया व्यक्ति |
EPH 4:24 | आत्मा को शोकित ना करना |
EPH 5:0 | प्रेम में चलो |
EPH 5:7 | ज्योति में चलो |
EPH 5:14 | बुद्धि में चलो |
EPH 5:21 | पतियों और पत्नियों को आदेश |
EPH 6:0 | माता-पिता और बच्चे |
EPH 6:4 | स्वामी और दास |
EPH 6:9 | आत्मिक युद्ध के हथियार |
EPH 6:20 | अन्तिम नमस्कार |
PHP 1:0 | अभिवादन |
PHP 1:2 | धन्यवाद और कलीसिया के लिये प्रार्थना |
PHP 1:11 | कैदी के रूप में सेवा |
PHP 1:19 | जीवित रहना मसीह है |
PHP 1:26 | प्रयास और मसीह के लिये दुःख उठाना |
PHP 2:0 | मसीही विनम्रता |
PHP 2:4 | मसीह की दीनता और महानता |
PHP 2:11 | ज्योति सदृश्य चमको |
PHP 2:18 | तीमुथियुस की सराहना |
PHP 2:24 | इपफ्रुदीतुस की सराहना |
PHP 3:0 | जीवन का लक्ष्य |
PHP 3:11 | लक्ष्य की ओर बढ़ते जाना |
PHP 3:16 | स्वर्ग में हमारी नागरिकता |
PHP 4:0 | पौलुस की सलाह |
PHP 4:3 | सदा आनन्दित रहो |
PHP 4:7 | इन बातों पर ध्यान लगाओ |
PHP 4:9 | दान के लिये धन्यवाद |
PHP 4:20 | नमस्कार और आशीर्वाद |
COL 1:0 | शुभकामनाएँ |
COL 1:2 | धन्यवाद |
COL 1:8 | आत्मिक उन्नति के लिये प्रार्थना |
COL 1:14 | मसीह की श्रेष्ठता और उसके कार्य |
COL 1:23 | कलीसिया के लिये परिश्रम |
COL 2:5 | मसीह में बने रहो |
COL 2:19 | मसीह के साथ जीना और मरना |
COL 3:0 | पवित्र जीवन के नियम |
COL 3:11 | मसीही जीवन |
COL 3:17 | मसीही परिवार के लिये नियम |
COL 4:0 | मसीही अनुग्रह |
COL 4:6 | अन्तिम नमस्कार |
TH1 1:0 | शुभकामनाएँ |
TH1 1:1 | थिस्सलुनीकियों का अच्छा उदाहरण |
TH1 2:0 | पौलुस का आचरण |
TH1 2:12 | थिस्सलुनीकियों के लोगों का रूपान्तरण |
TH1 2:16 | कलीसिया से मिलने की अभिलाषा |
TH1 3:0 | विश्वास के लिये चिन्ता |
TH1 3:5 | तीमुथियुस द्वारा उत्साहित |
TH1 3:10 | कलीसिया के लिये प्रार्थना |
TH1 4:0 | पवित्रता के लिये बुलाहट |
TH1 4:8 | प्रेम और कार्य |
TH1 4:12 | मसीह का पुनरागमन |
TH1 5:0 | पुनरागमन के लिये तैयार रहना |
TH1 5:11 | कलीसिया को उपदेश |
TH1 5:22 | आशीर्वाद |
TH2 1:0 | शुभकामनाएँ |
TH2 1:2 | न्याय का दिन |
TH2 2:0 | पाप का पुरुष अर्थात् विनाश का पुत्र |
TH2 2:12 | दृढ़ बने रहो |
TH2 3:0 | प्रार्थना का अनुरोध |
TH2 3:5 | आलस्य के विरुद्ध चेतावनी |
TH2 3:15 | अन्तिम शुभकामनाएँ |
TI1 1:0 | शुभकामनाएँ |
TI1 1:2 | झूठी शिक्षाओं के विरुद्ध चेतावनी |
TI1 1:11 | पौलुस की गवाही |
TI1 1:17 | तीमुथियुस का उत्तरदायित्व |
TI1 2:0 | सभी के लिये प्रार्थना |
TI1 2:7 | कलीसियाओं में स्त्री और पुरुष को निर्देश |
TI1 3:0 | अध्यक्ष की योग्यता |
TI1 3:7 | सेवकों की योग्यता |
TI1 3:13 | महान रहस्य |
TI1 4:0 | झूठे उपदेशकों से सावधान |
TI1 4:5 | मसीह के उत्तम सेवक |
TI1 4:11 | सेवकाई पर ध्यान रखना |
TI1 5:0 | कलीसिया के सदस्यों से बर्ताव |
TI1 5:2 | विधवाओं की सहायता |
TI1 5:16 | वचन के सिखानेवाले प्राचीनों का सम्मान |
TI1 6:0 | मसीही दासों का आचरण |
TI1 6:10 | अच्छा अंगीकार |
TI1 6:16 | धनवानों को निर्देश |
TI1 6:19 | विश्वास की रखवाली |
TI2 1:0 | शुभकामनाएँ |
TI2 1:2 | विश्वासयोग्यता के लिये प्रोत्साहन |
TI2 1:7 | सुसमाचार के लिये लज्जित न हो |
TI2 1:12 | विश्वास के प्रति वफादार |
TI2 2:0 | उत्तम योद्धा |
TI2 2:13 | उत्तम कारीगर |
TI2 3:0 | अन्तिम दिनों की चेतावनी |
TI2 3:9 | मसीही जीवन में संघर्ष |
TI2 4:0 | वचन का प्रचार कर |
TI2 4:8 | निजी सन्देश |
TI2 4:18 | अन्तिम शुभकामनाएँ |
TIT 1:0 | शुभकामनाएँ |
TIT 1:4 | प्राचीन की योग्यताएँ |
TIT 1:9 | पाखण्डी शिक्षक |
TIT 2:0 | सच्ची शिक्षा का अनुसरण |
TIT 3:0 | मसीही चाल-चलन |
TIT 3:8 | कलह से बचे |
TIT 3:11 | अन्तिम सन्देश |
TIT 3:14 | शुभकामनाएँ |
PHM 1:0 | शुभकामनाएँ |
PHM 1:3 | धन्यवाद और प्रार्थना |
PHM 1:7 | उनेसिमुस के लिये विनती |
PHM 1:16 | फिलेमोन की आज्ञाकारिता से उत्साहित |
PHM 1:22 | अन्तिम शुभकामनाएँ |
HEB 1:0 | पुत्र का स्वभाव |
HEB 1:4 | यीशु स्वर्गदूतों से श्रेष्ठ |
HEB 2:0 | उद्धार की उपेक्षा के विरुद्ध चेतावनी |
HEB 3:0 | मूसा विश्वासयोग्य दास: मसीह विश्वासयोग्य पुत्र |
HEB 3:6 | अविश्वास के प्रति चेतावनी |
HEB 4:0 | विश्राम में प्रवेश |
HEB 4:13 | हमारा महान महायाजक |
HEB 5:0 | महायाजक के लिये योग्यता |
HEB 5:4 | हमेशा के लिये महायाजक |
HEB 5:10 | आत्मिक अपरिपक्वता |
HEB 6:0 | भटकने का परिणाम |
HEB 6:12 | विश्वसनीय प्रतिज्ञा |
HEB 7:0 | मलिकिसिदक याजक |
HEB 7:10 | एक नये याजक की आवश्यकता |
HEB 7:19 | नये महायाजक की महानता |
HEB 8:0 | स्वर्गीय महायाजक |
HEB 8:6 | नयी वाचा |
HEB 9:0 | सांसारिक तम्बू |
HEB 9:5 | सांसारिक सेवा की सीमाएँ |
HEB 9:10 | स्वर्गीय तम्बू |
HEB 9:22 | मसीह के बलिदान द्वारा पाप—क्षमा |
HEB 10:0 | पशु का बलिदान अपर्याप्त |
HEB 10:4 | मसीह का बलिदान पर्याप्त |
HEB 10:18 | साहस के साथ परमेश्वर तक पहुँच |
HEB 11:0 | विश्वास के नायक |
HEB 12:0 | धीरज की बुलाहट |
HEB 12:2 | परमेश्वर द्वारा ताड़ना |
HEB 12:10 | आत्मिक जीवन शक्ति का नवीनीकरण |
HEB 13:0 | ग्रहणयोग्य सेवा |
HEB 13:16 | प्रार्थना का निवेदन |
HEB 13:19 | आशीर्वाद |
JAM 1:0 | शुभकामनाएँ |
JAM 1:1 | परीक्षाओं का महत्त्व |
JAM 1:8 | धनी और निर्धन |
JAM 1:11 | परमेश्वर परीक्षा नहीं लेता |
JAM 1:18 | सुनना और उस पर चलना |
JAM 1:25 | भक्ति का सच्चा मार्ग |
JAM 2:0 | पक्षपात के विरुद्ध चेतावनी |
JAM 2:13 | विश्वास और कार्य |
JAM 3:0 | जीभ एक आग |
JAM 3:12 | सच्चा विवेक |
JAM 4:0 | संसार से मित्रता |
JAM 4:12 | भविष्य की चिन्ता |
JAM 5:0 | धनवानों को सलाह |
JAM 5:6 | धीरज रखना |
JAM 5:12 | विश्वासपूर्ण प्रार्थना की शक्ति |
PE1 1:0 | शुभकामनाएँ |
PE1 1:2 | एक स्वर्गीय विरासत |
PE1 1:9 | नबियों की साक्षी |
PE1 1:12 | पवित्र जीवन जीने की बुलाहट |
PE1 2:0 | चुना हुआ पत्थर और उसके चुने हुए लोग |
PE1 2:10 | परमेश्वर के लिये जीना |
PE1 2:12 | अधिकारियों के अधीन रहना |
PE1 2:17 | मसीह के दुःख का उदाहरण |
PE1 3:0 | पत्नियाँ |
PE1 3:6 | पति |
PE1 3:7 | आशीष के वारिस होने की बुलाहट |
PE1 3:12 | भलाई करने के कारण सताव |
PE1 3:17 | मसीह का दुःख |
PE1 4:0 | बदला हुआ जीवन |
PE1 4:6 | परमेश्वर की महिमा के लिये सेवा |
PE1 4:11 | परमेश्वर की महिमा के लिये दुःख उठाना |
PE1 5:0 | झुण्ड का चरवाहा |
PE1 5:4 | परमेश्वर को समर्पित करना और शैतान का विरोध करना |
PE1 5:11 | अन्तिम अभिवादन |
PE2 1:0 | शुभकामनाएँ |
PE2 2:0 | विनाशकारी सिद्धांत |
PE2 3:0 | प्रभु के आगमन का दिन |
JN1 1:0 | जीवन के वचन की घोषणा |
JN1 2:0 | यीशु हमारा सहायक |
JN1 4:0 | सत्य की आत्मा और असत्य की आत्मा |
JN1 5:0 | संसार पर विजय |
JN2 1:0 | प्राचीनों की ओर से चुने हुओं को अभिवादन |
JN3 1:0 | शुभकामनाएँ |
JN3 1:4 | उदारता के लिये सराहना |
JN3 1:8 | दियुत्रिफेस और दिमेत्रियुस |
JN3 1:12 | अन्तिम शुभकामनाएँ |
JDE 1:0 | शुभकामनाएँ |
JDE 1:1 | विश्वास के लिये संघर्ष |
JDE 1:16 | प्रयत्नशील बने रहो |
JDE 1:23 | परमेश्वर की स्तुति |
REV 1:0 | परिचय |
REV 2:0 | प्रेमहीन कलीसिया |
REV 3:0 | मृत कलीसिया |
REV 4:0 | स्वर्ग में दृश्य |
REV 5:0 | मुहरबन्द पुस्तक कौन खोल सकता है? |
REV 6:0 | प्रथम मुहर—सफेद घोड़े पर सवार |
REV 7:0 | एक अंतराल |
REV 8:0 | सातवी मुहर—तुरहियाँ और सोने का धूपदान |
REV 9:0 | पाँचवी तुरही |
REV 10:0 | स्वर्गदूत और छोटी पुस्तक |
REV 11:0 | दो गवाह |
REV 12:0 | स्त्री और विशालकाय अजगर |
REV 13:0 | समुद्र में से निकले दो पशु |
REV 14:0 | मेम्ना और 1,44,000 लोग |
REV 15:0 | प्रकोप से भरे हुए सात सोने के कटोरे |
REV 16:0 | प्रथम कटोरा |
REV 17:0 | स्त्री और लाल रंग का पशु |
REV 18:0 | बाबेल का विनाश |
REV 19:0 | स्वर्ग में परमेश्वर की स्तुति |
REV 20:0 | शैतान को 1000 वर्ष के लिये अथाह कुण्ड में डालना |
REV 21:0 | नयी सृष्टि |
REV 22:0 | जीवन जल की नदी |
PSA 3:0 | दाऊद का भजन। जब वह अपने पुत्र अबशालोम के सामने से भागा जाता था |
PSA 4:0 | प्रधान बजानेवाले के लिये: तारवाले बाजों के साथ। दाऊद का भजन |
PSA 5:0 | प्रधान बजानेवाले के लिये: बांसुरियों के साथ, दाऊद का भजन |
PSA 6:0 | प्रधान बजानेवाले के लिये: तारवाले बाजों के साथ। खर्ज की राग में, दाऊद का भजन |
PSA 7:0 | दाऊद का शिग्गायोन नामक भजन जो बिन्यामीनी कूश की बातों के कारण यहोवा के सामने गाया |
PSA 8:0 | प्रधान बजानेवालों के लिये गित्तीत की राग पर दाऊद का भजन |
PSA 9:0 | प्रधान बजानेवाले के लिये मुतलबैयन कि राग पर दाऊद का भजन |
PSA 11:0 | प्रधान बजानेवाले के लिये दाऊद का भजन |
PSA 12:0 | प्रधान बजानेवाले के लिये खर्ज की राग में दाऊद का भजन |
PSA 13:0 | प्रधान बजानेवाले के लिये दाऊद का भजन |
PSA 14:0 | प्रधान बजानेवाले के लिये दाऊद का भजन |
PSA 15:0 | दाऊद का भजन |
PSA 16:0 | दाऊद का मिक्ताम |
PSA 17:0 | दाऊद की प्रार्थना |
PSA 18:0 | प्रधान बजानेवाले के लिये। यहोवा के दास दाऊद का गीत, जिसके वचन उसने यहोवा के लिये उस समय गाया जब यहोवा ने उसको उसके सारे शत्रुओं के हाथ से, और शाऊल के हाथ से बचाया था, उसने कहा |
PSA 19:0 | प्रधान बजानेवाले के लिये दाऊद का भजन |
PSA 20:0 | प्रधान बजानेवाले के लिये दाऊद का भजन |
PSA 21:0 | प्रधान बजानेवाले के लिये दाऊद का भजन |
PSA 22:0 | प्रधान बजानेवाले के लिये अभ्येलेरशर राग में दाऊद का भजन |
PSA 23:0 | दाऊद का भजन |
PSA 24:0 | दाऊद का भजन |
PSA 25:0 | दाऊद का भजन |
PSA 26:0 | दाऊद का भजन |
PSA 27:0 | दाऊद का भजन |
PSA 28:0 | दाऊद का भजन |
PSA 29:0 | दाऊद का भजन |
PSA 30:0 | भवन की प्रतिष्ठा के लिये दाऊद का भजन |
PSA 31:0 | प्रधान बजानेवाले के लिये दाऊद का भजन |
PSA 32:0 | दाऊद का भजन मश्कील |
PSA 34:0 | दाऊद का भजन जब वह अबीमेलेक के सामने बौरहा बना, और अबीमेलेक ने उसे निकाल दिया, और वह चला गया |
PSA 35:0 | दाऊद का भजन |
PSA 36:0 | प्रधान बजानेवाले के लिये यहोवा के दास दाऊद का भजन |
PSA 37:0 | दाऊद का भजन |
PSA 38:0 | यादगार के लिये दाऊद का भजन |
PSA 39:0 | यदूतून प्रधान बजानेवाले के लिये दाऊद का भजन |
PSA 40:0 | प्रधान बजानेवाले के लिये दाऊद का भजन |
PSA 41:0 | प्रधान बजानेवाले के लिये दाऊद का भजन |
PSA 42:0 | प्रधान बजानेवाले के लिये कोरहवंशियों का मश्कील |
PSA 44:0 | प्रधान बजानेवाले के लिये कोरहवंशियों का मश्कील |
PSA 45:0 | प्रधान बजानेवाले के लिये शोशन्नीम में कोरहवंशियों का मश्कील प्रेम प्रीति का गीत |
PSA 46:0 | प्रधान बजानेवाले के लिये कोरहवंशियों का, अलामोत की राग पर एक गीत |
PSA 47:0 | प्रधान बजानेवाले के लिये कोरहवंशियों का भजन |
PSA 48:0 | गीत । कोरहवंशियों का भजन |
PSA 49:0 | प्रधान बजानेवाले के लिये कोरहवंशियों का भजन |
PSA 50:0 | आसाप का भजन |
PSA 51:0 | प्रधान बजानेवाले के लिये दाऊद का भजन जब नातान नबी उसके पास इसलिए आया कि वह बतशेबा के पास गया था |
PSA 52:0 | प्रधान बजानेवाले के लिये मश्कील पर दाऊद का भजन जब दोएग एदोमी ने शाऊल को बताया कि दाऊद अहीमेलेक के घर गया था |
PSA 53:0 | प्रधान बजानेवाले के लिये महलत की राग पर दाऊद का मश्कील |
PSA 54:0 | प्रधान बजानेवाले के लिये, दाऊद का तारकले बाजों के साथ मश्कील जब जीपियों ने आकर शाऊल से कहा, “क्या दाऊद हमारे बीच में छिपा नहीं रहता?” |
PSA 55:0 | प्रधान बजानेवाले के लिये, तारवाले बाजों के साथ। दाऊद का मश्कील |
PSA 56:0 | प्रधान बजानेवाले के लिये योनतेलेखद्दोकीम में दाऊद का मिक्ताम जब पलिश्तियों ने उसको गत नगर में पकड़ा था |
PSA 57:0 | प्रधान बजानेवाले के लिये अल-तशहेत राग में दाऊद का मिक्ताम जब वह शाऊल से भागकर गुफा में छिप गया था |
PSA 58:0 | प्रधान बजानेवाले के लिये अल-तशहेत राग में दाऊद का मिक्ताम |
PSA 59:0 | प्रधान बजानेवाले के लिये अल-तशहेत राग में दाऊद का मिक्ताम; जब शाऊल के भेजे हुए लोगों ने घर का पहरा दिया कि उसको मार डाले |
PSA 60:0 | प्रधान बजानेवाले के लिये दाऊद का मिक्ताम शूशनेदूत राग में। शिक्षादायक। जब वह अरम्नहरैम और अरमसोबा से लड़ता था। और योआब ने लौटकर नमक की तराई में एदोमियों में से बारह हजार पुरुष मार लिये |
PSA 61:0 | प्रधान बजानेवाले के लिये तारवाले बाजे के साथ दाऊद का भजन |
PSA 62:0 | प्रधान बजानेवाले के लिये दाऊद का भजन। यदूतून की राग पर |
PSA 63:0 | दाऊद का भजन; जब वह यहूदा के जंगल में था। |
PSA 64:0 | प्रधान बजानेवाले के लिये दाऊद का भजन |
PSA 65:0 | प्रधान बजानेवाले के लिये दाऊद का भजन, गीत |
PSA 66:0 | प्रधान बजानेवाले के लिये गीत, भजन |
PSA 67:0 | प्रधान बजानेवाले के लिये तारवाले बाजों के साथ भजन, गीत |
PSA 68:0 | प्रधान बजानेवाले के लिये दाऊद का भजन, गीत |
PSA 69:0 | प्रधान बजानेवाले के लिये शोशन्नीम राग में दाऊद का गीत |
PSA 70:0 | प्रधान बजानेवाले के लिये: स्मरण कराने के लिये दाऊद का भजन |
PSA 72:0 | सुलैमान का गीत |
PSA 73:0 | आसाप का भजन |
PSA 74:0 | आसाप का मश्कील |
PSA 75:0 | प्रधान बजानेवाले के लिये : अलतशहेत राग में आसाप का भजन । गीत । |
PSA 76:0 | प्रधान बजानेवाले के लिये: तारवाले बाजों के साथ, आसाप का भजन, गीत |
PSA 77:0 | प्रधान बजानेवाले के लिये: यदूतून की राग पर, आसाप का भजन |
PSA 78:0 | आसाप का मश्कील |
PSA 79:0 | आसाप का भजन |
PSA 80:0 | प्रधान बजानेवाले के लिये: शोशत्रीमेदूत राग में आसाप का भजन |
PSA 81:0 | प्रधान बजानेवाले के लिये : गित्तीथ राग में आसाप का भजन |
PSA 82:0 | आसाप का भजन |
PSA 83:0 | आसाप का भजन |
PSA 84:0 | प्रधान बजानेवाले के लिये गित्तीथ में कोरहवंशियों का भजन |
PSA 85:0 | प्रधान बजानेवालों के लिये : कोरहवंशियों का भजन |
PSA 86:0 | दाऊद की प्रार्थना |
PSA 87:0 | कोरहवंशियों का भजन |
PSA 88:0 | कोरहवंशियों का भजन |
PSA 88:0 | प्रधान बजानेवाले के लिये : महलतलग्नोत राग में एज्रावंशी हेमान का मश्कील |
PSA 89:0 | एतान एज्रावंशी का मश्कील |
PSA 90:0 | परमेश्वर के जन मूसा की प्रार्थना |
PSA 92:0 | भजन । विश्राम के दिन के लिये गीत |
PSA 98:0 | भजन |
PSA 100:0 | धन्यवाद का भजन |
PSA 101:0 | दाऊद का भजन |
PSA 102:0 | दीन जन की उस समय की प्रार्थना जब वह दुःख का मारा अपने शोक की बातें यहोवा के सामने खोलकर कहता हो |
PSA 103:0 | दाऊद का भजन |
PSA 108:0 | दाऊद का भजन |
PSA 109:0 | प्रधान बजानेवाले के लिये दाऊद का भजन |
PSA 110:0 | दाऊद का भजन |
PSA 119:0 | आलेफ |
PSA 119:8 | बेथ |
PSA 119:16 | गिमेल |
PSA 119:24 | दाल्थ |
PSA 119:32 | हे |
PSA 119:40 | वाव |
PSA 119:48 | ज़ैन |
PSA 119:56 | हेथ |
PSA 119:64 | टेथ |
PSA 119:72 | योध |
PSA 119:80 | क़ाफ |
PSA 119:88 | लामेध |
PSA 119:96 | मीम |
PSA 119:104 | नून |
PSA 119:112 | सामेख |
PSA 119:120 | ऐन |
PSA 119:128 | पे |
PSA 119:136 | सांदे |
PSA 119:144 | क़ाफ |
PSA 119:152 | रेश |
PSA 119:160 | शीन |
PSA 119:168 | ताव |
PSA 120:0 | यात्रा का गीत |
PSA 121:0 | यात्रा का गीत |
PSA 122:0 | दाऊद की यात्रा का गीत |
PSA 123:0 | यात्रा का गीत |
PSA 124:0 | दाऊद की यात्रा का गीत |
PSA 125:0 | दाऊद की यात्रा का गीत |
PSA 126:0 | यात्रा का गीत |
PSA 127:0 | सुलैमान की यात्रा का गीत |
PSA 128:0 | यात्रा का गीत |
PSA 129:0 | यात्रा का गीत |
PSA 130:0 | यात्रा का गीत |
PSA 131:0 | दाऊद की यात्रा का गीत |
PSA 132:0 | यात्रा का गीत |
PSA 133:0 | दाऊद की यात्रा का गीत |
PSA 134:0 | यात्रा का गीत |
PSA 138:0 | दाऊद का भजन |
PSA 139:0 | प्रधान बजानेवाले के लिये दाऊद का भजन |
PSA 140:0 | प्रधान बजानेवाले के लिये दाऊद का भजन |
PSA 141:0 | दाऊद का भजन |
PSA 142:0 | दाऊद का मश्कील, जब वह गुफा में था : प्रार्थना |
PSA 143:0 | दाऊद का भजन |
PSA 144:0 | दाऊद का भजन |
PSA 145:0 | दाऊद का भजन |